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इंडरा ने भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 1.9% किया

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंडरा) ने वित्त वर्ष 2020-21 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के अनुमानों की समीक्षा कर इसे 3.6 प्रतिशत से घटाकर 1.9 प्रतिशत कर दिया है.

इंडरा ने भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 1.9% किया
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Published : Apr 27, 2020, 3:43 PM IST

मुंबई: इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंडरा) ने कोविड-19 महामारी और अर्थव्यवस्था पर इसके असर का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमानों को सोमवार को संशोधित कर 1.9 प्रतिशत तक घटा दिया, जो पिछले 29 वर्षों में सबसे कम वृद्धि होगी.

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि यह अनुमान इस मान्यता पर आधारित हैं कि आंशिक लॉकडाउन मई मध्य तक जारी रहेगा.यदि लॉकडाउन मई मध्य के बाद भी जारी रहा तो जीडीपी वृद्धि दर नकारात्मक हो सकती है.

ये भी पढ़ें- लंबे लॉकडाउन से हाशिये पर चले जाएंगे लाखों भारतीय: पूर्व आरबीआई गवर्नर

इंडरा के प्रधान अर्थशास्त्री और लोक वित्त के निदेशक सुनील कुमार सिन्हा ने एक रिपोर्ट में कहा, "हमने वित्त वर्ष 2020-21 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के अनुमानों की समीक्षा कर इसे 3.6 प्रतिशत से घटाकर 1.9 प्रतिशत कर दिया है." इससे पहले इतनी कम वृद्धि वित्त वर्ष 1991-92 के दौरान थी जब कि जीडीपी केवल 1.1 प्रतिशत बढ़ा था.

उन्होंने कहा कि हालांकि यदि लॉकडाउन मई मध्य के आगे भी जारी रहा और धीमे धीमें हालात में सुधार जुन के अंत से शुरू हआ , तो जीडीपी 2.1 प्रतिशत गिर सकता है. इस स्थिति में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन 41 साल का सबसे निम्न होगा.

कई वैश्विक और घरेलू शोध एजेंसियों ने कोविड-19 महामारी और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव के बीच भारत के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के पूर्वानुमानों में कटौती की है.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंडरा) ने कोविड-19 महामारी और अर्थव्यवस्था पर इसके असर का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमानों को सोमवार को संशोधित कर 1.9 प्रतिशत तक घटा दिया, जो पिछले 29 वर्षों में सबसे कम वृद्धि होगी.

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि यह अनुमान इस मान्यता पर आधारित हैं कि आंशिक लॉकडाउन मई मध्य तक जारी रहेगा.यदि लॉकडाउन मई मध्य के बाद भी जारी रहा तो जीडीपी वृद्धि दर नकारात्मक हो सकती है.

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इंडरा के प्रधान अर्थशास्त्री और लोक वित्त के निदेशक सुनील कुमार सिन्हा ने एक रिपोर्ट में कहा, "हमने वित्त वर्ष 2020-21 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के अनुमानों की समीक्षा कर इसे 3.6 प्रतिशत से घटाकर 1.9 प्रतिशत कर दिया है." इससे पहले इतनी कम वृद्धि वित्त वर्ष 1991-92 के दौरान थी जब कि जीडीपी केवल 1.1 प्रतिशत बढ़ा था.

उन्होंने कहा कि हालांकि यदि लॉकडाउन मई मध्य के आगे भी जारी रहा और धीमे धीमें हालात में सुधार जुन के अंत से शुरू हआ , तो जीडीपी 2.1 प्रतिशत गिर सकता है. इस स्थिति में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन 41 साल का सबसे निम्न होगा.

कई वैश्विक और घरेलू शोध एजेंसियों ने कोविड-19 महामारी और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव के बीच भारत के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के पूर्वानुमानों में कटौती की है.

(पीटीआई-भाषा)

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