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भारत का थोक मुद्रास्फीति अक्टूबर में 40-महीने के निचले स्तर पर - खाद्य एवं ईंधन

अक्टूबर महीने में थोक महंगाई दर में गिरावट आई है. थोक महंगाई दर सितंबर महीने के मुकाबले अक्टूबर में थोक महंगाई 0.33 फीसदी से घटकर 0.16 फीसदी पर आ गई है.

देश की थोक महंगाई अक्टूबर में घटकर 0.16 फीसदी पर
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Published : Nov 14, 2019, 12:14 PM IST

Updated : Nov 14, 2019, 3:37 PM IST

नई दिल्ली: गैर-खाद्य सामग्री और विनिर्माण उत्पादों के दाम में नरमी से थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में गिरकर 0.16 प्रतिशत पर आ गई. इससे पहले सितंबर महीने में यह 0.33 प्रतिशत थी. बृहस्पतिवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.

थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति 40 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है. इससे पहले जून 2016 में यह -0.10 पर थी. वहीं, मासिक थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर 2018 में 5.54 प्रतिशत पर थी.

देश की थोक महंगाई अक्टूबर में घटकर 0.16 फीसदी पर पहुंची
देश की थोक महंगाई अक्टूबर में घटकर 0.16 फीसदी पर पहुंची

ये भी पढ़ें- बजट 2020: वित्त मंत्रालय ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में बदलाव को लेकर मांगें सुझाव

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, खाने-पीने के सामान की मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने के दौरान बढ़कर 9.80 प्रतिशत पर जबकि गैर-खाद्य उत्पाद वर्ग की मुद्रास्फीति 2.35 प्रतिशत पर रही.

विनिर्माण उत्पाद के लिए थोक मुद्रास्फीति इसी महीने शून्य से 0.84 प्रतिशत नीचे रही. हालांकि, फल और सब्जियों समेत खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से अक्टूबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ती हुई 4.62 प्रतिशत पर पहुंच गयी. यह इसका 16 महीने का उच्च स्तर है.

जिन वस्तुओं में मुद्रास्फीति की उच्चतम दर देखी गई, उनमें प्याज (119.84%), सब्जियों (38.91%) और दालें (16.57%) शामिल हैं. जबकि कुछ वस्तुओं में जो अपस्फीति का सामना करना पड़ा वह एलपीजी (-30.97%), क्रूड पेट्रोलियम (-23.63) और पेट्रोल (-10.54) थी.

नई दिल्ली: गैर-खाद्य सामग्री और विनिर्माण उत्पादों के दाम में नरमी से थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में गिरकर 0.16 प्रतिशत पर आ गई. इससे पहले सितंबर महीने में यह 0.33 प्रतिशत थी. बृहस्पतिवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.

थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति 40 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है. इससे पहले जून 2016 में यह -0.10 पर थी. वहीं, मासिक थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर 2018 में 5.54 प्रतिशत पर थी.

देश की थोक महंगाई अक्टूबर में घटकर 0.16 फीसदी पर पहुंची
देश की थोक महंगाई अक्टूबर में घटकर 0.16 फीसदी पर पहुंची

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, खाने-पीने के सामान की मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने के दौरान बढ़कर 9.80 प्रतिशत पर जबकि गैर-खाद्य उत्पाद वर्ग की मुद्रास्फीति 2.35 प्रतिशत पर रही.

विनिर्माण उत्पाद के लिए थोक मुद्रास्फीति इसी महीने शून्य से 0.84 प्रतिशत नीचे रही. हालांकि, फल और सब्जियों समेत खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से अक्टूबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ती हुई 4.62 प्रतिशत पर पहुंच गयी. यह इसका 16 महीने का उच्च स्तर है.

जिन वस्तुओं में मुद्रास्फीति की उच्चतम दर देखी गई, उनमें प्याज (119.84%), सब्जियों (38.91%) और दालें (16.57%) शामिल हैं. जबकि कुछ वस्तुओं में जो अपस्फीति का सामना करना पड़ा वह एलपीजी (-30.97%), क्रूड पेट्रोलियम (-23.63) और पेट्रोल (-10.54) थी.

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देश की थोक महंगाई सितंबर में बढ़कर 3.18 फीसदी

नई दिल्ली: देश की थोक मूल्यों पर आधारित वार्षिक महंगाई दर सितंबर में बढ़कर 3.18 फीसदी हो गई. अगस्त में यह 3.07 फीसदी थी. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई.

खाद्य एवं ईंधन की कीमतों में तेजी के कारण थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति लगातार दूसरे महीने बढ़ गयी और सितंबर में 3.18 प्रतिशत पर पहुंच गयी. 

पिछले साल सितंबर महीने में 4.43 फीसदी रही थी. मई 2019 के दौरान खाद्य पदार्थों और सब्जियों के दाम में तेजी देखने को मिली. 

सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक मार्च में खाने-पीने की वस्तुओं और पेट्रोल-डीजल सहित सीएनजी, रसोई गैस और पीएनजी में वृद्धि देखने को मिली थी. 

 


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Last Updated : Nov 14, 2019, 3:37 PM IST
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