नई दिल्ली : चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा वर्ष 2018-19 के 53.57 अरब डॉलर से घटकर वर्ष 2020-21 में 44.02 अरब डॉलर रह गया. वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल (Minister of State for Commerce and Industry Anupriya Patel) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
पटेल ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि चीन को निर्यात वर्ष 2020-21 में बढ़कर 21.19 अरब डॉलर का हो गया है, जो वर्ष 2019-20 में 16.61 अरब डॉलर का हुआ था. वर्ष 2018-19 में निर्यात 16.75 अरब डॉलर का हुआ था.
वर्ष 2018-19, वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 के दौरान चीन से आयात क्रमशः 70.32 अरब डॉलर, 65.26 अरब डॉलर और 65.21 अरब डॉलर का हुआ था.
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एक अलग लिखित उत्तर में, उन्होंने कहा कि कारों सहित भारत के ऑटोमोबाइल क्षेत्र के निर्यात में गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक आर्थिक मंदी और कोविड -19 महामारी के कारण आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण है.
उन्होंने कहा, 'एक अनुकूल विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ एकीकरण को सक्षम बनाने के उद्देश्य से, 11 नवंबर, 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पांच साल की अवधि के लिए 57,042 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ऑटोमोबाइल और ऑटो उपकरणों के लिए उत्पादन-सम्बद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू करने की मंजूरी दी है ताकि भारतीय मोटर वाहन उद्योग को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके.
(पीटीआई भाषा)