नई दिल्ली: देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में सितंबर में लगातार दूसरे महीने सुधार हुआ है. एक मासिक सर्वे के अनुसार नए ऑर्डरों और उत्पादन में बढ़ोतरी से सितंबर में विनिर्माण गतिविधियां करीब साढ़े आठ साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई हैं.
आईएचएस मार्किट इंडिया का विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) सितंबर में बढ़कर 56.8 पर पहुंच गया. अगस्त में यह 52 पर था. जनवरी, 2012 के बाद यह पीएमआई का सबसे ऊंचा स्तर है.
आईएचएस मार्किट की इकनॉमिक्स एसोसिएट निदेशक पोलीअन्ना डे लीमा ने कहा, "भारत की विनिर्माण गतिविधियां सही दिशा में बढ़ रही हैं. सितंबर के पीएमआई आंकड़ों में कई सकारात्मक चीजें हैं. कोविड-19 अंकुशों में ढील के बाद कारखाने पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं और उन्हें नए ऑर्डर मिल रहे हैं."
अप्रैल में विनिर्माण पीएमआई नकारात्मक दायरे में चला गया था. इससे पिछले लगातार 32 माह तक यह सकारात्मक रहा था. पीएमआई के 50 से ऊपर रहने का अर्थ है कि गतिविधियों में विस्तार हो रहा है, जबकि 50 से कम संकुचन को दर्शाता है.
लीमा ने कहा, "कुल बिक्री को नए निर्यात ऑर्डरों से भी समर्थन मिला है. कोविड-19 महामारी फैलने के बाद पहली बार यह स्थिति बनी है."
लीमा ने कहा, "लगातार छह महीने तक गिरावट के बाद निर्यात भी सुधरा है."
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सर्वे में कहा गया है कि ऑर्डरों में सुधार के बावजूद भारत में उत्पादकों ने अपने कर्मचारियों की संख्या में एक और कटौती का संकेत दिया है. कई मामलों में सामाजिक दूरी दिशानिर्देशों के अनुपालन के लिए ऐसा किया जा रहा है. यह लगातार छठा महीना है जबकि रोजगार घटा है.
लीमा ने कहा, "जो एक क्षेत्र अभी चिंता पैदा करता है, वह है रोजगार. कुछ कंपनियों को कर्मचारियों की नियुक्ति में दिक्कतें आ रही हैं, जबकि कुछ अन्य का कहना है कि सामाजिक दूरी के अनुपालन के लिए उन्होंने अपने कर्मचारियों की संख्या को न्यूनतम किया है."
सर्वे में कहा गया है कि अगले 12 माह के दौरान लगभग 33 प्रतिशत विनिर्माताओं को उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद है. वहीं आठ प्रतिशत का मानना है कि उत्पादन में कमी आएगी.
(पीटीआई-भाषा)