नई दिल्ली: दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस फैलने का असर फरवरी माह के दौरान भारत में विनिर्माण गतिविधियों पर देखा गया. इस दौरान विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में कुछ नरमी देखी गई. सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह कहा गया है.
आईएचएस मार्किट इंडिया के विनिर्माण क्षेत्र के पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) फरवरी 2020 में 54.5 पर रहा. यह आंकड़ा जनवरी के 55.3 अंक के मुकाबले नीचे है. जनवरी में यह पिछले आठ साल में सबसे ऊंचा था. यह लगातार 31वां महीना है जब भारत में विनिर्माण क्षेत्र का पीएमआई 50 अंक के स्तर से ऊपर बना हुआ है.
ये भी पढ़ें- जनवरी में बैंकों के ऋण की वृद्धि घटकर 8.5 प्रतिशत पर
पीएमआई की गणना 50 अंक से ऊपर रहना क्षेत्र में विस्तार को बताता है जबकि 50 से नीचे रहना गिरावट को दर्शाता है. फरवरी में यह आंकड़ा 54.5 अंक पर रहा जो कि क्षेत्र में विस्तार जारी रहना बताता है. हालांकि, यह विस्तार जनवरी के मुकाबले कुछ सुस्त रहा है.
आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री पालियाना डि लीमा ने कहा, "भारत में कारखानों में फरवरी के दौरान बेहतर आर्डर मिलने की वजह से गतिविधियां बेहतर रहीं. कारखानों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों से आर्डर प्राप्त हुये. मांग में आ रहे इस सुधार से यह तात्पर्य लगाया जा सकता है कि कारखानों में उत्पादन बढ़ेगा और कच्चे माल की खरीदारी भी एतिहासिक रूप से काफी ऊंची दर से होगी."
लीमा ने कहा, "कोविद- 19 के फैलने से भारतीय माल उत्पादकों के समक्ष बड़ी चुनौती भी खड़ी हो रही है. दुनिया के कई देशों में इस विषाणु के प्रभाव की वजह से निर्यात और आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो रही है. यही वजह है कि कारोबारी आने वाले दिनों में उत्पादन बढ़ने को लेकर ज्यादा आश्वस्त नहीं है और यही वजह है कि वह नई भर्तियों में सतर्कता बरत रहे हैं."
कोरोना वायरस के फैलने से दुनिया की दुसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से को पूरी तरह से ठप कर दिया है और इसका असर तमाम उद्योगों पर देखा जा रहा है.
(पीटीआई-भाषा)