ETV Bharat / business

एजेंसियों का अनुमान: पहली तिमाही में 10-25 प्रतिशत तक गिर सकती है भारत की जीडीपी - पहली तिमाही में 10-25 प्रतिशत तक गिर सकती है भारत की जीडीपी

कोरोना वायरस संक्रमण और उसकी रोकथाम के लिए मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण आर्थिक कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय अप्रैल-जून 2020-21 के जीडीपी के आंकड़े 31 अगस्त को जारी करने वाला है. इससे पहले कई कई प्रमुख बैंकों और रेटिंग एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भारी गिरावट की आशंका जतायी है.

एजेंसियों का अनुमान: पहली तिमाही में 10-25 प्रतिशत तक गिर सकती है भारत की जीडीपी
एजेंसियों का अनुमान: पहली तिमाही में 10-25 प्रतिशत तक गिर सकती है भारत की जीडीपी
author img

By

Published : Aug 23, 2020, 4:48 PM IST

बिजनेस डेस्ट, ईटीवी भारत: कई प्रमुख बैंकों और रेटिंग एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भारी गिरावट की आशंका जतायी है.

कोरोना वायरस संक्रमण और उसकी रोकथाम के लिए मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण आर्थिक कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय अप्रैल-जून 2020-21 के जीडीपी के आंकड़े 31 अगस्त को जारी करने वाला है.

पहली तिमाही में 10-25 प्रतिशत तक गिर सकती है भारत की जीडीपी
एजेंसियों का अनुमान

ये भी पढ़ें- कोरोना के कारण गई है नौकरी, तो सरकार देगी तीन महीने तक आधी सैलरी, जानिए नियम और शर्तें

बैंकों और रेटिंग एजेंसियों का मानना है कि जीडीपी के आंकड़ें में कोविड-19 के आर्थिक दुष्प्रभाव झलकेंगे. वहीं, लॉकडाउन के प्रतिकूल प्रभावों के चलते पहली तिमाही के आर्थिक प्रदर्शन को लेकर काफी अनिश्चितताएं देखने को मिल सकती है.

किन सेक्टरों में ज्यादा गिरावट का अनुमान

केयर रेटिंग ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि कृषि, वानिकी, मत्स्यपालन और लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं के क्षेत्र में वृद्धि और बाकी क्षेत्रों में भी गिरावट का अनुमान है.

जीडीपी में आजादी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट के आसार

इन्फोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति भी आशंका जता चुके हैं की कोरोना वायरस के चलते इस वित्त वर्ष में देश की आर्थिक गति आजादी के बाद सबसे खराब स्थिति में होगी.

अमेरिका, जापान और यूके का भी बुरा हाल

अप्रैल से जून की तिमाही में अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद में 33 फीसदी की भारी गिरावट आई है. वहीं, जापान की जीडीपी में 27.8 फीसदी और ब्रिटेन की जीडीपी में 20.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की है. अप्रैल-जून में आई गिरावट अब तक की सबसे बड़ी तिमाही गिरावट है.

बिजनेस डेस्ट, ईटीवी भारत: कई प्रमुख बैंकों और रेटिंग एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भारी गिरावट की आशंका जतायी है.

कोरोना वायरस संक्रमण और उसकी रोकथाम के लिए मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण आर्थिक कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय अप्रैल-जून 2020-21 के जीडीपी के आंकड़े 31 अगस्त को जारी करने वाला है.

पहली तिमाही में 10-25 प्रतिशत तक गिर सकती है भारत की जीडीपी
एजेंसियों का अनुमान

ये भी पढ़ें- कोरोना के कारण गई है नौकरी, तो सरकार देगी तीन महीने तक आधी सैलरी, जानिए नियम और शर्तें

बैंकों और रेटिंग एजेंसियों का मानना है कि जीडीपी के आंकड़ें में कोविड-19 के आर्थिक दुष्प्रभाव झलकेंगे. वहीं, लॉकडाउन के प्रतिकूल प्रभावों के चलते पहली तिमाही के आर्थिक प्रदर्शन को लेकर काफी अनिश्चितताएं देखने को मिल सकती है.

किन सेक्टरों में ज्यादा गिरावट का अनुमान

केयर रेटिंग ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि कृषि, वानिकी, मत्स्यपालन और लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं के क्षेत्र में वृद्धि और बाकी क्षेत्रों में भी गिरावट का अनुमान है.

जीडीपी में आजादी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट के आसार

इन्फोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति भी आशंका जता चुके हैं की कोरोना वायरस के चलते इस वित्त वर्ष में देश की आर्थिक गति आजादी के बाद सबसे खराब स्थिति में होगी.

अमेरिका, जापान और यूके का भी बुरा हाल

अप्रैल से जून की तिमाही में अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद में 33 फीसदी की भारी गिरावट आई है. वहीं, जापान की जीडीपी में 27.8 फीसदी और ब्रिटेन की जीडीपी में 20.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की है. अप्रैल-जून में आई गिरावट अब तक की सबसे बड़ी तिमाही गिरावट है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.