न्यूयॉर्क: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य का मानना है कि भारत सरकार को बांड बाजार पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहिए. आचार्य ने कहा कि भारत सरकार को एक बड़ा विनिवेश कार्यक्रम चलाने के साथ भूमि, श्रम और कृषि क्षेत्रों में तत्काल सुधार करने की जरूरत है.
कोलंबिया विश्वविद्यालय में शुक्रवार को 'भारतीय अर्थव्यवस्था: अगले पांच वर्ष' विषय पर एक परिचर्चा में आचार्य ने आगे चलकर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कुछ संभावित उपायों और सुझावों का जिक्र किया.
उन्होंने कहा, "आने वाले वर्षों के लिए मेरा प्रमुख सुझाव यह है कि हमें सावधानी से कुछ कम करने की जरूरत है. मेरा मानना है कि जहां तक सरकार के कार्यक्रमों का सवाल है तो मौजूदा समय में कम करना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अधिक होगा."
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आचार्य ने कहा, "संभवत: पहले से घोषित कुछ कार्यक्रमों को वापस लेना आसान नहीं होगा. लेकिन ऐसी स्थिति कुछ ऐसे बड़े कार्यक्रमों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत होगी जो अपने लक्षित उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं."
आचार्य न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के स्टर्न स्कूल आफ बिजनेस में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं. वह जनवरी, 2017 से जुलाई, 2019 तक रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि सरकार को बांड बाजार पर अपनी निर्भरता को कम करने की जरूरत है.