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मोदी-ट्रंप की दोस्ती भी नहीं सुलझा सकी ट्रेड डील - बिजनेस न्यूज

ईटीवी भारत से बात करते हुए ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक प्रोफेसर हर्ष वी पंत ने दावा किया कि दोनों देश इसे हल करने के लिए तेज गति से काम कर रहे हैं.

मोदी-ट्रंप की दोस्ती भी नहीं सुलझा सकी ट्रेड डील
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Published : Sep 25, 2019, 7:21 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 12:14 AM IST

नई दिल्ली: पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच का याराना जो कि पिछले तीन दिनों में दिखा उसका असर फिलहाल दोनों देशों के ट्रेड पर देखने को नहीं मिला. उम्मीद लगाई जा रही थी कि दोनों देश टैरिफ और दूसरे मतभेदों को सुलझा कर किसी ट्रेड डील का ऐलान करेंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.

हालांकि मंगलवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जल्द ही उनका देश भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर पहुंच जाएगा. इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी.

ईटीवी भारत से बात करते हुए ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक प्रोफेसर हर्ष वी पंत ने दावा किया कि दोनों देश इसे हल करने के लिए तेज गति से काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- एडीबी ने देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.50 प्रतिशत किया

पंत ने कहा, "अगर आप पीएम मोदी के ह्यूस्टन में भाषण को देखें तो वे भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को काफी सकारात्मक है और वे उसे आगे ले जाना चाहते हैं."

सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया है कि दोनों पक्षों के बीच एक व्यापार समझौता नहीं हो सकता है क्योंकि अमेरिका चाहता था कि भारत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी निर्यात पर 20% टैरिफ कम करे.

ओआरएफ निदेशक ने यह भी कहा कि व्यापार मुद्दा भारत और अमेरिका के बीच डोनाल्ड ट्रम्प के बाद भी एक मुद्दा बना रहेगा. उन्होंने यहां तक ​​दावा किया कि भारत अमेरिकी प्रशासन के समक्ष अपनी स्थिति को बहुत स्पष्ट करने में सक्षम है.

बता दें कि पिछले दिनों राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने ट्विटर के माध्यम से भारतीय प्रशासन आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर भारी शुल्क लगाता. इसके बाद ट्रंप ने भारत से जीएसपी (सामान्यीकृत प्रणाली वरीयताएं) का दर्जा भी छीन लिया. जिसके बाद भारत ने 28 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क और बढ़ा दिया.

नई दिल्ली: पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच का याराना जो कि पिछले तीन दिनों में दिखा उसका असर फिलहाल दोनों देशों के ट्रेड पर देखने को नहीं मिला. उम्मीद लगाई जा रही थी कि दोनों देश टैरिफ और दूसरे मतभेदों को सुलझा कर किसी ट्रेड डील का ऐलान करेंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.

हालांकि मंगलवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जल्द ही उनका देश भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर पहुंच जाएगा. इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी.

ईटीवी भारत से बात करते हुए ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक प्रोफेसर हर्ष वी पंत ने दावा किया कि दोनों देश इसे हल करने के लिए तेज गति से काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- एडीबी ने देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.50 प्रतिशत किया

पंत ने कहा, "अगर आप पीएम मोदी के ह्यूस्टन में भाषण को देखें तो वे भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को काफी सकारात्मक है और वे उसे आगे ले जाना चाहते हैं."

सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया है कि दोनों पक्षों के बीच एक व्यापार समझौता नहीं हो सकता है क्योंकि अमेरिका चाहता था कि भारत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी निर्यात पर 20% टैरिफ कम करे.

ओआरएफ निदेशक ने यह भी कहा कि व्यापार मुद्दा भारत और अमेरिका के बीच डोनाल्ड ट्रम्प के बाद भी एक मुद्दा बना रहेगा. उन्होंने यहां तक ​​दावा किया कि भारत अमेरिकी प्रशासन के समक्ष अपनी स्थिति को बहुत स्पष्ट करने में सक्षम है.

बता दें कि पिछले दिनों राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने ट्विटर के माध्यम से भारतीय प्रशासन आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर भारी शुल्क लगाता. इसके बाद ट्रंप ने भारत से जीएसपी (सामान्यीकृत प्रणाली वरीयताएं) का दर्जा भी छीन लिया. जिसके बाद भारत ने 28 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क और बढ़ा दिया.

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मोदी-ट्रंप की दोस्ती भी नहीं सुलझा सकी ट्रेड डील

नई दिल्ली: पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच का याराना जो कि पिछले तीन दिनों में दिखा उसका असर फिलहाल दोनों देशों के ट्रेड पर देखने को नहीं मिला. उम्मीद लगाई जा रही थी कि दोनों देश टैरिफ और दूसरे मतभेदों को सुलझा कर किसी ट्रेड डील का ऐलान करेंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. 

हालांकि मंगलवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जल्द ही उनका देश भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर पहुंच जाएगा. इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी.

ईटीवी भारत से बात करते हुए ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक प्रोफेसर हर्ष वी पंत ने दावा किया कि दोनों देश इसे हल करने के लिए तेज गति से काम कर रहे हैं. 

पंत ने कहा, "अगर आप पीएम मोदी के ह्यूस्टन में भाषण को देखें तो वे भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को काफी सकारात्मक है और वे उसे आगे ले जाना चाहते हैं."

सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया है कि दोनों पक्षों के बीच एक व्यापार समझौता नहीं हो सकता है क्योंकि अमेरिका चाहता था कि भारत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी निर्यात पर 20% टैरिफ कम करे.

ओआरएफ निदेशक ने यह भी कहा कि व्यापार मुद्दा भारत और अमेरिका के बीच डोनाल्ड ट्रम्प के बाद भी एक मुद्दा बना रहेगा. उन्होंने यहां तक ​​दावा किया कि भारत अमेरिकी प्रशासन के समक्ष अपनी स्थिति को बहुत स्पष्ट करने में सक्षम है.

बता दें कि पिछले दिनों राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने ट्विटर के माध्यम से भारतीय प्रशासन आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर भारी शुल्क लगाता. इसके बाद ट्रंप ने भारत से जीएसपी (सामान्यीकृत प्रणाली वरीयताएं) का दर्जा भी छीन लिया. जिसके बाद भारत ने 28 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क और बढ़ा दिया.

 


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Last Updated : Oct 2, 2019, 12:14 AM IST
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