नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए भारत को 50 से 60 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की जरूरत होगी और यह निवेश मुख्य रूप से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ ही एमएसएमई क्षेत्र में लाया जा सकता है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस समय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) समय की मांग है और इस तरह के कोष से देश को फायदा होगा क्योंकि बाजार में नकदी की आवश्यकता है.
कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां काफी हद तक बाधित हो गई हैं.
सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री ने पीटीआई-भाषा को बताया, "इस समय देश को नकदी की जरूरत है. नकदी के बिना हमारी अर्थव्यवस्था का पहिया तेजी से आगे नहीं बढ़ेगा ... अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान परिस्थितियों में देश में 50-60 लाख करोड़ रुपये के विदेशी निवेश की जरूरत है."
उन्होंने कहा कि राजमार्ग, हवाई अड्डा, अंतर्देशीय जलमार्ग, रेलवे, लॉजिस्टिक पार्क, ब्रॉड गेज और मेट्रो सहित बुनियादी ढांचा क्षेत्र के अलावा सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश आ सकता है.
उन्होंने कहा, "एमएसएमई, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और बैंकों में एफडीआई की जरूरत है ... हम राजमार्ग क्षेत्र में विदेशी निवेश लाने की कोशिश कर रहे हैं."
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गडकरी ने आगे कहा कि एमएसएमई सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए दुबई और अमेरिका के निवेशकों के साथ बातचीत चल रही है.
उन्होंने कहा, "कुछ एमएसएमई पहले ही बीएसई पर सूचीबद्ध हैं. मैंने दुबई और अमेरिका में निवेशकों से बात की है कि वे उनके तीन साल के कारोबार, जीएसटी ट्रैक रिकॉर्ड, आयकर रिकॉर्ड और अच्छी रेटिंग के आधार पर ऐसे एमएसएमई में निवेश करें. इनमें निवेश करके अच्छा लाभांश पाया जा सकता है."
उन्होंने कहा, "हमें वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने और निर्यात बढ़ाने पर ध्यान देने की जरूरत है. प्रधानमंत्री का जोर आयात पर निर्भरता कम करने और निर्यात को बढ़ाने पर है. इसमें बुनियादी ढांचे की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है."
गडकरी ने बुनियादी ढांचे के मोर्चे पर युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत पर जोर दिया.
(पीटीआई-भाषा)