नई दिल्ली : आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य आशिमा गोयल ने मंगलवार को कहा कि एक बार महत्वपूर्ण संख्या में लोगों को टीका लगने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन करेगी, क्योंकि मांग में बढ़ोतरी, वैश्विक सुधार और आसान वित्तीय स्थितियां आर्थिक कारोबारी गतिविधियों को बढ़ावा देगी.
उन्होंने कहा कि भारत इस समय कोविड की दूसरी लहर के भयानक असर से जूझ रहा है, लेकिन लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था को हुआ नुकसान काफी कम है, और इसके चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही से आगे बढ़ने की आशंका बहुत कम है.
उन्होंने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा, 'भारत में वैक्सीन उत्पादन का केंद्र बनने की क्षमता है और वह जल्द ही इस दिशा में आगे बढ़ने में सक्षम होगा. एक बार जब टीकाकरण महत्वपूर्ण आबादी तक पहुंच जाएगा, तो अर्थव्यवस्था मांग, वैश्विक सुधार और आसान वित्तीय स्थितियों के चलते अच्छा प्रदर्शन करेगी.'
प्रख्यात अर्थशास्त्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन और प्रतिबंधों के चलते संक्रमण में सफलतापूर्वक कमी आई है.
उन्होंने कहा, 'यह आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए कम बाधाकारी है, क्योंकि यह स्थानीय जरूरतों के अनुसार है और इसके लिए पूरी तरह पूर्ण लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं है.'
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उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत में राजकोषीय विस्तार सामान्य रहा है और मध्यम अवधि में इसमें बदलाव संभव होगा.
उन्होंने कहा, 'चूंकि, भारत की दीर्घकालिक वृद्धि गाथा बरकरार है, इसलिए रेटिंग एजेंसियां देश को समय देने के लिए तैयार होंगी.'
साथ ही उन्होंने कहा कि गैर-कर वित्त पोषित खर्च में लगातार बढ़ोतरी समस्याएं पैदा कर सकती है.
वर्ष 2024-25 तक भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सरकार के लक्ष्य पर गोयल ने कहा कि इतनी व्यापक और अप्रत्याशित महामारी के बाद इस लक्ष्य को हासिल करने में अधिक समय लगेगा.
उन्होंने कहा कि साथ ही कोविड-19 से संबंधित अनिश्चितताएं अभी खत्म नहीं हुई हैं.