नई दिल्ली: बीमा नियामक इरडा ने बीमित लोगों को राहत देते हुए स्वास्थ्य और साधारण बीमा कंपनियों को टेलीमेडिसिन को भी दावा निपटान की नीति में शामिल करने का निर्देश दिया है.
कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिये 'लॉकडाउन' को देखते हुए भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) ने 25 मार्च को 'टेलीमेडिसिन' को लेकर दिशानिर्देश जारी किया ताकि पंजीकृत डॉक्टर टेलीमेडिसिन का उपयोग कर स्वास्थ्य सेवाएं दे सके.
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सभी स्वास्थ्य और साधारण बीमा कंपनियों को परिपत्र जारी कर कहा, "टेलीमेडिसिन की अनुमति का प्रावधान बीमा कंपनियों की दावा निपटान नीति का हिस्सा होगा. इसके लिये किसी प्रकार के सुधार को लेकर अलग से प्राधिकरण के पास कुछ भी देने की जरूरत नहीं है. हालांकि उत्पाद की मासिक/सालाना सीमा आदि के नियम बिना किसी छूट के लागू होंगे."
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नियामक ने कहा कि 'पॉलिसी' अनुबंध की शर्तों के तहत जहां भी डॉक्टर या चिकित्साकर्मियों के साथ परामर्श की अनुमति है, बीमा कंपनियों को टेलीमेडिसिन की इजाजत देनी चाहिए.
कोरोना वायरस महामारी के बीच एमसीआई ने डॉक्टरों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिये टेलीमेडिसिन के उपयोग की सलाह दी है. उसका कहना है कि इससे संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी और साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों तथा मरीजों दोनों के लिये जोखिम कम होगा.
(पीटीआई-भाषा)