वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा (imf managing director Kristalina Georgieva) ने कहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट 2022 (Budget 2022) भारत के लिए बहुत 'विचारपूर्ण' नीति एजेंडा है और यह मानवीय पूंजी निवेश तथा डिजिटलीकरण पर अनुसंधान और विकास में नवोन्मेष पर जोर देता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को 39.45 लाख करोड़ रुपये का बजट (Budget 2022) प्रस्तुत किया था जिसमें राजमार्गों से लेकर किफायती आवासों तक पर अत्यधिक व्यय का प्रस्ताव है और इसके पीछे महामारी से उबरती अर्थव्यवस्था के प्रमुख इंजनों को मजबूत रखने की सोच है.
बजट में वित्त मंत्री ने रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने के लिए अवसंरचना पर खर्च पर जोर दिया है। अप्रैल 2022 से शुरू हो रहे वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय 35 फीसदी वृद्धि के साथ 7.5 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है.
जॉर्जीवा ने बृहस्पतिवार को कुछ संवाददाताओं के साथ डिजिटल वार्ता में कहा, हम भारत के लिए पूरी तरह मजबूत वृद्धि का पूर्वानुमान लगा रहे हैं. हां, यह जरूर है कि 2022 के लिए 9.5 फीसदी जीडीपी के हमारे अनुमान की तुलना में थोड़ा कम 9 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गयी है, लेकिन, हम 2023 के लिए भी पूर्वानुमान में थोड़ा संशोधन (वृद्धि) करेंगे, क्योंकि हमें लगता है कि हम स्थायी वृद्धि देखेंगे जो वित्त मंत्री द्वारा व्यक्त पूर्वानुमान से बहुत अलग नहीं है.
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उन्होंने कहा, इस बात को लेकर हमारा रूख बहुत ही सकारात्मक है कि भारत लघु अवधि के मुद्दों से निपटने के बारे में सोच रहा है और इसके साथ ही दीर्घकालिक संरचनात्मक रूपांतरण पर भी ध्यान दे रहा है. मानवीय पूंजी निवेश और डिजिटलीकरण पर अनुसंधान एवं विकास में नवोन्मेष पर बहुत जोर दिया जा रहा है. जॉर्जीवा ने कहा कि यह बजट भारत के लिए विचारपूर्णनीति एजेंडा है.
पीटीआई-भाषा