ETV Bharat / business

हुवावे ने कहा- 5 जी टेस्ट के लिए स्वंतत्र रूप से निर्णय ले भारत

author img

By

Published : Jun 23, 2019, 7:41 PM IST

दुनिया की सबसे बड़ी दूरसंचार उपकरण और दूसरे नंबर की स्मार्टफोन कंपनी पर अमेरिका ने सुरक्षा चिंताओं की वजह से प्रतिबंध लगा दिया है. यही नहीं अमेरिका अन्य देशों पर भी चीन की दूरसंचार कंपनी के परिचालन पर अंकुश के लिए दबाव डाल रहा है.

हुवावे ने कहा- 5 जी टेस्ट के लिए स्वंतत्र रूप से निर्णय ले भारत

पेइचिंग: चीन की कंपनी हुवावे ने उसे 5जी परीक्षण की अनुमति देने के मामले में भारत से सही जानकारी के साथ स्वतंत्र तरीके से निर्णय लेने को कहा है. अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से इस समय हुवावे काफी दबाव का सामना कर रही है.

दुनिया की सबसे बड़ी दूरसंचार उपकरण और दूसरे नंबर की स्मार्टफोन कंपनी पर अमेरिका ने सुरक्षा चिंताओं की वजह से प्रतिबंध लगा दिया है. यही नहीं अमेरिका अन्य देशों पर भी चीन की दूरसंचार कंपनी के परिचालन पर अंकुश के लिए दबाव डाल रहा है.

हालांकि, भारत ने अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है कि वह हुवावे पर प्रतिबंध लगाएगा या चीन की दूरसंचार उपकरण कंपनी को आगामी 5जी परीक्षणों में भाग लेने की अनुमति देगा.

ये भी पढ़ें- बुलेट ट्रेन के लिए ज्यादातर भूमि का अधिग्रहण दिसंबर तक

चीन के शेन्झेन की इस कंपनी ने बयान में कहा, "भारत सरकार या किसी अन्य देश को अपने मानकों, परीक्षण प्रणाली और नीतियों के जरिये अपने नेटवर्क और डेटा की सुरक्षा के लिए स्वतंत्र तरीके से राय बनानी चाहिए. प्रमाणों और तथ्यों के आधार पर साइबर सुरक्षा जोखिमों से निपटा जाना चाहिए. डर से किसी को प्रतिबंधित करने के बजाय जांच और निगरानी बढ़ाई जानी चाहिए."

इससे पहले इसी महीने दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि आगामी 5 जी परीक्षणों में हुवावे को भागीदारी की अनुमति देने को लेकर भारत के अपने मुद्दे हैं.

उन्होंने कहा कि था, "हम इस पर पुख्ता तरीके से विचार करेंगे. यह सिर्फ प्रौद्योगिकी का मामला नहीं है. जहां तक 5 जी में उनकी भागीदारी का सवाल है, 5 जी में भागीदारी की शर्त परीक्षण शुरू होने से नहीं जुड़ी है. किसी कंपनी को इसमें भागीदारी की अनुमति दी जाए या नहीं, यह सुरक्षा मुद्दों के साथ जटिल सवाल है."

चीन के विदेश मंत्री ने पिछले सप्ताह दूरसंचार मंत्री के बयान पर टिप्पणी में कहा कि भारत को अमेरिकी प्रतिबंध से निर्देशित होने के बजाय भारत को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेना चाहिए. भारत को चीनी कंपनियों को निष्पक्ष और भेदभाव रहित परिवेश उपलब्ध कराना चाहिए. हुवावेई ने एक वक्तव्य में कहा है कि उसे अपने करोबार में दो दशक के दौरान भारत से पूरा समर्थन मिला है.

पेइचिंग: चीन की कंपनी हुवावे ने उसे 5जी परीक्षण की अनुमति देने के मामले में भारत से सही जानकारी के साथ स्वतंत्र तरीके से निर्णय लेने को कहा है. अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से इस समय हुवावे काफी दबाव का सामना कर रही है.

दुनिया की सबसे बड़ी दूरसंचार उपकरण और दूसरे नंबर की स्मार्टफोन कंपनी पर अमेरिका ने सुरक्षा चिंताओं की वजह से प्रतिबंध लगा दिया है. यही नहीं अमेरिका अन्य देशों पर भी चीन की दूरसंचार कंपनी के परिचालन पर अंकुश के लिए दबाव डाल रहा है.

हालांकि, भारत ने अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है कि वह हुवावे पर प्रतिबंध लगाएगा या चीन की दूरसंचार उपकरण कंपनी को आगामी 5जी परीक्षणों में भाग लेने की अनुमति देगा.

ये भी पढ़ें- बुलेट ट्रेन के लिए ज्यादातर भूमि का अधिग्रहण दिसंबर तक

चीन के शेन्झेन की इस कंपनी ने बयान में कहा, "भारत सरकार या किसी अन्य देश को अपने मानकों, परीक्षण प्रणाली और नीतियों के जरिये अपने नेटवर्क और डेटा की सुरक्षा के लिए स्वतंत्र तरीके से राय बनानी चाहिए. प्रमाणों और तथ्यों के आधार पर साइबर सुरक्षा जोखिमों से निपटा जाना चाहिए. डर से किसी को प्रतिबंधित करने के बजाय जांच और निगरानी बढ़ाई जानी चाहिए."

इससे पहले इसी महीने दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि आगामी 5 जी परीक्षणों में हुवावे को भागीदारी की अनुमति देने को लेकर भारत के अपने मुद्दे हैं.

उन्होंने कहा कि था, "हम इस पर पुख्ता तरीके से विचार करेंगे. यह सिर्फ प्रौद्योगिकी का मामला नहीं है. जहां तक 5 जी में उनकी भागीदारी का सवाल है, 5 जी में भागीदारी की शर्त परीक्षण शुरू होने से नहीं जुड़ी है. किसी कंपनी को इसमें भागीदारी की अनुमति दी जाए या नहीं, यह सुरक्षा मुद्दों के साथ जटिल सवाल है."

चीन के विदेश मंत्री ने पिछले सप्ताह दूरसंचार मंत्री के बयान पर टिप्पणी में कहा कि भारत को अमेरिकी प्रतिबंध से निर्देशित होने के बजाय भारत को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेना चाहिए. भारत को चीनी कंपनियों को निष्पक्ष और भेदभाव रहित परिवेश उपलब्ध कराना चाहिए. हुवावेई ने एक वक्तव्य में कहा है कि उसे अपने करोबार में दो दशक के दौरान भारत से पूरा समर्थन मिला है.

Intro:Body:

हुवावे ने कहा- 5 जी टेस्ट के लिए स्वंतत्र रूप से निर्णय ले भारत

पेइचिंग: चीन की कंपनी हुवावे ने उसे 5जी परीक्षण की अनुमति देने के मामले में भारत से सही जानकारी के साथ स्वतंत्र तरीके से निर्णय लेने को कहा है. अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से इस समय हुवावे काफी दबाव का सामना कर रही है. 

दुनिया की सबसे बड़ी दूरसंचार उपकरण और दूसरे नंबर की स्मार्टफोन कंपनी पर अमेरिका ने सुरक्षा चिंताओं की वजह से प्रतिबंध लगा दिया है. यही नहीं अमेरिका अन्य देशों पर भी चीन की दूरसंचार कंपनी के परिचालन पर अंकुश के लिए दबाव डाल रहा है. हालांकि, भारत ने अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है कि वह हुवावे पर प्रतिबंध लगाएगा या चीन की दूरसंचार उपकरण कंपनी को आगामी 5जी परीक्षणों में भाग लेने की अनुमति देगा. 

ये भी पढ़ें- 

चीन के शेन्झेन की इस कंपनी ने बयान में कहा, "भारत सरकार या किसी अन्य देश को अपने मानकों, परीक्षण प्रणाली और नीतियों के जरिये अपने नेटवर्क और डेटा की सुरक्षा के लिए स्वतंत्र तरीके से राय बनानी चाहिए. प्रमाणों और तथ्यों के आधार पर साइबर सुरक्षा जोखिमों से निपटा जाना चाहिए. डर से किसी को प्रतिबंधित करने के बजाय जांच और निगरानी बढ़ाई जानी चाहिए." 

इससे पहले इसी महीने दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि आगामी 5 जी परीक्षणों में हुवावे को भागीदारी की अनुमति देने को लेकर भारत के अपने मुद्दे हैं. 

उन्होंने कहा कि था, "हम इस पर पुख्ता तरीके से विचार करेंगे. यह सिर्फ प्रौद्योगिकी का मामला नहीं है. जहां तक 5 जी में उनकी भागीदारी का सवाल है, 5 जी में भागीदारी की शर्त परीक्षण शुरू होने से नहीं जुड़ी है. किसी कंपनी को इसमें भागीदारी की अनुमति दी जाए या नहीं, यह सुरक्षा मुद्दों के साथ जटिल सवाल है." 

चीन के विदेश मंत्री ने पिछले सप्ताह दूरसंचार मंत्री के बयान पर टिप्पणी में कहा कि भारत को अमेरिकी प्रतिबंध से निर्देशित होने के बजाय भारत को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेना चाहिए. भारत को चीनी कंपनियों को निष्पक्ष और भेदभाव रहित परिवेश उपलब्ध कराना चाहिए. हुवावेई ने एक वक्तव्य में कहा है कि उसे अपने करोबार में दो दशक के दौरान भारत से पूरा समर्थन मिला है. 

 


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.