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अब पटरी पर लौट रहा होटल व पर्यटन कारोबार

आईटीसी के पूर्व सीईओ और उद्योग संगठन सीआईआई के टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी नेशनल कमेटी के सलाहकार दीपक हक्सर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि घरेलू पर्यटक अब सैर-सपाटे के लिए जाने लगे हैं. इससे टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में ग्रीन सुट्स यानी सुधार दिखने लगे हैं.

अब पटरी पर लौट रहा होटल व पर्यटन कारोबार
अब पटरी पर लौट रहा होटल व पर्यटन कारोबार
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Published : Sep 2, 2020, 6:55 PM IST

नई दिल्ली: कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा प्रभावित पर्यटन एवं आतिथ्य (टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी) के क्षेत्र में अब कारोबार पटरी पर लौटने लगा है और अनलॉक-4.0 में दी गई ढील से इस क्षेत्र में और सुधार की उम्मीद जताई जा रही है.

होटल, रिसॉर्ट और हिल स्टेशनों में घरेलू पर्यटकों की आवाजाही धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. हालांकि जानकारों कहा कहना है कि इस कारोबार के पूरी तरह पटरी पर लौटने में ढाई से तीन साल लगेंगे.

आईटीसी के पूर्व सीईओ और उद्योग संगठन सीआईआई के टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी नेशनल कमेटी के सलाहकार दीपक हक्सर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि घरेलू पर्यटक अब सैर-सपाटे के लिए जाने लगे हैं. इससे टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में ग्रीन सुट्स यानी सुधार दिखने लगे हैं.

उन्होंने कहा, "डोमेस्टिक लीजर ट्रेवल यानी फुर्सत के क्षण में सैर-सपाटे पर जाने वाले पर्यटकों की मांग बढ़ी है और वे होटल व रिसॉर्ट जाने लगे हैं. हिमाचल, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी पर्यटक स्थलों के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान व अन्य राज्यों के पर्यटक स्थलों को लोग जाने लगे हैं."

उन्होंने कहा कि फिलहाल घरेलू पर्यटकों से ही टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में सुधार की उम्मीद है, विदेशी पर्यटकों के आने के बारे में अभी सोच भी नहीं सकते.

दीपक हक्सर ने कहा कि हिंदुस्तान में ज्यादातर होटल कारोबार बिजनेस ट्रैवलर यानी कारोबार के सिलसिले में यात्रा करने वाले पर्यटकों की मांग पर चलता है, लेकिन इसमें सुधार होने में अभी वक्त लगेगा. उन्होंने बताया कि तीसरा सेगमेंट मीटिग, इन्सेंटिव्स, कंवेंशंस और इवेंट्स (माइस) का है, जिसमें संभावना है, लेकिन अभी कुछ प्रतिबंध हैं.

अनलॉक-4.0 में सरकार ने सामाजिक, अकादमिक, खेल, मनोजरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों व अन्य समागमों का आयोजन 21 सितंबर से करने की इजाजत दी है, लेकिन इनमें शामिल होने के लिए लोगों की संख्या 100 से अधिक नहीं होगी.

इसके अलावा, वैवाहिक आयोजन में फिलहाल 20 सितंबर तक सिर्फ 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति है. उसके बाद इसमें 100 लोग तक शामिल हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें: नैनीताल: छह महीने के बाद में नौका विहार सेवा फिर से शुरू

होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट और रेडिसन होटल ग्रुप, साउथ एशिया के एमेरिटस चेयरमैन के.बी. कचरू ने भी कहा कि अनलॉक-3.0 और अनलॉक-4.0 में स्थिति में काफी सुधार आया है पर्यटकों का आवागमन बढ़ गया है.

उन्होंने कहा कि बड़े होटलों में पहले अनलॉक से पहले जहां ऑक्यूपेंसी आठ से नौ फीसदी थी वहां अब औसतन 30-35 फीसदी हो गई है और कुछ में तो 60 फीसदी तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि गोल्डन ट्रायंगल में पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो चुकी है.

पर्यटन और आतिथ्य के क्षेत्र को कोरोना महामारी से हुए नुकसान के बारे में पूछने पर कचरू ने कहा कि चालू वित्तवर्ष 2020-21 में इस क्षेत्र के राजस्व में 2019-20 के मुकाबले करीब 50 फीसदी की गिरावट रहेगी, जबकि 2019-20 के स्तर को हासिल करने में ढाई से तीन साल लग जाएंगे.

दीपक हक्सर ने भी कहा कि टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को 2019-20 के स्तर तक आने में अभी काफी वक्त लगेगा और 2022-23 से पहले इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती है. उन्होंने बताया कि चालू वित्तवर्ष में इस सेक्टर को करीब 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है.

होटल उद्योग ने सरकार से राहत की मांग की है. के.बी. कचरू ने कहा, "हमारा सेक्टर कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, इसलिए हम सरकार से राहत की उम्मीद करते हैं. अगर सरकार मदद नहीं करेगी तो हमारा सेक्टर सर्वाइव नहीं कर पाएगा."

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा प्रभावित पर्यटन एवं आतिथ्य (टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी) के क्षेत्र में अब कारोबार पटरी पर लौटने लगा है और अनलॉक-4.0 में दी गई ढील से इस क्षेत्र में और सुधार की उम्मीद जताई जा रही है.

होटल, रिसॉर्ट और हिल स्टेशनों में घरेलू पर्यटकों की आवाजाही धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. हालांकि जानकारों कहा कहना है कि इस कारोबार के पूरी तरह पटरी पर लौटने में ढाई से तीन साल लगेंगे.

आईटीसी के पूर्व सीईओ और उद्योग संगठन सीआईआई के टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी नेशनल कमेटी के सलाहकार दीपक हक्सर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि घरेलू पर्यटक अब सैर-सपाटे के लिए जाने लगे हैं. इससे टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में ग्रीन सुट्स यानी सुधार दिखने लगे हैं.

उन्होंने कहा, "डोमेस्टिक लीजर ट्रेवल यानी फुर्सत के क्षण में सैर-सपाटे पर जाने वाले पर्यटकों की मांग बढ़ी है और वे होटल व रिसॉर्ट जाने लगे हैं. हिमाचल, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी पर्यटक स्थलों के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान व अन्य राज्यों के पर्यटक स्थलों को लोग जाने लगे हैं."

उन्होंने कहा कि फिलहाल घरेलू पर्यटकों से ही टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में सुधार की उम्मीद है, विदेशी पर्यटकों के आने के बारे में अभी सोच भी नहीं सकते.

दीपक हक्सर ने कहा कि हिंदुस्तान में ज्यादातर होटल कारोबार बिजनेस ट्रैवलर यानी कारोबार के सिलसिले में यात्रा करने वाले पर्यटकों की मांग पर चलता है, लेकिन इसमें सुधार होने में अभी वक्त लगेगा. उन्होंने बताया कि तीसरा सेगमेंट मीटिग, इन्सेंटिव्स, कंवेंशंस और इवेंट्स (माइस) का है, जिसमें संभावना है, लेकिन अभी कुछ प्रतिबंध हैं.

अनलॉक-4.0 में सरकार ने सामाजिक, अकादमिक, खेल, मनोजरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों व अन्य समागमों का आयोजन 21 सितंबर से करने की इजाजत दी है, लेकिन इनमें शामिल होने के लिए लोगों की संख्या 100 से अधिक नहीं होगी.

इसके अलावा, वैवाहिक आयोजन में फिलहाल 20 सितंबर तक सिर्फ 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति है. उसके बाद इसमें 100 लोग तक शामिल हो सकते हैं.

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होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट और रेडिसन होटल ग्रुप, साउथ एशिया के एमेरिटस चेयरमैन के.बी. कचरू ने भी कहा कि अनलॉक-3.0 और अनलॉक-4.0 में स्थिति में काफी सुधार आया है पर्यटकों का आवागमन बढ़ गया है.

उन्होंने कहा कि बड़े होटलों में पहले अनलॉक से पहले जहां ऑक्यूपेंसी आठ से नौ फीसदी थी वहां अब औसतन 30-35 फीसदी हो गई है और कुछ में तो 60 फीसदी तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि गोल्डन ट्रायंगल में पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो चुकी है.

पर्यटन और आतिथ्य के क्षेत्र को कोरोना महामारी से हुए नुकसान के बारे में पूछने पर कचरू ने कहा कि चालू वित्तवर्ष 2020-21 में इस क्षेत्र के राजस्व में 2019-20 के मुकाबले करीब 50 फीसदी की गिरावट रहेगी, जबकि 2019-20 के स्तर को हासिल करने में ढाई से तीन साल लग जाएंगे.

दीपक हक्सर ने भी कहा कि टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को 2019-20 के स्तर तक आने में अभी काफी वक्त लगेगा और 2022-23 से पहले इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती है. उन्होंने बताया कि चालू वित्तवर्ष में इस सेक्टर को करीब 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है.

होटल उद्योग ने सरकार से राहत की मांग की है. के.बी. कचरू ने कहा, "हमारा सेक्टर कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, इसलिए हम सरकार से राहत की उम्मीद करते हैं. अगर सरकार मदद नहीं करेगी तो हमारा सेक्टर सर्वाइव नहीं कर पाएगा."

(आईएएनएस)

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