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हरदीप पुरी ने कहा, मेट्रो, कैब के कारण कारों की बिक्री में नरमी

इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि वाहन क्षेत्र में नरमी का कारण 90 के मध्य से लेकर 2000 की शुरूआत तक जन्म लेने वालों के मन:स्थिति में बदलाव है.

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Published : Oct 17, 2019, 11:33 PM IST

हरदीप पुरी ने कहा, मेट्रो, कैब के कारण कारों की बिक्री में नरमी

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि कारों की बिक्री में कमी का कारण अधिक संख्या में लोगों का मेट्रो तथा एप के जरिये टैक्सी सेवा देने वाली ओला और उबर का उपयोग करना है.

इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि वाहन क्षेत्र में नरमी का कारण 90 के मध्य से लेकर 2000 की शुरूआत तक जन्म लेने वालों के मन:स्थिति में बदलाव है. ये लोग कार खरीदकर मासिक किस्त देने की जगह ओला और उबर जैसी एप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता की सेवा लेना पसंद करते हैं. उनकी इस टिप्पणी की विभिन्न तबकों ने आलोचना की.

नागर विमानन और आवास एवं शहरी मामालों के मंत्री ने 'सिख हेरिटेज ऑफ नेपाल' शीर्षक से पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि आर्थिक नरमी की बात की जा रही है और वह उनमें से हैं जो हमेशा समस्या को समझते हैं.

ये भी पढ़ें: बैंकों में घोटाला होने पर नियामक, आडिटर को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए: ठाकुर

पुरी ने कहा, "कार के मामले में निश्चित रूप से कभी वृद्धि होती है और कभी नरमी होती है. लेकिन पूरी तस्वीर को देखने पर सही स्थिति का पता चलता है. जब मैं शहरी मामलों का मंत्री बना, उस समय दिल्ली मेट्रो की सेवा लेने वालों की कुल संख्या 24 लाख रोजाना थी. अभी यह संख्या 60 लाख से अधिक हो गयी है."

पुरी ने कहा, "आज गर आप कहीं जाना चाहते हैं, मेट्रो या सार्वजनिक परिवहन को तरजीह देते हैं या कैब की सेवा लेते हैं. दुनिया बदल रही है."

शहरी मामलों के मंत्रालय के बारे में उन्होंने कहा कि देश में 2030 तक 60 करोड़ लोग शहरी क्षेत्र में होंगे.

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि कारों की बिक्री में कमी का कारण अधिक संख्या में लोगों का मेट्रो तथा एप के जरिये टैक्सी सेवा देने वाली ओला और उबर का उपयोग करना है.

इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि वाहन क्षेत्र में नरमी का कारण 90 के मध्य से लेकर 2000 की शुरूआत तक जन्म लेने वालों के मन:स्थिति में बदलाव है. ये लोग कार खरीदकर मासिक किस्त देने की जगह ओला और उबर जैसी एप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता की सेवा लेना पसंद करते हैं. उनकी इस टिप्पणी की विभिन्न तबकों ने आलोचना की.

नागर विमानन और आवास एवं शहरी मामालों के मंत्री ने 'सिख हेरिटेज ऑफ नेपाल' शीर्षक से पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि आर्थिक नरमी की बात की जा रही है और वह उनमें से हैं जो हमेशा समस्या को समझते हैं.

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पुरी ने कहा, "कार के मामले में निश्चित रूप से कभी वृद्धि होती है और कभी नरमी होती है. लेकिन पूरी तस्वीर को देखने पर सही स्थिति का पता चलता है. जब मैं शहरी मामलों का मंत्री बना, उस समय दिल्ली मेट्रो की सेवा लेने वालों की कुल संख्या 24 लाख रोजाना थी. अभी यह संख्या 60 लाख से अधिक हो गयी है."

पुरी ने कहा, "आज गर आप कहीं जाना चाहते हैं, मेट्रो या सार्वजनिक परिवहन को तरजीह देते हैं या कैब की सेवा लेते हैं. दुनिया बदल रही है."

शहरी मामलों के मंत्रालय के बारे में उन्होंने कहा कि देश में 2030 तक 60 करोड़ लोग शहरी क्षेत्र में होंगे.

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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि कारों की बिक्री में कमी का कारण अधिक संख्या में लोगों का मेट्रो तथा एप के जरिये टैक्सी सेवा देने वाली ओला और उबर का उपयोग करना है.

इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि वाहन क्षेत्र में नरमी का कारण 90 के मध्य से लेकर 2000 की शुरूआत तक जन्म लेने वालों के मन:स्थिति में बदलाव है. ये लोग कार खरीदकर मासिक किस्त देने की जगह ओला और उबर जैसी एप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता की सेवा लेना पसंद करते हैं. उनकी इस टिप्पणी की विभिन्न तबकों ने आलोचना की.

नागर विमानन और आवास एवं शहरी मामालों के मंत्री ने 'सिख हेरिटेज ऑफ नेपाल' शीर्षक से पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि आर्थिक नरमी की बात की जा रही है और वह उनमें से हैं जो हमेशा समस्या को समझते हैं.

पुरी ने कहा, "कार के मामले में निश्चित रूप से कभी वृद्धि होती है और कभी नरमी होती है. लेकिन पूरी तस्वीर को देखने पर सही स्थिति का पता चलता है. जब मैं शहरी मामलों का मंत्री बना, उस समय दिल्ली मेट्रो की सेवा लेने वालों की कुल संख्या 24 लाख रोजाना थी. अभी यह संख्या 60 लाख से अधिक हो गयी है."

पुरी ने कहा, "आज गर आप कहीं जाना चाहते हैं, मेट्रो या सार्वजनिक परिवहन को तरजीह देते हैं या कैब की सेवा लेते हैं. दुनिया बदल रही है."

शहरी मामलों के मंत्रालय के बारे में उन्होंने कहा कि देश में 2030 तक 60 करोड़ लोग शहरी क्षेत्र में होंगे.

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