उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने अपने सभी आकलन कर लिए हैं. सभी बाहरी एजेंसियों और आंतरिक तौर पर हमारा अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहेगी. वर्तमान मूल्य पर यह 11.5 प्रतिशत रहेगी तथा मुद्रास्फीति करीब चार प्रतिशत पर रहेगी.
ये भी पढ़ें- सरकार ने चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य दो रुपये प्रति किलो बढ़ाया
रिजर्व बैंक ने अपनी हाल में पेश मौद्रिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. पिछले चार वर्षों की औसत वृद्धि दर का जिक्र करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि यह 7.3 प्रतिशत रही है. उदारीकरण के बाद यह सभी सरकारों में सबसे ऊंची है. निचले स्तर पर मुद्रास्फीति के बीच यह वृद्धि दर हासिल हुई है.
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले औसत मुद्रास्फीति 10 प्रतिशत से अधिक थी. उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय कमी की वजह मौद्रिक नीति रूपरेखा है, जिसमें रिजर्व बैंक के लिए इसे एक निश्चित दायरे में रखने का लक्ष्य दिया गया है.
राजकोषीय घाटे पर सुब्रमण्यम ने कहा कि यह नीचे आ रहा है और सरकार वित्तीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून के तहत गठित लक्ष्य को हासिल करने की राह पर है.
(भाषा)
अगले वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 7.5 प्रतिशत पहुंचने की उम्मीद : सीईए
नई दिल्ली: मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यम ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष (2019-20) में आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर 7.5 प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद है.
उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने अपने सभी आकलन कर लिए हैं. सभी बाहरी एजेंसियों और आंतरिक तौर पर हमारा अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहेगी. वर्तमान मूल्य पर यह 11.5 प्रतिशत रहेगी तथा मुद्रास्फीति करीब चार प्रतिशत पर रहेगी.
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रिजर्व बैंक ने अपनी हाल में पेश मौद्रिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. पिछले चार वर्षों की औसत वृद्धि दर का जिक्र करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि यह 7.3 प्रतिशत रही है. उदारीकरण के बाद यह सभी सरकारों में सबसे ऊंची है. निचले स्तर पर मुद्रास्फीति के बीच यह वृद्धि दर हासिल हुई है.
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले औसत मुद्रास्फीति 10 प्रतिशत से अधिक थी. उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय कमी की वजह मौद्रिक नीति रूपरेखा है, जिसमें रिजर्व बैंक के लिए इसे एक निश्चित दायरे में रखने का लक्ष्य दिया गया है.
राजकोषीय घाटे पर सुब्रमण्यम ने कहा कि यह नीचे आ रहा है और सरकार वित्तीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून के तहत गठित लक्ष्य को हासिल करने की राह पर है.
(भाषा)
अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत पर पहुंचेगी : सीईए
नई दिल्ली: मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यम ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष (2019-20) में आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर 7.5 प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद है.
उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने अपने सभी आकलन कर लिए हैं. सभी बाहरी एजेंसियों और आंतरिक तौर पर हमारा अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहेगी. वर्तमान मूल्य पर यह 11.5 प्रतिशत रहेगी तथा मुद्रास्फीति करीब चार प्रतिशत पर रहेगी.
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रिजर्व बैंक ने अपनी हाल में पेश मौद्रिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. पिछले चार वर्षों की औसत वृद्धि दर का जिक्र करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि यह 7.3 प्रतिशत रही है. उदारीकरण के बाद यह सभी सरकारों में सबसे ऊंची है. निचले स्तर पर मुद्रास्फीति के बीच यह वृद्धि दर हासिल हुई है.
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले औसत मुद्रास्फीति 10 प्रतिशत से अधिक थी. उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय कमी की वजह मौद्रिक नीति रूपरेखा है, जिसमें रिजर्व बैंक के लिए इसे एक निश्चित दायरे में रखने का लक्ष्य दिया गया है.
राजकोषीय घाटे पर सुब्रमण्यम ने कहा कि यह नीचे आ रहा है और सरकार वित्तीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून के तहत गठित लक्ष्य को हासिल करने की राह पर है.
(भाषा)
Conclusion: