नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को उद्योग जगत से कहा कि वे उन देशों की जानकारी दें जो देश भारतीय निर्यात की राह में गैर-प्रशुल्कीय बाधाएं खड़ी करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे देशों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकती है.
उद्योग मंडल फिक्की के 92वें सालाना सम्मेलन को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने यह भी कहा कि भारत को और प्रतिस्पर्धी होने की जरूरत है. उन्होंने डंपिंग या अनुचित सब्सिडी अथवा उल्टी शुल्क व्यवस्था (तैयार वस्तुओं पर कम आयात शुल्क तथा उन वस्तुओं को बनाने में उपयोग होने वाले कच्चे माल पर अधिक आयात शुल्क) समेत पूरी मूल्य श्रृंखला की समस्याओं के समाधान पर जोर दिया.
गोयल ने कहा, "हमारी सरकार किसी एक कंपनी विशेष के मसले के समाधान में भरोसा नहीं रखती बल्कि समस्याओं के मूल कारण को दूर करने में विश्वास है. समस्या को समझने और उसका टिकाऊ समाधान तलाशने में हमें भरोसा है. इससे कंपनियों की व्यक्तिगत समस्या भी दूर हो जाती है."
मंत्री ने कहा कि एक जवाबदेह सरकार, सुनने वाली सररकार का असर व्यापार पर पड़ता है और बदलाव ला सकता है. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद उद्योगपतियों से कहा कि उद्योग की समस्याओं को दूर करने के लिये उनका कार्यालय तथा वह स्वयं सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध हैं.
उन्होंने कहा कि कंपनियां सरकार को ये बतायें कौन देश गैर-शुल्क बाधाएं कर रहे हैं जिससे देश का निर्यात प्रभावित हो रहा है.
ये भी पढ़ें: प्रतिस्पर्धात्मक कैशलेस प्रणाली !!
गोयल ने कहा, "हमारी सरकार आपके साथ खड़ी है और जवाबी कदम उठाएगी तथा उसी प्रकार के गैर-शुल्क बाधाएं संबंधित देशों पर खड़ी करेगी."
भारत का निर्यात लगातार चौथै महीने नवंबर में 0.34 प्रतिशत घटकर 25.98 अरब डॉलर रहा. इसका मुख्य कारण पेट्रोलियम, रत्न एवं आभूषण तथा चमड़ा उत्पादों के निर्यात में कमी है.
उन्होंने कहा कि उद्यमी भावना में नई जान डालने और कुछ वास्तविक समस्याओं को दूर करने के लिये उद्योग तथा सरकार को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है. मंत्री ने यह भी कहा कि भारत निवेश के लिये लिहाज से बेहतर जगह है.
उन्होंने कहा, "यह ऐसा देश है जहां आपको प्रतिस्पर्धी लाभ के साथ बड़ा घरेलू बाजार मिलता है."