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अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर काम कर रही सरकार, आयकर में कटौती संभव: वित्त मंत्री

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Published : Dec 8, 2019, 12:34 PM IST

इनकम टैक्स रेट में राहत के सवाल पर उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स रेट को ज्यादा तर्कसंगत बनाने पर विचार किया जा रहा है. खासकर कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती के बाद से इसकी मांग और तेज हो गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि इनकम टैक्स रेट में राहत विभिन्न उपायों में से एक है, जिसके बारे में सरकार विचार कर रही है.

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अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर काम कर रही सरकार, आयकर में कटौती संभव: वित्त मंत्री

नई दिल्ली: आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए सरकार की तरफ से लगातार कोशिशें की जा रही हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इनकम टैक्स रेट को ज्यादा तर्कसंगत बनाने समेत अन्य उपायों पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए अगस्त और सितंबर में कई कदम उठाए हैं.

इनकम टैक्स रेट में राहत के सवाल पर उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स रेट को ज्यादा तर्कसंगत बनाने पर विचार किया जा रहा है. खासकर कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती के बाद से इसकी मांग और तेज हो गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि इनकम टैक्स रेट में राहत विभिन्न उपायों में से एक है, जिसके बारे में सरकार विचार कर रही है. टैक्स में कटौती की मांग इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लोगों की खरीदने की शक्ति बढ़ सके और मांग में तेजी आए.

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे सावधानी के साथ समझौता नहीं करें, लेकिन मांग में तेजी लाने की कोशिश की जाए. मांग में तेजी लाने के लिए दूर-दराज के इलाकों में पिछले दो महीने में करीब पांच लाख करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं. भारत की अर्थव्यवस्था में घरेलू मांग का योगदान करीब 60 फीसदी है.

ये भी पढ़ें: अगर वोडाफोन-आइडिया एजीआर देनदारियों में विफल रहा है तो एयरटेल को होगा फायदा

वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि टैक्सपेयर्स को परेशान नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा टैक्स सिस्टम और ज्यादा आसान बनाना है. वह विभिन्न प्रकार की छूटों को भी हटाना चाहती हैं. उन्होंने कॉर्पोरेट टैक्स का उदाहरण देते हुए कहा, "अब यह टैक्स ज्यादा आसान और छूटों से मुक्त व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं."

जीएसटी को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि इसको लेकर आखिरी फैसला जीएसटी काउंसिल को लेना है. हालांकि टैक्स सिस्टम को ज्यादा आसान और लॉजिकल बनाने की बात कही. उन्होंने स्वीकार किया कि जीएसटी ज्यादा जटिल हो रहा है. इसके कारणों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि टेक्नॉलजी का ज्यादा इस्तेमाल होने के कारण ज्यादा जानकारी मांगी जा रही है. लेकिन टैक्सपेयर्स इतनी अधिक सूचना मांगे जाने से परेशान हो जाते हैं.

अपनी आलोचना को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि मैं इससे परेशान नहीं होती हूं. कई बार मैं भी इससे प्रभावित होती हूं, लेकिन मेरा मानना है कि यह काम का हिस्सा है. इसलिए जो हो रहा है उसे होने दीजिए. मैं हर किसी के विचारों का सम्मान करती हूं.

नई दिल्ली: आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए सरकार की तरफ से लगातार कोशिशें की जा रही हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इनकम टैक्स रेट को ज्यादा तर्कसंगत बनाने समेत अन्य उपायों पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए अगस्त और सितंबर में कई कदम उठाए हैं.

इनकम टैक्स रेट में राहत के सवाल पर उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स रेट को ज्यादा तर्कसंगत बनाने पर विचार किया जा रहा है. खासकर कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती के बाद से इसकी मांग और तेज हो गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि इनकम टैक्स रेट में राहत विभिन्न उपायों में से एक है, जिसके बारे में सरकार विचार कर रही है. टैक्स में कटौती की मांग इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लोगों की खरीदने की शक्ति बढ़ सके और मांग में तेजी आए.

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे सावधानी के साथ समझौता नहीं करें, लेकिन मांग में तेजी लाने की कोशिश की जाए. मांग में तेजी लाने के लिए दूर-दराज के इलाकों में पिछले दो महीने में करीब पांच लाख करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं. भारत की अर्थव्यवस्था में घरेलू मांग का योगदान करीब 60 फीसदी है.

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वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि टैक्सपेयर्स को परेशान नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा टैक्स सिस्टम और ज्यादा आसान बनाना है. वह विभिन्न प्रकार की छूटों को भी हटाना चाहती हैं. उन्होंने कॉर्पोरेट टैक्स का उदाहरण देते हुए कहा, "अब यह टैक्स ज्यादा आसान और छूटों से मुक्त व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं."

जीएसटी को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि इसको लेकर आखिरी फैसला जीएसटी काउंसिल को लेना है. हालांकि टैक्स सिस्टम को ज्यादा आसान और लॉजिकल बनाने की बात कही. उन्होंने स्वीकार किया कि जीएसटी ज्यादा जटिल हो रहा है. इसके कारणों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि टेक्नॉलजी का ज्यादा इस्तेमाल होने के कारण ज्यादा जानकारी मांगी जा रही है. लेकिन टैक्सपेयर्स इतनी अधिक सूचना मांगे जाने से परेशान हो जाते हैं.

अपनी आलोचना को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि मैं इससे परेशान नहीं होती हूं. कई बार मैं भी इससे प्रभावित होती हूं, लेकिन मेरा मानना है कि यह काम का हिस्सा है. इसलिए जो हो रहा है उसे होने दीजिए. मैं हर किसी के विचारों का सम्मान करती हूं.

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नई दिल्ली: आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए सरकार की तरफ से लगातार कोशिशें की जा रही हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इनकम टैक्स रेट को ज्यादा तर्कसंगत बनाने समेत अन्य उपायों पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए अगस्त और सितंबर में कई कदम उठाए हैं.

इनकम टैक्स रेट में राहत के सवाल पर उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स रेट को ज्यादा तर्कसंगत बनाने पर विचार किया जा रहा है. खासकर कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती के बाद से इसकी मांग और तेज हो गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि इनकम टैक्स रेट में राहत विभिन्न उपायों में से एक है, जिसके बारे में सरकार विचार कर रही है. टैक्स में कटौती की मांग इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लोगों की खरीदने की शक्ति बढ़ सके और मांग में तेजी आए.

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे सावधानी के साथ समझौता नहीं करें, लेकिन मांग में तेजी लाने की कोशिश की जाए. मांग में तेजी लाने के लिए दूर-दराज के इलाकों में पिछले दो महीने में करीब पांच लाख करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं. भारत की अर्थव्यवस्था में घरेलू मांग का योगदान करीब 60 फीसदी है.

वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि टैक्सपेयर्स को परेशान नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा टैक्स सिस्टम और ज्यादा आसान बनाना है. वह विभिन्न प्रकार की छूटों को भी हटाना चाहती हैं. उन्होंने कॉर्पोरेट टैक्स का उदाहरण देते हुए कहा, "अब यह टैक्स ज्यादा आसान और छूटों से मुक्त व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं."

जीएसटी को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि इसको लेकर आखिरी फैसला जीएसटी काउंसिल को लेना है. हालांकि टैक्स सिस्टम को ज्यादा आसान और लॉजिकल बनाने की बात कही. उन्होंने स्वीकार किया कि जीएसटी ज्यादा जटिल हो रहा है. इसके कारणों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि टेक्नॉलजी का ज्यादा इस्तेमाल होने के कारण ज्यादा जानकारी मांगी जा रही है. लेकिन टैक्सपेयर्स इतनी अधिक सूचना मांगे जाने से परेशान हो जाते हैं.

अपनी आलोचना को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि मैं इससे परेशान नहीं होती हूं. कई बार मैं भी इससे प्रभावित होती हूं, लेकिन मेरा मानना है कि यह काम का हिस्सा है. इसलिए जो हो रहा है उसे होने दीजिए. मैं हर किसी के विचारों का सम्मान करती हूं.

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