नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि वाणिज्य मंत्रालय विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) के नियमों में ढील देने और इकाइयों के लिए इन क्षेत्रों से बाहर निकलने को आसान बनाने की कोशिश कर रहा है.
मंत्रालय मौजूदा SEZs की आंशिक रूप से मान्यता रद्द करने के तरीकों पर भी विचार कर रहा है ताकि जिन क्षेत्रों में अधिक मांग नहीं है, उनका उपयोग औद्योगिक या अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सके.
उन्होंवे कहा, देश में SEZs में बड़ी मात्रा में क्षेत्र पड़े हुए हैं. अब जब सनसेट क्लॉज (एसईजेड टैक्स इंसेंटिव के लिए) में सेट हो गया है, तो शायद हमें नए लोगों के लिए SEZs के भीतर इकाइयां स्थापित करने के लिए पर्याप्त कर्षण (traction) नहीं मिल रहा है, इसलिए हम आगे चल रहे SEZs की प्रणाली को आसान बनाकर इसे लोगों के लिए आसान बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
पढ़ें :- चमड़ा, फुटवियर उद्योग के लिए प्रोत्साहन योजना को 2025-26 तक बढ़ा सकती है सरकार
वह SEEPZ (सांताक्रूज इलेक्ट्रॉनिक एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन), मुंबई में निर्यातकों के साथ बातचीत कर रहे थे. उन्होंने यह भी कहा कि निर्यातकों द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर सरकार विचार कर रही है.
एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मंत्रालय अपने वित्त समकक्ष के साथ 800 अमरीकी डालर तक के कृत्रिम आभूषणों के लिए ई-कॉमर्स को मूल रूप से अनुमति देने और पुराने सामानों के मूल्यह्रास के मुद्दों पर चर्चा कर रहा है. हम इस बात पर भी चर्चा कर रहे हैं कि कैसे एसईजेड एक समान उगाही के माध्यम से डीटीए (घरेलू टैरिफ क्षेत्र) में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
(पीटीआई)