ETV Bharat / business

सरकार मंत्रिमंडल की मंजूरी वाले 23 सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश प्रक्रिया आगे बढ़ाएगी: सीतारमण - निर्मला सीतारमण

मंत्री ने यह भी कहा कि वह कारोबार केलिए दिए जा रहे कर्ज की समीक्षा के लिए जल्दी ही लघु कर्ज का कारोबार करने वाली कंपनियों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ बैठक करेंगी.

सरकार मंत्रिमंडल की मंजूरी वाले 23 सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश प्रक्रिया आगे बढ़ाएगी: सीतारमण
सरकार मंत्रिमंडल की मंजूरी वाले 23 सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश प्रक्रिया आगे बढ़ाएगी: सीतारमण
author img

By

Published : Jul 27, 2020, 10:20 PM IST

Updated : Jul 28, 2020, 10:13 AM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार लगभग 23 सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बेचने का काम पूरा करने में लगी है. मंत्रिमंडल इन उपक्रमों में विनिवेश के प्रस्ताव पहले ही मंजूर कर चुका है.

मंत्री ने यह भी कहा कि वह कारोबार केलिए दिए जा रहे कर्ज की समीक्षा के लिए जल्दी ही लघु कर्ज का कारोबार करने वाली कंपनियों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ बैठक करेंगी.

सीतारमण ने हीरो एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील कांत मुंजाल के साथ बातचीत में कहा कि सरकार आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत निजी भागीदारी के लिये सभी क्षेत्रों को खोले जाने की घोषणा की थी.

उन्होंने कहा, "अभी इस बारे में अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है इस लिए मैं अभी कुछ बोल नहीं सकती....लेकिन उन क्षेत्रों में जिसे हम रणनीतिक कहने जा रहे हैं, निजी क्षेत्र को निश्चित रूप से आने की अनुमति होगी. लेकिन उनमें सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की संख्या अधिकतम चार तक सीमित होगी."

विनिवेश योजना के बारे में मंत्री ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हिस्सेदारी वैसे समय बेचना चाहती है, जब उसे सहीं मूल्य मिले.

सीतारमण ने कहा, "लगभग 22-23 सार्वजनिक उपक्रम हैं जिसे मंत्रिमंडल पहले ही विनिवेश के लिये मंजूरी दे चुका है. हमारा इरादा कम-से-कम उन कंपनियों के लिये बिल्कुल साफ है जिसे मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है. उनका विनिवेश होगा."

ये भी पढ़ें: राज्यों को मिला 1.65 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा; महाराष्ट्र, कर्नाटक शीर्ष लाभार्थी

सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिये 2.10 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा है. इसमें से 1.20 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से जबकि 90,000 करोड़ रुपये वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री के जरिये आएंगे.

उद्योग को मिली कर्ज सुविधा के संदर्भ में सीतारमण ने कहा कि आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) कर्ज ले सकते हैं.

उन्होंने कहा कि 23 जुलाई, 2020 तक सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों ने 1,30,491.79 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी जिसमें से 82,065.01 करोड़ रुपये पहले ही जारी किये जा चुके हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार लगभग 23 सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बेचने का काम पूरा करने में लगी है. मंत्रिमंडल इन उपक्रमों में विनिवेश के प्रस्ताव पहले ही मंजूर कर चुका है.

मंत्री ने यह भी कहा कि वह कारोबार केलिए दिए जा रहे कर्ज की समीक्षा के लिए जल्दी ही लघु कर्ज का कारोबार करने वाली कंपनियों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ बैठक करेंगी.

सीतारमण ने हीरो एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील कांत मुंजाल के साथ बातचीत में कहा कि सरकार आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत निजी भागीदारी के लिये सभी क्षेत्रों को खोले जाने की घोषणा की थी.

उन्होंने कहा, "अभी इस बारे में अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है इस लिए मैं अभी कुछ बोल नहीं सकती....लेकिन उन क्षेत्रों में जिसे हम रणनीतिक कहने जा रहे हैं, निजी क्षेत्र को निश्चित रूप से आने की अनुमति होगी. लेकिन उनमें सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की संख्या अधिकतम चार तक सीमित होगी."

विनिवेश योजना के बारे में मंत्री ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हिस्सेदारी वैसे समय बेचना चाहती है, जब उसे सहीं मूल्य मिले.

सीतारमण ने कहा, "लगभग 22-23 सार्वजनिक उपक्रम हैं जिसे मंत्रिमंडल पहले ही विनिवेश के लिये मंजूरी दे चुका है. हमारा इरादा कम-से-कम उन कंपनियों के लिये बिल्कुल साफ है जिसे मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है. उनका विनिवेश होगा."

ये भी पढ़ें: राज्यों को मिला 1.65 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा; महाराष्ट्र, कर्नाटक शीर्ष लाभार्थी

सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिये 2.10 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा है. इसमें से 1.20 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से जबकि 90,000 करोड़ रुपये वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री के जरिये आएंगे.

उद्योग को मिली कर्ज सुविधा के संदर्भ में सीतारमण ने कहा कि आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) कर्ज ले सकते हैं.

उन्होंने कहा कि 23 जुलाई, 2020 तक सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों ने 1,30,491.79 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी जिसमें से 82,065.01 करोड़ रुपये पहले ही जारी किये जा चुके हैं.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jul 28, 2020, 10:13 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.