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उद्योगों, कारोबारों के सतत संपर्क में रहना चाहती है सरकार: सीतारमण

सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में कर मामलों में अपील करने तथा कर भुगतान की प्रक्रिया में अधिकारियों और करदाताओं के एक-दूसरे के सामने उपस्थित होने की अनिवार्यता समाप्त करने जैसे कदमों को शामिल किया है.

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उद्योगों, कारोबारों के सतत संपर्क में रहना चाहती है सरकार: सीतारमण
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Published : Feb 9, 2020, 3:37 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 6:32 PM IST

कोलकाता: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि सरकार उद्योगों और कारोबारों के साथ लगातार जुड़े रहना चाहती है तथा करों के भुगतान को सहज बनाने के लिए उनकी सहायता करेगी.सीतारमण यहां व्यापार एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रही थीं.

उन्होंने कहा, "यह संदेश स्पष्ट दिख रहा है कि सरकार उद्यमियों औ व्यवसायियों से निरंतर संवाद रखना चाहती है.मैं यहां देश के अंदर और बाहर की दुनिया की घटनाओं के कारण यहां नहीं आयी हूं."

जाहिरा तौर पर उनका यह कहना था के वह उद्योग व्यापार जगत से संवाद के लिए यहां आयी हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में कर मामलों में अपील करने तथा कर भुगतान की प्रक्रिया में अधिकारियों और करदाताओं के एक-दूसरे के सामने उपस्थित होने की अनिवार्यता समाप्त करने जैसे कदमों को शामिल किया है. सीतारमण ने कहा कि यह सिर्फ नयी प्रौद्योगिकी से संभव हो सकता है.

उन्होंने कहा, "पिछले कई साल हमें बेकार कानूनों को हटाने में लगे. यह सरकार को बजट में किये गये वादों को पूरा करने में मदद करेगा."

वित्त मंत्री ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े मुद्दों को लेकर कहा कि कर की दरें कम करने की पहल शुरू करने की जिम्मेदारी केंद्र की नहीं है. राज्यों के मंत्रियों को भी मामले उठाने चाहिये.

चाय बोर्ड के चेयरमैन पी.के.बेजबरुआ द्वारा पश्चिम बंगाल और असम के चाय उत्पादक क्षेत्रों में एटीएम की कमी का मामला उठाने पर उन्होंने कहा, "बिना नकदी के मेहनताने का भुगतान समस्या बन रहा है. मैं जानती हूं कि चाय उत्पादक क्षेत्रों में एटीएम कम हैं. सरकार इन इलाकों में एटीएम लगाने को तैयार है."

ये भी पढ़ें: राज्यों को जल्द जीएसटी मुआवजे का 35,000 करोड़ रुपये जारी करेगी केंद्र सरकार

वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा कि सच्चे कारोबारों के द्वारा कर्जलिये जाने में तेजी लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, "व्यावसायिक ऋण वितरण में तेजी की जरूरत है. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने कारोबार की वास्तविक असफलता तथा धोखाधड़ी के बीच फर्क करने के लिये एक समिति गठित की है."

इस दौरान यहां के उद्योगपतियों ने वित्त मंत्री से मिलकर देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिये बजट में उठाये गये बड़े कदमों की सराहना की.

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के महानिदेशक राजीव सिंह ने बैठक के बाद कहा, "हमारी चर्चा बुनियादी संरचना पर खर्च बढ़ाने, भारतीय जीवन बीमा निगम का विनिवेश करने, कृषि क्षेत्र के लिये उपायों जैसे सरकार के बड़े कदमों पर केंद्रित रही."

आईसीसी के प्रतिनिधिमंडल ने लाभांश वितरण कर, गैर-निष्पादित परिसंपत्ति से संबंधी कानूनों, खुदरा क्षेत्र के लिये कई मंजूरियां, निर्यात के लिये मानक परिचालन प्रक्रिया, रियल एस्टेट क्षेत्र के मुद्दों आदि पर कुछ सुझाव भी दिये.
(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि सरकार उद्योगों और कारोबारों के साथ लगातार जुड़े रहना चाहती है तथा करों के भुगतान को सहज बनाने के लिए उनकी सहायता करेगी.सीतारमण यहां व्यापार एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रही थीं.

उन्होंने कहा, "यह संदेश स्पष्ट दिख रहा है कि सरकार उद्यमियों औ व्यवसायियों से निरंतर संवाद रखना चाहती है.मैं यहां देश के अंदर और बाहर की दुनिया की घटनाओं के कारण यहां नहीं आयी हूं."

जाहिरा तौर पर उनका यह कहना था के वह उद्योग व्यापार जगत से संवाद के लिए यहां आयी हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में कर मामलों में अपील करने तथा कर भुगतान की प्रक्रिया में अधिकारियों और करदाताओं के एक-दूसरे के सामने उपस्थित होने की अनिवार्यता समाप्त करने जैसे कदमों को शामिल किया है. सीतारमण ने कहा कि यह सिर्फ नयी प्रौद्योगिकी से संभव हो सकता है.

उन्होंने कहा, "पिछले कई साल हमें बेकार कानूनों को हटाने में लगे. यह सरकार को बजट में किये गये वादों को पूरा करने में मदद करेगा."

वित्त मंत्री ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े मुद्दों को लेकर कहा कि कर की दरें कम करने की पहल शुरू करने की जिम्मेदारी केंद्र की नहीं है. राज्यों के मंत्रियों को भी मामले उठाने चाहिये.

चाय बोर्ड के चेयरमैन पी.के.बेजबरुआ द्वारा पश्चिम बंगाल और असम के चाय उत्पादक क्षेत्रों में एटीएम की कमी का मामला उठाने पर उन्होंने कहा, "बिना नकदी के मेहनताने का भुगतान समस्या बन रहा है. मैं जानती हूं कि चाय उत्पादक क्षेत्रों में एटीएम कम हैं. सरकार इन इलाकों में एटीएम लगाने को तैयार है."

ये भी पढ़ें: राज्यों को जल्द जीएसटी मुआवजे का 35,000 करोड़ रुपये जारी करेगी केंद्र सरकार

वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा कि सच्चे कारोबारों के द्वारा कर्जलिये जाने में तेजी लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, "व्यावसायिक ऋण वितरण में तेजी की जरूरत है. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने कारोबार की वास्तविक असफलता तथा धोखाधड़ी के बीच फर्क करने के लिये एक समिति गठित की है."

इस दौरान यहां के उद्योगपतियों ने वित्त मंत्री से मिलकर देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिये बजट में उठाये गये बड़े कदमों की सराहना की.

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के महानिदेशक राजीव सिंह ने बैठक के बाद कहा, "हमारी चर्चा बुनियादी संरचना पर खर्च बढ़ाने, भारतीय जीवन बीमा निगम का विनिवेश करने, कृषि क्षेत्र के लिये उपायों जैसे सरकार के बड़े कदमों पर केंद्रित रही."

आईसीसी के प्रतिनिधिमंडल ने लाभांश वितरण कर, गैर-निष्पादित परिसंपत्ति से संबंधी कानूनों, खुदरा क्षेत्र के लिये कई मंजूरियां, निर्यात के लिये मानक परिचालन प्रक्रिया, रियल एस्टेट क्षेत्र के मुद्दों आदि पर कुछ सुझाव भी दिये.
(पीटीआई-भाषा)

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कोलकाता: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि सरकार उद्योगों और कारोबारों के साथ लगातार जुड़े रहना चाहती है तथा करों के भुगतान को सहज बनाने के लिए उनकी सहायता करेगी.सीतारमण यहां व्यापार एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रही थीं.

उन्होंने कहा, "यह संदेश स्पष्ट दिख रहा है कि सरकार उद्यमियों औ व्यवसायियों से निरंतर संवाद रखना चाहती है.मैं यहां देश के अंदर और बाहर की दुनिया की घटनाओं के कारण यहां नहीं आयी हूं."

जाहिरा तौर पर उनका यह कहना था के वह उद्योग व्यापार जगत से संवाद के लिए यहां आयी हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में कर मामलों में अपील करने तथा कर भुगतान की प्रक्रिया में अधिकारियों और करदाताओं के एक-दूसरे के सामने उपस्थित होने की अनिवार्यता समाप्त करने जैसे कदमों को शामिल किया है. सीतारमण ने कहा कि यह सिर्फ नयी प्रौद्योगिकी से संभव हो सकता है.

उन्होंने कहा, "पिछले कई साल हमें बेकार कानूनों को हटाने में लगे. यह सरकार को बजट में किये गये वादों को पूरा करने में मदद करेगा."

वित्त मंत्री ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े मुद्दों को लेकर कहा कि कर की दरें कम करने की पहल शुरू करने की जिम्मेदारी केंद्र की नहीं है. राज्यों के मंत्रियों को भी मामले उठाने चाहिये.

चाय बोर्ड के चेयरमैन पी.के.बेजबरुआ द्वारा पश्चिम बंगाल और असम के चाय उत्पादक क्षेत्रों में एटीएम की कमी का मामला उठाने पर उन्होंने कहा, "बिना नकदी के मेहनताने का भुगतान समस्या बन रहा है. मैं जानती हूं कि चाय उत्पादक क्षेत्रों में एटीएम कम हैं. सरकार इन इलाकों में एटीएम लगाने को तैयार है."

वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा कि सच्चे कारोबारों के द्वारा कर्जलिये जाने में तेजी लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, "व्यावसायिक ऋण वितरण में तेजी की जरूरत है. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने कारोबार की वास्तविक असफलता तथा धोखाधड़ी के बीच फर्क करने के लिये एक समिति गठित की है."

इस दौरान यहां के उद्योगपतियों ने वित्त मंत्री से मिलकर देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिये बजट में उठाये गये बड़े कदमों की सराहना की.

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के महानिदेशक राजीव सिंह ने बैठक के बाद कहा, "हमारी चर्चा बुनियादी संरचना पर खर्च बढ़ाने, भारतीय जीवन बीमा निगम का विनिवेश करने, कृषि क्षेत्र के लिये उपायों जैसे सरकार के बड़े कदमों पर केंद्रित रही."

आईसीसी के प्रतिनिधिमंडल ने लाभांश वितरण कर, गैर-निष्पादित परिसंपत्ति से संबंधी कानूनों, खुदरा क्षेत्र के लिये कई मंजूरियां, निर्यात के लिये मानक परिचालन प्रक्रिया, रियल एस्टेट क्षेत्र के मुद्दों आदि पर कुछ सुझाव भी दिये.

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Last Updated : Feb 29, 2020, 6:32 PM IST
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