नई दिल्ली: कोविड-19 संकट की वजह से किए गए लॉकडाउन के चलते सरकार ने लगातार दूसरे महीने मई के औद्योगिक उत्पादन के पूर्ण आंकड़े जारी नहीं किए. इससे पहले सरकार ने अप्रैल के भी पूरे आंकड़े जारी नहीं किए थे.
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने शुक्रवार को औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के त्वरित अनुमान जारी किए. इसके मुतबिक मई में देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 88.4 अंक पर रहा. अप्रैल में यह 53.6 अंक था. जबकि एक साल पहले मई 2019 में यह 135.4 अंक पर था.
त्वरित आंकड़े दिखाते हैं कि देश के औद्योगिक उत्पादन में मई में अप्रैल की तुलना में सुधार हुआ है. लेकिन एक साल पहले के मुकाबले सूचकांक में भारी गिरावट आई है.
मंत्रालय ने आंकड़ों का कोई तुलनात्मक ब्यौरा जारी नहीं किया है. साथ ही कहा है कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर लागू लॉकडाउन की वजह से आईआईपी आंकड़ों का तुलनात्मक विश्लेषण उपयुक्त नहीं होगा.
मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, "कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन और अन्य एहतियाती कदमों के चलते 24 मार्च 2020 के बाद से अधिकतर औद्योगिक प्रतिष्ठानों में परिचालन नहीं हुआ. इससे देश में लॉकडाउन की अवधि के साथ-साथ बाद में लॉकडाउन में दी गयी राहत के दौरान भी औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ."
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मई 2020 में आईआईपी 88.4 अंक पर रहा. यह अप्रैल 2020 के 53.6 अंक से ऊपर है. हालांकि, मई 2019 में यह 135.4 अंक था, इस तरह मई 2020 के आंकड़े औद्योगिक उत्पादन में 34.71 प्रतिशत की गिरावट दर्शाते हैं. वहीं पिछले साल मई में आईआईपी में 4.5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गयी थी.
मंत्रालय ने कहा कि जैसा अप्रैल 2020 के आईआईपी आंकड़ों की जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि कोविड-19 संकट की वजह से आंकड़ों का तुलनात्मक विश्लेषण उचित नहीं होगा. इसी प्रकार मई 2020 के आंकड़ों को भी कोविड 2019 महामारी फैलने से पहले के महीनों के साथ तुलनात्मक विलेषण करना उचित नहीं होगा.
मंत्रालय के मुताबिक मई 2020 में खनन, विनिर्माण और विद्युत क्षेत्र में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक क्रमश: 87.0, 82.4 और 149.6 अंक रहा. इसी तरह प्राथमिक सामानों के लिए यह 105.5 अंक, पूंजीगत सामान के लिए 37.1 अंक, अंतरमाध्यमिक सामानों के लिए 77.6 अंक, अवसंरचना/ निर्माण सामानों के लिए 84.1 अंक, टिकाऊ उपभोक्ता सामानों के लिए 42.2 अंक और उपभोक्ता सामान के लिए 132.3 अंक रहा.
(पीटीआई-भाषा)