नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को 30.67 लाख गैर-राजपत्रित केंद्रीय कर्मचारियों को बोनस देने का फैसला किया. कुल 3,737 करोड़ रुपये बोनस मिलने से कर्मचारी त्योहारों के दौरान खर्च के लिये प्रोत्साहित होंगे और इससे कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ेगी.
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में 2019-20 के लिये उत्पादकता और गैर-उत्पादकता से संबद्ध बोनस देने का फैसला किया गया.
बैठक में किये गये फैसले की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि त्योहारों से पहले केंद्र सरकार के 30 लाख गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को 3,737 करोड़ के बोनस का भुगतान किया जाएगा. इससे बाजार में मांग बढ़ेगी और त्योहारों के समय मध्यम वर्ग के हाथ में पैसा होगा. कर्मचारियों को बोनस एक सप्ताह के भीतर दिया जाएगा.
आधिकारिक बयान में कहा गया है, "गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को पिछले साल के उनके प्रदर्शन के आधार पर बोनस दुर्गा पूजा/दशहरा से पहले दिया जाता है. सरकार गैर-राजपत्रित कर्मचारियों के लिये उत्पादकता आधारित बोनस और तदर्थ बोनस की घोषणा कर रही है. इसे जल्दी संबंधित कर्मचारियों को दिया जाएगा."
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बयान के अनुसार, "उत्पादकता से संबद्ध बोनस के तहत भारतीय रेल, डाक, रक्षा, ईपीएफओ और ईएसआईसी समेत अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के 16.97 लाख गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. इससे सरकार पर 2,791 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ेगा."
इसमें कहा गया है, "गैर-उत्पादकता से जुड़ा बोनस या तदर्थ बोनस केंद्र सरकार के गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को दिया जाता है. इससे 13.70 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. इससे सरकार पर 946 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ आएगा."
इस प्रकार, कुल 30.67 लाख कर्मचारियों को बोनस का लाभ मिलेगा और सरकार पर कुल 3737 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ आएगा.
(पीटीआई-भाषा)