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अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार की सोच एक: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री ने शुक्रवार को भारतीय उद्योग परिसंघ की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते से वह कर उत्पीड़न से जुड़े मुद्दों को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में उद्योगपतियों से मिलेंगी और तुंरत मौके पर शिकायतों का निवारण करेंगी.

अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार की सोच में समानता है: वित्त मंत्री
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Published : Aug 9, 2019, 7:47 PM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योगपतियों को भरोसा दिलाया कि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के विषय में भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार की सोच में समानता है और इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

वित्त मंत्री ने शुक्रवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते से वह कर उत्पीड़न से जुड़े मुद्दों को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में उद्योगपतियों से मिलेंगी और तुंरत मौके पर शिकायतों का निवारण करेंगी. सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था में कुछ सुस्ती के बावजूद, भारत सबसे तेजी से उभरती हई अर्थव्यवस्था बनी हुई है.

ये भी पढ़ें - विभिन्न संयंत्रों में 8-14 दिन के लिए उत्पादन बंद करेगी महिंद्रा

सरकार और आरबीआई आपस में तालमेल बैठाकर काम कर रहे हैं. यह व्यवस्था निवेश को प्रोत्साहित करने में मदद करेगी. वित्त मंत्री ने कहा, " सरकार और रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जरूरी प्रयास कर रहे हैं और इस संबंध में एक ही रास्ते पर हैं." उन्होंने कहा कि आरबीआई और सरकार के संबंधों में भारो और सौहार्द्र है.

उन्होंने कहा कि सरकार कभी नहीं चाहेगी कि उद्योग क्षेत्र के लिए कोई कठिनाई हो. गौरतलब है कि इस समय वाहन और बुनियादी क्षेत्र की वृद्धि अर्थव्यवस्था में नरमी की ओर इशारा कर रही है.

इसके अलावा , एनबीएफसी को संकट का सामना करना पड़ रहा है उन्होंने कहा कि सरकार वित्तीय क्षेत्र की चिंताओं पर गौर कर रही है और उन्हें दूर करेगी. वित्त मंत्री ने संकेत दिया कि इस समस्या को सुलझाने के लिए आगामी हफ्तों में कदम उठाए जाएंगे.

सीतारमण ने उद्योग को भरोसा दिया है कि कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) की शर्तों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर दंड के प्रावधानों पर सरकार फिर से विचार करेगी.

उन्होंने कहा, "हमारा इरादा किसी पर आपराधिक मुकदमा चलाने का नहीं है." सीआईआई ने ट्वीट में लिखा, " कराधान के मोर्चे पर वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का इरादा कंपनी कर (कॉरपोरेट टैक्स) को कम करने का है और उद्योग को इसके लिए इंतजार करने की जरूरत होगी."

कंपनियों और आपूर्तिकर्ताओं का सरकारी विभाग और एजेंसियों पर बकाये को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि वह मुद्दे को सुलझाने की प्रक्रिया में हैं. सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) का करीब 48,000 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है.

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योगपतियों को भरोसा दिलाया कि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के विषय में भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार की सोच में समानता है और इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

वित्त मंत्री ने शुक्रवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते से वह कर उत्पीड़न से जुड़े मुद्दों को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में उद्योगपतियों से मिलेंगी और तुंरत मौके पर शिकायतों का निवारण करेंगी. सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था में कुछ सुस्ती के बावजूद, भारत सबसे तेजी से उभरती हई अर्थव्यवस्था बनी हुई है.

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सरकार और आरबीआई आपस में तालमेल बैठाकर काम कर रहे हैं. यह व्यवस्था निवेश को प्रोत्साहित करने में मदद करेगी. वित्त मंत्री ने कहा, " सरकार और रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जरूरी प्रयास कर रहे हैं और इस संबंध में एक ही रास्ते पर हैं." उन्होंने कहा कि आरबीआई और सरकार के संबंधों में भारो और सौहार्द्र है.

उन्होंने कहा कि सरकार कभी नहीं चाहेगी कि उद्योग क्षेत्र के लिए कोई कठिनाई हो. गौरतलब है कि इस समय वाहन और बुनियादी क्षेत्र की वृद्धि अर्थव्यवस्था में नरमी की ओर इशारा कर रही है.

इसके अलावा , एनबीएफसी को संकट का सामना करना पड़ रहा है उन्होंने कहा कि सरकार वित्तीय क्षेत्र की चिंताओं पर गौर कर रही है और उन्हें दूर करेगी. वित्त मंत्री ने संकेत दिया कि इस समस्या को सुलझाने के लिए आगामी हफ्तों में कदम उठाए जाएंगे.

सीतारमण ने उद्योग को भरोसा दिया है कि कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) की शर्तों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर दंड के प्रावधानों पर सरकार फिर से विचार करेगी.

उन्होंने कहा, "हमारा इरादा किसी पर आपराधिक मुकदमा चलाने का नहीं है." सीआईआई ने ट्वीट में लिखा, " कराधान के मोर्चे पर वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का इरादा कंपनी कर (कॉरपोरेट टैक्स) को कम करने का है और उद्योग को इसके लिए इंतजार करने की जरूरत होगी."

कंपनियों और आपूर्तिकर्ताओं का सरकारी विभाग और एजेंसियों पर बकाये को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि वह मुद्दे को सुलझाने की प्रक्रिया में हैं. सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) का करीब 48,000 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है.

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