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भारतीय अर्थव्यवस्था में हो सकता है पांच प्रतिशत संकुचन: गोल्डमैन साक्स - भारतीय अर्थवय्वस्था

गोल्डमैन साक्स ने अपनी ताजार रिपोर्ट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी- मार्च) तिमाही के मुकाबले भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 45 प्रतिशत गिर सकता है.

भारतीय अर्थव्यवस्था में हो सकता है पांच प्रतिशत संकुचन: गोल्डमैन साक्स
भारतीय अर्थव्यवस्था में हो सकता है पांच प्रतिशत संकुचन: गोल्डमैन साक्स
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Published : May 18, 2020, 10:29 PM IST

मुंबई: अमेरिका की ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन साक्स का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत की गिरावट होगी है. यह भारत का एक वर्ष का सबसे खराब प्रदर्शन होगा.

उसने अपनी ताजार रिपोर्ट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी- मार्च) तिमाही के मुकाबले भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 45 प्रतिशत गिर सकता है.

लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियों के लगातार बंद रहने की वजह से यह स्थिति बनी है. उसका कहना है कि कामकाज शुरू होने पर जीडीपी सुधरेगा.

कई एजेंसियां भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट आने का अनुमान लगा रही हैं. प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने के बाद भी उन्हें गिरावट की आशंका बनी हुई है.

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन: करीब सौ कर्मचारियों की छंटनी करेगी वीवर्क इंडिया

गोल्डमैन साक्स ने इससे पहले 0.4 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान लगाया था जिसे बाद में उसने और बढ़ा कर पांच प्रतिशत कर दिया. जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा इसी दायरे की गिरावट का अनुमान लगाया है.

गोल्डमैन साक्स के विश्लेषक ने लिखा है, "वर्ष 2020- 21 के दौरान पांच प्रतिशत गिरावट का अनुमान जो हमने जारी किया है वह भारत में अब तक की सभी मंदियों के मुकाबले कहीं अधिक गहरा होगा."

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: अमेरिका की ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन साक्स का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत की गिरावट होगी है. यह भारत का एक वर्ष का सबसे खराब प्रदर्शन होगा.

उसने अपनी ताजार रिपोर्ट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी- मार्च) तिमाही के मुकाबले भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 45 प्रतिशत गिर सकता है.

लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियों के लगातार बंद रहने की वजह से यह स्थिति बनी है. उसका कहना है कि कामकाज शुरू होने पर जीडीपी सुधरेगा.

कई एजेंसियां भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट आने का अनुमान लगा रही हैं. प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने के बाद भी उन्हें गिरावट की आशंका बनी हुई है.

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गोल्डमैन साक्स ने इससे पहले 0.4 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान लगाया था जिसे बाद में उसने और बढ़ा कर पांच प्रतिशत कर दिया. जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा इसी दायरे की गिरावट का अनुमान लगाया है.

गोल्डमैन साक्स के विश्लेषक ने लिखा है, "वर्ष 2020- 21 के दौरान पांच प्रतिशत गिरावट का अनुमान जो हमने जारी किया है वह भारत में अब तक की सभी मंदियों के मुकाबले कहीं अधिक गहरा होगा."

(पीटीआई-भाषा)

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