ETV Bharat / business

कोविड-19 की स्थिति पर निर्भर करेगी आर्थिक प्रात्साहन की आगे की कार्रवाई: सीतारमण

सीतारमण ने भाजपा नेता से नलिन कोहली के साथ संवाद में कहा कि आर्थिक वृद्धि दर का 'वास्तविक आकलन' करना अभी संभव नहीं है, क्योंकि अभी यह बता पाना मुश्किल है कि यह महामारी कब शांम होती है.

कोविड-19 की स्थिति पर निर्भर करेगी आर्थिक प्रात्साहन की आगे की कार्रवाई: सीतारमण
कोविड-19 की स्थिति पर निर्भर करेगी आर्थिक प्रात्साहन की आगे की कार्रवाई: सीतारमण
author img

By

Published : May 23, 2020, 7:09 PM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने की आगे की कार्रवाई कोविड-19 की स्थिति पर निर्भर करेगी. उन्होंने यह बात भारतीय रिजर्व बैंक के इस अनुमान के बाद कही है कि 2020-21 में भारत की अर्थव्यस्था में संकुचन होगा. कोरोना वायरस संकट के बीच अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार पहले ही 20.97 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा कर चुकी हैं. इनमें रिजर्व बैंक द्वारा 17 मई तक उठाए गए 8.01 लाख करोड़ रुपये की तरलता संवर्धन के उपाय भी शामिल हैं.

सीतारमण ने भाजपा नेता से नलिन कोहली के साथ संवाद में कहा कि आर्थिक वृद्धि दर का 'वास्तविक आकलन' करना अभी संभव नहीं है, क्योंकि अभी यह बता पाना मुश्किल है कि यह महामारी कब शांम होती है.

वित्त मंत्री ने कहा, "मैं दरवाजे कतई नहीं बंद कर रही हूं. मैं उद्योग से जानकारी लेना जारी रखूंगी, हमने जो घोषणाएं की हैं उनका क्रियान्वयन किया जाएगा. आगे स्थिति क्या रहती है उसी के हिसाब से हमें कदम उठाना होगा. इस साल के अभी दो ही महीने हुए हैं. 10 महीने अभी बचे हैं."

रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा था कि कोविड-19 का प्रभाव अनुमान से कहीं अधिक रहा है. 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर नकारात्मक रहेगी. वित्त मंत्री ने पिछले सप्ताह पांच किस्तों में आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी. इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को 3.70 लाख करोड़ रुपये का समर्थन, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए 75,000 करोड़ रुपये, बिजली वितरण कंपनियों के लिए 90,000 करोड़ रुपये, प्रवासी मजदूरों को मुफ्त खाद्यान्न, मनरेगा के लिए आवंटन में वृद्धि, कुछ वर्गों को कर में राहत और इस महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को 15,000 करोड़ रुपये का आवंटन शामिल है.

सीतारमण ने कहा कि यह पैकेज अर्थशास्त्रियों, शिक्षाविदों, पूर्व बैंकरों, वित्त मंत्रालय के पूर्व अधिकारियों और उद्योग क्षेत्र के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया.

उन्होंने कहा, "पैकेज को यह ध्यान में रखकर 'डिजाइन' किया गया कि इस समय हम एक असाधारण स्थिति का सामना कर रहे हैं और गिरावट इतनी रहती है या उतनी होती है, अभी हमारे पास इसके आंकड़े नहीं हैं. अभी हमें यह ध्यान में रखना होगा, गिरावट पूरी तरह होगी. इसी को ध्यान में रखकर अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देना होगा, हमें यही करना होगा."

ये भी पढ़ें: आर्थिक संकट का हल ढूंढने में जुटी सरकार, 6 दिन में दूसरी बार होगी ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक

उन्होंने कहा कि हमने अर्थव्यवस्था को उबारनेके लिए यह रास्ता चुना. कंपनियों, संस्थानों, उपक्रमों और कारोबार..सभी बैंकों से मदद मिल रही है जिससे वे अपना कामकाज फिर शुरू कर सकें. वित्त मंत्री ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय उद्यमी लॉकडाउन के बाद उबर जाएंगे। हमने अर्थव्यवस्था में नकदी डालने के उपाय किए हैं. यदि अर्थव्यवस्था में अधिक नकदी होगी तो लोगों के हाथ में पैसा रहेगा और इससे अर्थव्यवस्था फिर से शुरू हो सकेगी, मांग पैदा हो सकेगी.

सीतारमण ने कहा कि सरकार प्रशासनिक विभागों द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरियों को तेज करने के लिए काम कर रही है. नीतिगत मोर्चे पर चीजें स्पष्ट की जा रही हैं और कंपनियों से अनुपालन के बोझ को कम किया जा रहा है। देश में कोरोना वायरस से अब तक 3,720 लोगों की जान गई है. अब तक 1.25 लाख लोग इससे संक्रमित हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने की आगे की कार्रवाई कोविड-19 की स्थिति पर निर्भर करेगी. उन्होंने यह बात भारतीय रिजर्व बैंक के इस अनुमान के बाद कही है कि 2020-21 में भारत की अर्थव्यस्था में संकुचन होगा. कोरोना वायरस संकट के बीच अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार पहले ही 20.97 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा कर चुकी हैं. इनमें रिजर्व बैंक द्वारा 17 मई तक उठाए गए 8.01 लाख करोड़ रुपये की तरलता संवर्धन के उपाय भी शामिल हैं.

सीतारमण ने भाजपा नेता से नलिन कोहली के साथ संवाद में कहा कि आर्थिक वृद्धि दर का 'वास्तविक आकलन' करना अभी संभव नहीं है, क्योंकि अभी यह बता पाना मुश्किल है कि यह महामारी कब शांम होती है.

वित्त मंत्री ने कहा, "मैं दरवाजे कतई नहीं बंद कर रही हूं. मैं उद्योग से जानकारी लेना जारी रखूंगी, हमने जो घोषणाएं की हैं उनका क्रियान्वयन किया जाएगा. आगे स्थिति क्या रहती है उसी के हिसाब से हमें कदम उठाना होगा. इस साल के अभी दो ही महीने हुए हैं. 10 महीने अभी बचे हैं."

रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा था कि कोविड-19 का प्रभाव अनुमान से कहीं अधिक रहा है. 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर नकारात्मक रहेगी. वित्त मंत्री ने पिछले सप्ताह पांच किस्तों में आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी. इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को 3.70 लाख करोड़ रुपये का समर्थन, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए 75,000 करोड़ रुपये, बिजली वितरण कंपनियों के लिए 90,000 करोड़ रुपये, प्रवासी मजदूरों को मुफ्त खाद्यान्न, मनरेगा के लिए आवंटन में वृद्धि, कुछ वर्गों को कर में राहत और इस महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को 15,000 करोड़ रुपये का आवंटन शामिल है.

सीतारमण ने कहा कि यह पैकेज अर्थशास्त्रियों, शिक्षाविदों, पूर्व बैंकरों, वित्त मंत्रालय के पूर्व अधिकारियों और उद्योग क्षेत्र के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया.

उन्होंने कहा, "पैकेज को यह ध्यान में रखकर 'डिजाइन' किया गया कि इस समय हम एक असाधारण स्थिति का सामना कर रहे हैं और गिरावट इतनी रहती है या उतनी होती है, अभी हमारे पास इसके आंकड़े नहीं हैं. अभी हमें यह ध्यान में रखना होगा, गिरावट पूरी तरह होगी. इसी को ध्यान में रखकर अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देना होगा, हमें यही करना होगा."

ये भी पढ़ें: आर्थिक संकट का हल ढूंढने में जुटी सरकार, 6 दिन में दूसरी बार होगी ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक

उन्होंने कहा कि हमने अर्थव्यवस्था को उबारनेके लिए यह रास्ता चुना. कंपनियों, संस्थानों, उपक्रमों और कारोबार..सभी बैंकों से मदद मिल रही है जिससे वे अपना कामकाज फिर शुरू कर सकें. वित्त मंत्री ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय उद्यमी लॉकडाउन के बाद उबर जाएंगे। हमने अर्थव्यवस्था में नकदी डालने के उपाय किए हैं. यदि अर्थव्यवस्था में अधिक नकदी होगी तो लोगों के हाथ में पैसा रहेगा और इससे अर्थव्यवस्था फिर से शुरू हो सकेगी, मांग पैदा हो सकेगी.

सीतारमण ने कहा कि सरकार प्रशासनिक विभागों द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरियों को तेज करने के लिए काम कर रही है. नीतिगत मोर्चे पर चीजें स्पष्ट की जा रही हैं और कंपनियों से अनुपालन के बोझ को कम किया जा रहा है। देश में कोरोना वायरस से अब तक 3,720 लोगों की जान गई है. अब तक 1.25 लाख लोग इससे संक्रमित हैं.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.