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एक सितंबर से गुणवत्ता जांच के बाद ही आयातित खिलौनों को प्रवेश की अनुमति होगी: पासवान - रामविलास पासवान

सरकार चीन सहित, अन्य देशों से स्तरहीन और गैर-आवश्यक वस्तुओं के आयात की खेप की जांच करने के लिए स्टील, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स और विद्युत मशीनरी से लेकर फर्नीचर तक 371 टैरिफ लाइनों के लिए गुणवत्ता मानकों को अनिवार्य बनाने की प्रक्रिया में है.

एक सितंबर से गुणवत्ता जांच के बाद ही आयातित खिलौनों को प्रवेश की अनुमति होगी: पासवान
एक सितंबर से गुणवत्ता जांच के बाद ही आयातित खिलौनों को प्रवेश की अनुमति होगी: पासवान
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Published : Aug 21, 2020, 10:29 PM IST

नई दिल्ली: उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि एक सितंबर से आयातित खिलौने की अनिवार्य गुणवत्ता जांच के बाद ही भारत में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी.

सरकार चीन सहित, अन्य देशों से स्तरहीन और गैर-आवश्यक वस्तुओं के आयात की खेप की जांच करने के लिए स्टील, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स और विद्युत मशीनरी से लेकर फर्नीचर तक 371 टैरिफ लाइनों के लिए गुणवत्ता मानकों को अनिवार्य बनाने की प्रक्रिया में है.

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) सरकार की वह प्रमुख एजेंसी है जो संबंधित मंत्रालयों के साथ समन्वय में गुणवत्ता मानकों को तैयार करती है.

पासवान ने संवाददाताओं से कहा, "खिलौने के लिए अनिवार्य गुणवत्ता नियंत्रण मानक (क्यूसीएस) एक सितंबर से लागू किया जाएगा. आयात की खेप से नमूना लेने और गुणवत्ता जांच करने के लिए प्रमुख बंदरगाहों पर बीआईएस के कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा."

उन्होंने कहा कि खिलौनों के अलावा, स्टील, रसायन, इलेक्ट्रॉनिक सामान और भारी मशीनरी के साथ साथ पैकेज्ड वॉटर और मिल्क प्रोडक्ट जैसे खाद्य पदार्थ के लिए क्यूसीएस बनने की प्रक्रिया में हैं.

ये भी पढ़ें: खादी ग्रामोद्योग ने 'खादी ब्रांड' का इस्तेमाल करने को लेकर दो कंपनियों को भेजा कानूनी नोटिस

बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी के अनुसार, प्रत्येक उत्पाद के लिए क्यूसीएस का कार्यान्वयन संबंधित मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है. उदाहरण के लिए, सोने के लिये अनिवार्य मानक जून 2021 से लागू होगा. उन्होंने कहा कि अब तक देश में 268 मानक अनिवार्य हैं और कई पाइपलाइन में हैं.

तिवारी ने कहा कि नमूना लेने और बंदरगाह पर उत्पाद का परीक्षण करने के लिए प्रमुख बंदरगाहों पर बीआईएस के कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा जो कि बंदरगाहों पर ही सामान का नमूना लेकर उसकी जांच करेंगे. मालवाहक पोत को रोका नहीं जाएगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि एक सितंबर से आयातित खिलौने की अनिवार्य गुणवत्ता जांच के बाद ही भारत में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी.

सरकार चीन सहित, अन्य देशों से स्तरहीन और गैर-आवश्यक वस्तुओं के आयात की खेप की जांच करने के लिए स्टील, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स और विद्युत मशीनरी से लेकर फर्नीचर तक 371 टैरिफ लाइनों के लिए गुणवत्ता मानकों को अनिवार्य बनाने की प्रक्रिया में है.

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) सरकार की वह प्रमुख एजेंसी है जो संबंधित मंत्रालयों के साथ समन्वय में गुणवत्ता मानकों को तैयार करती है.

पासवान ने संवाददाताओं से कहा, "खिलौने के लिए अनिवार्य गुणवत्ता नियंत्रण मानक (क्यूसीएस) एक सितंबर से लागू किया जाएगा. आयात की खेप से नमूना लेने और गुणवत्ता जांच करने के लिए प्रमुख बंदरगाहों पर बीआईएस के कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा."

उन्होंने कहा कि खिलौनों के अलावा, स्टील, रसायन, इलेक्ट्रॉनिक सामान और भारी मशीनरी के साथ साथ पैकेज्ड वॉटर और मिल्क प्रोडक्ट जैसे खाद्य पदार्थ के लिए क्यूसीएस बनने की प्रक्रिया में हैं.

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बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी के अनुसार, प्रत्येक उत्पाद के लिए क्यूसीएस का कार्यान्वयन संबंधित मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है. उदाहरण के लिए, सोने के लिये अनिवार्य मानक जून 2021 से लागू होगा. उन्होंने कहा कि अब तक देश में 268 मानक अनिवार्य हैं और कई पाइपलाइन में हैं.

तिवारी ने कहा कि नमूना लेने और बंदरगाह पर उत्पाद का परीक्षण करने के लिए प्रमुख बंदरगाहों पर बीआईएस के कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा जो कि बंदरगाहों पर ही सामान का नमूना लेकर उसकी जांच करेंगे. मालवाहक पोत को रोका नहीं जाएगा.

(पीटीआई-भाषा)

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