नई दिल्ली : भारत में कराधान के नियमों में बदलाव हो सकता है. बदलाव के बाद जी-20 देशों के समूह में भारत में टैक्स रेट में बदलाव की संभावना है. उल्लेखनीय है कि जुलाई में कुल 130 देशों ने वैश्विक कर मानदंडों में बदलाव के लिए सहमति जतायी थी. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां जहां भी काम करती हैं, न्यूनतम 15 प्रतिशत की दर से करों का भुगतान करें.
बुधवार को वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, 'इस समय, हम कराधान से जुड़े दो-स्तंभ प्रस्ताव की बारीकियों के संदर्भ में पहुंचने के बहुत करीब हैं. हमारी इस बारे में बातचीत हुई है और हम एक रूपरेखा पर सहमत हुए हैं...हम विवरण को अंतिम रूप देने के चरण में है.'
सीतारमण ने कहा, '...मुझे नहीं लगता कि मेरे लिए यह उचित समय है कि हम किस पर सहमत हो रहे हैं, इसका विवरण दिया जाए. लेकिन ये ऐसी चीजें हैं जिन पर बातचीत चल रही है.'
वित्त मंत्रालय ने तब कहा था कि लाभ आवंटन में हिस्सेदारी और कर नियमों के दायरे सहित कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को हल किया जाना बाकी है. प्रस्ताव के तकनीकी विवरण पर काम करने के बाद अक्टूबर तक आम सहमति से समझौता होने की उम्मीद है.
प्रस्तावित कराधान व्यवस्था में दो घटक हैं. इसमें पहला घटक, बाजार के अधिकार क्षेत्र में लाभ के अतिरिक्त हिस्से के पुन: आवंटन के बारे में है. दूसरे घटक में न्यूनतम कर शामिल है और यह कर नियमों के अधीन है.
इक्रियर (इंडिया काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकनॉमिक रिलेशंस) के सालाना अंतररष्ट्रीय जी-20 सम्मेलन में सीतारमण ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कराधान मुद्दे का समाधान एक बेहतर कार्यान्वयन चरण तक पहुंच जाएगा जिसमें भारत की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.
(पीटीआई-भाषा)