ETV Bharat / business

रियल्टी सेक्टर को मिल सकता बूस्टर डोज, वित्तमंत्री ने दिए संकेत

वित्त मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र की हालत का असर दूसरे क्षेत्रों, खासकर बुनियादी उद्योगों पर पड़ता है. उन्होंने स्वीकार किया कि पूर्व में घोषित विभिन्न क्षेत्रों के लिये प्रोत्साहन उपायों में रीयल्टी क्षेत्र अछूता रह गया था.

रियल्टी सेक्टर को मिल सकता बूस्टर डोज, वित्तमंत्री ने दिए संकेत
author img

By

Published : Nov 5, 2019, 9:16 PM IST

Updated : Nov 5, 2019, 9:22 PM IST

मुंबई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक, जमीन जायादाद के विकास से जुड़े क्षेत्रों के समक्ष मुद्दों के समाधान के लिये काम कर रहे हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि पूर्व में घोषित विभिन्न क्षेत्रों के लिये प्रोत्साहन उपायों में रीयल्टी क्षेत्र अछूता रह गया था.

रियल्टी सेक्टर को मिल सकता बूस्टर डोज, वित्तमंत्री ने दिए संकेत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र की हालत का असर दूसरे क्षेत्रों, खासकर बुनियादी उद्योगों पर पड़ता है. सीतारमण ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के एक कार्यक्रम में कहा, "सरकार क्षेत्र को लेकर काफी गंभीर है और आरबीआई के साथ मिलकर काम कर रही है. हम यह देख रहे हैं कि जहां जरूरी है, वहां हम कैसे नियमों में बदलाव लाकर उन लोगों की मदद कर सकते हैं जो रीयल्टी क्षेत्र में प्रभावित हैं."

ये भी पढ़ें-भारत के आरसीईपी समझौते में सम्मिलित न होने पर क्या है विशेषज्ञों की राय

उल्लेखनीय है कि जुलाई में बजट पेश होने के बाद सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने के लिये कई कदम उठाये हैं. इसमें कंपनी कर घटाकर 22 प्रतिशत किया जाना शामिल है. इसके जरिये कंपनियों को 1.3 लाख करोड़ रुपये के बराबर कर राहत दी गयी.

सीतारमण ने स्वीकार किया कि बाजार और खपत मांग बढ़ाने के लिये अगस्त से अबतक घोषित विभिन्न प्रोत्साहन उपायों से रीयल एस्टेट क्षेत्र को पटरी पर लाने में मदद नहीं मिली है.

रियल्टी सेक्टर को मिल सकता बूस्टर डोज, वित्तमंत्री ने दिए संकेत
कार्यक्रम के दौरान निफ्टी की क्लोजिंग बेल बजाती सीतारमण

उन्होंने कहा कि, "अभी भी बहुत कुछ किये जाने की जरूरत है. एक क्षेत्र जिसे मैंने छुआ नहीं लेकिन इसका सकारात्मक प्रभाव होता है तथा शेयर बाजार पर भी इसका असर पड़ सकता है, वह है रीयल्टी क्षेत्र."

सीतारमण ने कहा कि कई निवेश कोष हमसे संपर्क कर कह चुके हैं कि वे इस क्षेत्र में निवेश को तैयार है लेकिन वे कुछ नीति समर्थन चाहते हैं. उन्होंने कहा, "कई वैकल्पिक फंड है जो हमसे समर्थन की बात कर रहे हैं."

नोटबंदी और जीएसटी के झटकों से उबर नहीं पाया है रीयल्टी क्षेत्र
ऐसा माना जाता है कि रीयल्टी क्षेत्र में कालाधन का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा था जिससे इसमें तेजी थी. लेकिन नवंबर 2016 में नोटबंदी और मई 2017 में रेरा पेश किये जाने तथा जुलाई 2017 में माल एवं सेवा कर लागू होने से रीयल्टी क्षेत्र पर असर पड़ा है और यह क्षेत्र अबतक तीन झटकों से उबर नहीं पाया है. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में नकदी संकट का भी क्षेत्र पर असर पड़ा है.

मुंबई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक, जमीन जायादाद के विकास से जुड़े क्षेत्रों के समक्ष मुद्दों के समाधान के लिये काम कर रहे हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि पूर्व में घोषित विभिन्न क्षेत्रों के लिये प्रोत्साहन उपायों में रीयल्टी क्षेत्र अछूता रह गया था.

रियल्टी सेक्टर को मिल सकता बूस्टर डोज, वित्तमंत्री ने दिए संकेत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र की हालत का असर दूसरे क्षेत्रों, खासकर बुनियादी उद्योगों पर पड़ता है. सीतारमण ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के एक कार्यक्रम में कहा, "सरकार क्षेत्र को लेकर काफी गंभीर है और आरबीआई के साथ मिलकर काम कर रही है. हम यह देख रहे हैं कि जहां जरूरी है, वहां हम कैसे नियमों में बदलाव लाकर उन लोगों की मदद कर सकते हैं जो रीयल्टी क्षेत्र में प्रभावित हैं."

ये भी पढ़ें-भारत के आरसीईपी समझौते में सम्मिलित न होने पर क्या है विशेषज्ञों की राय

उल्लेखनीय है कि जुलाई में बजट पेश होने के बाद सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने के लिये कई कदम उठाये हैं. इसमें कंपनी कर घटाकर 22 प्रतिशत किया जाना शामिल है. इसके जरिये कंपनियों को 1.3 लाख करोड़ रुपये के बराबर कर राहत दी गयी.

सीतारमण ने स्वीकार किया कि बाजार और खपत मांग बढ़ाने के लिये अगस्त से अबतक घोषित विभिन्न प्रोत्साहन उपायों से रीयल एस्टेट क्षेत्र को पटरी पर लाने में मदद नहीं मिली है.

रियल्टी सेक्टर को मिल सकता बूस्टर डोज, वित्तमंत्री ने दिए संकेत
कार्यक्रम के दौरान निफ्टी की क्लोजिंग बेल बजाती सीतारमण

उन्होंने कहा कि, "अभी भी बहुत कुछ किये जाने की जरूरत है. एक क्षेत्र जिसे मैंने छुआ नहीं लेकिन इसका सकारात्मक प्रभाव होता है तथा शेयर बाजार पर भी इसका असर पड़ सकता है, वह है रीयल्टी क्षेत्र."

सीतारमण ने कहा कि कई निवेश कोष हमसे संपर्क कर कह चुके हैं कि वे इस क्षेत्र में निवेश को तैयार है लेकिन वे कुछ नीति समर्थन चाहते हैं. उन्होंने कहा, "कई वैकल्पिक फंड है जो हमसे समर्थन की बात कर रहे हैं."

नोटबंदी और जीएसटी के झटकों से उबर नहीं पाया है रीयल्टी क्षेत्र
ऐसा माना जाता है कि रीयल्टी क्षेत्र में कालाधन का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा था जिससे इसमें तेजी थी. लेकिन नवंबर 2016 में नोटबंदी और मई 2017 में रेरा पेश किये जाने तथा जुलाई 2017 में माल एवं सेवा कर लागू होने से रीयल्टी क्षेत्र पर असर पड़ा है और यह क्षेत्र अबतक तीन झटकों से उबर नहीं पाया है. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में नकदी संकट का भी क्षेत्र पर असर पड़ा है.

Intro:Body:

वित्त मंत्री ने रीयल्टी क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन की घोषणा के दिए संकेत

मुंबई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक, जमीन जायादाद के विकास से जुड़े क्षेत्रों के समक्ष मुद्दों के समाधान के लिये काम कर रहे हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि पूर्व में घोषित विभिन्न क्षेत्रों के लिये प्रोत्साहन उपायों में रीयल्टी क्षेत्र अछूता रह गया था. 

वित्त मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र की हालत का असर दूसरे क्षेत्रों, खासकर बुनियादी उद्योगों पर पड़ता है. सीतारमण ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के एक कार्यक्रम में कहा, "सरकार क्षेत्र को लेकर काफी गंभीर है और आरबीआई के साथ मिलकर काम कर रही है. हम यह देख रहे हैं कि जहां जरूरी है, वहां हम कैसे नियमों में बदलाव लाकर उन लोगों की मदद कर सकते हैं जो रीयल्टी क्षेत्र में प्रभावित हैं." 

उल्लेखनीय है कि जुलाई में बजट पेश होने के बाद सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने के लिये कई कदम उठाये हैं. इसमें कंपनी कर घटाकर 22 प्रतिशत किया जाना शामिल है. इसके जरिये कंपनियों को 1.3 लाख करोड़ रुपये के बराबर कर राहत दी गयी. 

सीतारमण ने स्वीकार किया कि बाजार और खपत मांग बढ़ाने के लिये अगस्त से अबतक घोषित विभिन्न प्रोत्साहन उपायों से रीयल एस्टेट क्षेत्र को पटरी पर लाने में मदद नहीं मिली है.

उन्होंने कहा कि, "अभी भी बहुत कुछ किये जाने की जरूरत है. एक क्षेत्र जिसे मैंने छुआ नहीं लेकिन इसका सकारात्मक प्रभाव होता है तथा शेयर बाजार पर भी इसका असर पड़ सकता है, वह है रीयल्टी क्षेत्र." 

सीतारमण ने कहा कि कई निवेश कोष हमसे संपर्क कर कह चुके हैं कि वे इस क्षेत्र में निवेश को तैयार है लेकिन वे कुछ नीति समर्थन चाहते हैं. उन्होंने कहा, "कई वैकल्पिक फंड है जो हमसे समर्थन की बात कर रहे हैं." 

नोटबंदी और जीएसटी के झटकों से उबर नहीं पाया है रीयल्टी क्षेत्र 

ऐसा माना जाता है कि रीयल्टी क्षेत्र में कालाधन का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा था जिससे इसमें तेजी थी. लेकिन नवंबर 2016 में नोटबंदी और मई 2017 में रेरा पेश किये जाने तथा जुलाई 2017 में माल एवं सेवा कर लागू होने से रीयल्टी क्षेत्र पर असर पड़ा है और यह क्षेत्र अबतक तीन झटकों से उबर नहीं पाया है. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में नकदी संकट का भी क्षेत्र पर असर पड़ा है.

 


Conclusion:
Last Updated : Nov 5, 2019, 9:22 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.