मुंबई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक, जमीन जायादाद के विकास से जुड़े क्षेत्रों के समक्ष मुद्दों के समाधान के लिये काम कर रहे हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि पूर्व में घोषित विभिन्न क्षेत्रों के लिये प्रोत्साहन उपायों में रीयल्टी क्षेत्र अछूता रह गया था.
ये भी पढ़ें-भारत के आरसीईपी समझौते में सम्मिलित न होने पर क्या है विशेषज्ञों की राय
उल्लेखनीय है कि जुलाई में बजट पेश होने के बाद सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने के लिये कई कदम उठाये हैं. इसमें कंपनी कर घटाकर 22 प्रतिशत किया जाना शामिल है. इसके जरिये कंपनियों को 1.3 लाख करोड़ रुपये के बराबर कर राहत दी गयी.
सीतारमण ने स्वीकार किया कि बाजार और खपत मांग बढ़ाने के लिये अगस्त से अबतक घोषित विभिन्न प्रोत्साहन उपायों से रीयल एस्टेट क्षेत्र को पटरी पर लाने में मदद नहीं मिली है.
उन्होंने कहा कि, "अभी भी बहुत कुछ किये जाने की जरूरत है. एक क्षेत्र जिसे मैंने छुआ नहीं लेकिन इसका सकारात्मक प्रभाव होता है तथा शेयर बाजार पर भी इसका असर पड़ सकता है, वह है रीयल्टी क्षेत्र."
सीतारमण ने कहा कि कई निवेश कोष हमसे संपर्क कर कह चुके हैं कि वे इस क्षेत्र में निवेश को तैयार है लेकिन वे कुछ नीति समर्थन चाहते हैं. उन्होंने कहा, "कई वैकल्पिक फंड है जो हमसे समर्थन की बात कर रहे हैं."
-
Sluggishness of real estate sector needs to be addressed; Govt is working with @RBI to examine how existing laws can be tweaked to help the people who have been affected in the real estate sector: @nsitharaman
— PIB in Maharashtra (@PIBMumbai) November 5, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
▶️ https://t.co/0ABHcmw1Bl @NSEIndia pic.twitter.com/CZiyTdLsTY
">Sluggishness of real estate sector needs to be addressed; Govt is working with @RBI to examine how existing laws can be tweaked to help the people who have been affected in the real estate sector: @nsitharaman
— PIB in Maharashtra (@PIBMumbai) November 5, 2019
▶️ https://t.co/0ABHcmw1Bl @NSEIndia pic.twitter.com/CZiyTdLsTYSluggishness of real estate sector needs to be addressed; Govt is working with @RBI to examine how existing laws can be tweaked to help the people who have been affected in the real estate sector: @nsitharaman
— PIB in Maharashtra (@PIBMumbai) November 5, 2019
▶️ https://t.co/0ABHcmw1Bl @NSEIndia pic.twitter.com/CZiyTdLsTY
नोटबंदी और जीएसटी के झटकों से उबर नहीं पाया है रीयल्टी क्षेत्र
ऐसा माना जाता है कि रीयल्टी क्षेत्र में कालाधन का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा था जिससे इसमें तेजी थी. लेकिन नवंबर 2016 में नोटबंदी और मई 2017 में रेरा पेश किये जाने तथा जुलाई 2017 में माल एवं सेवा कर लागू होने से रीयल्टी क्षेत्र पर असर पड़ा है और यह क्षेत्र अबतक तीन झटकों से उबर नहीं पाया है. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में नकदी संकट का भी क्षेत्र पर असर पड़ा है.