ETV Bharat / business

वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सुधार की घोषणा की

author img

By

Published : Aug 30, 2019, 7:39 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 9:35 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में कई सरकारी सुधारों की घोषणा की.

वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों सरकारी सुधारों की घोषणा की

नई दिल्ली: शुक्रवार को चार सरकारी बैंकों के बड़े विलय की घोषणा के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में कई सरकारी सुधारों की घोषणा की.

वित्त मंत्री ने कहा, बैंकों के सुधार हेतु अब केवल एक व्यक्ति निर्णय नहीं लेगा, बल्कि शीर्ष अधिकारियों के मूल्यांकन पर निर्णय लिया जाएगा, यह एक प्रबंधन होगा जो इन फैसलों को लेगा.

उन्होंने कहा, "प्रबंधन को बोर्ड के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए, राष्ट्रीयकृत बैंकों की बोर्ड समिति को प्रबंध निदेशक समेत महाप्रबंधक, और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारी इसका मूल्यांकन करेंगें."

सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए यह भी कहा कि, पीएसबी बोर्डों को मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) स्तर के अधिकारियों को शामिल करने की छूट दी जाएगी. क्योंकि बड़े पीएसबी में नियंत्रण हेतु, सरकार के विलय की घोषणा के बाद व्यवसाय को बढ़ाने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें - राजकोषीय घाटा जुलाई अंत में पहुंचा 5.47 लाख करोड़

सरकार ने राज्य से संचालित बैंकों को बाजार से जुड़े जोखिम पर अधिकारियों को बाजार से भर्ती करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है, न कि सरकार द्वारा तय किए गए वेतन पर.
उत्तराधिकार योजना को बढ़ाने के लिए, बोर्ड सभी वरिष्ठ कार्यकारी पदों के लिए अलग-अलग योजनाओं की एक प्रणाली तय करेगा.

वित्त मंत्री ने कहा, "इसका मतलब यह होगा कि प्रत्येक वरिष्ठ स्तर के पदों पर 2-3 लोगों का एक समूह होगा जो तैयार होगा (पदभार लेने के लिए)."

एक और बड़े सुधार में, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को चार संस्थाओं में विलय की घोषणा की, जिसमें ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और पंजाब नेशनल बैंक के साथ यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया शामिल है.

सीतारमण के अनुसार, केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक को एक इकाई में मिला दिया जाएगा, जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को एक इकाई में समाहित किया जाएगा.

नई दिल्ली: शुक्रवार को चार सरकारी बैंकों के बड़े विलय की घोषणा के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में कई सरकारी सुधारों की घोषणा की.

वित्त मंत्री ने कहा, बैंकों के सुधार हेतु अब केवल एक व्यक्ति निर्णय नहीं लेगा, बल्कि शीर्ष अधिकारियों के मूल्यांकन पर निर्णय लिया जाएगा, यह एक प्रबंधन होगा जो इन फैसलों को लेगा.

उन्होंने कहा, "प्रबंधन को बोर्ड के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए, राष्ट्रीयकृत बैंकों की बोर्ड समिति को प्रबंध निदेशक समेत महाप्रबंधक, और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारी इसका मूल्यांकन करेंगें."

सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए यह भी कहा कि, पीएसबी बोर्डों को मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) स्तर के अधिकारियों को शामिल करने की छूट दी जाएगी. क्योंकि बड़े पीएसबी में नियंत्रण हेतु, सरकार के विलय की घोषणा के बाद व्यवसाय को बढ़ाने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें - राजकोषीय घाटा जुलाई अंत में पहुंचा 5.47 लाख करोड़

सरकार ने राज्य से संचालित बैंकों को बाजार से जुड़े जोखिम पर अधिकारियों को बाजार से भर्ती करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है, न कि सरकार द्वारा तय किए गए वेतन पर.
उत्तराधिकार योजना को बढ़ाने के लिए, बोर्ड सभी वरिष्ठ कार्यकारी पदों के लिए अलग-अलग योजनाओं की एक प्रणाली तय करेगा.

वित्त मंत्री ने कहा, "इसका मतलब यह होगा कि प्रत्येक वरिष्ठ स्तर के पदों पर 2-3 लोगों का एक समूह होगा जो तैयार होगा (पदभार लेने के लिए)."

एक और बड़े सुधार में, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को चार संस्थाओं में विलय की घोषणा की, जिसमें ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और पंजाब नेशनल बैंक के साथ यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया शामिल है.

सीतारमण के अनुसार, केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक को एक इकाई में मिला दिया जाएगा, जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को एक इकाई में समाहित किया जाएगा.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Sep 28, 2019, 9:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.