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कोविड-19 पर नियंत्रण के बाद अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरेगी: नीति आयोग - राजीव कुमार

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि इस महामारी पर नियंत्रण के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरने लगेगी. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने पिछले सप्ताह अनुमान लगाया है कि 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी.

कोविड-19 पर नियंत्रण के बाद अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरेगी: नीति आयोग
कोविड-19 पर नियंत्रण के बाद अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरेगी: नीति आयोग
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Published : Jun 30, 2020, 9:42 PM IST

नई दिल्ली: नीति आयोग का कहना है कि कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा.

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मंगलवार को 'स्वच्छ ऊर्जा अर्थव्यवस्था की ओर: कोविड-19 के बाद भारत के ऊर्जा और मोबिलिटी क्षेत्र में अवसर' विषय पर रिपोर्ट पेश किए जाने के मौके पर कहा कि इस समय जो देश में जो सुधार हो रहे हैं, उनकी वजह से आगे चलकर भारत की वृद्धि दर अपने समकक्ष देशों से अधिक रहेगी.

कुमार ने कहा कि इस महामारी पर नियंत्रण के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरने लगेगी. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने पिछले सप्ताह अनुमान लगाया है कि 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी.

आईएमएफ ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से भारत में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. हालांकि, इसके साथ ही आईएमएफ ने कहा कि 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी.

कुमार ने कहा कि भारत के मजबूत लोकतांत्रिक संस्थान नीतिगत स्थिरता को आगे बढ़ाते हैं. यदि इनका क्रियान्वयन बेहतर तरीके से होता है तो वृद्धि दर में भारत अपने समकक्षों से आगे रहेगा.

इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कान्त ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा भारत के आर्थिक पुनरोद्धार और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में प्रमुख भूमिका निभाएगी.

उन्होंने कहा कि हमें अपने घरेलू नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र का दोहन करना होगा ताकि नए सामान्य में देश और उद्योग के लिए मूल्य प्राप्त किया जा सके.

ये भी पढ़ें: देश के चालू खाते में जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी के 0.1 प्रतिशत के बराबर की बचत

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से देश के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में बदलाव आ सकता है क्योंकि लोग उचित मूल्य के उत्पादों की मांग करेंगे और इसके चलते विनिर्माता परंपरागत वाहनों का उत्पादन शुरू करेंगे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में विलंब हो सकता है, क्योंकि विनिर्माता मांग पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे और भारत चरण-छह उत्सर्जन मानकों वाले वाहनों का उत्पादन करेंगे. इसके अलावा चीन से कलपुर्जों के आयात पर अंकुशों से इलेक्ट्रिक वाहनों का विनिर्माण प्रभावित हो सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: नीति आयोग का कहना है कि कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा.

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मंगलवार को 'स्वच्छ ऊर्जा अर्थव्यवस्था की ओर: कोविड-19 के बाद भारत के ऊर्जा और मोबिलिटी क्षेत्र में अवसर' विषय पर रिपोर्ट पेश किए जाने के मौके पर कहा कि इस समय जो देश में जो सुधार हो रहे हैं, उनकी वजह से आगे चलकर भारत की वृद्धि दर अपने समकक्ष देशों से अधिक रहेगी.

कुमार ने कहा कि इस महामारी पर नियंत्रण के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरने लगेगी. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने पिछले सप्ताह अनुमान लगाया है कि 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी.

आईएमएफ ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से भारत में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. हालांकि, इसके साथ ही आईएमएफ ने कहा कि 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी.

कुमार ने कहा कि भारत के मजबूत लोकतांत्रिक संस्थान नीतिगत स्थिरता को आगे बढ़ाते हैं. यदि इनका क्रियान्वयन बेहतर तरीके से होता है तो वृद्धि दर में भारत अपने समकक्षों से आगे रहेगा.

इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कान्त ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा भारत के आर्थिक पुनरोद्धार और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में प्रमुख भूमिका निभाएगी.

उन्होंने कहा कि हमें अपने घरेलू नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र का दोहन करना होगा ताकि नए सामान्य में देश और उद्योग के लिए मूल्य प्राप्त किया जा सके.

ये भी पढ़ें: देश के चालू खाते में जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी के 0.1 प्रतिशत के बराबर की बचत

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से देश के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में बदलाव आ सकता है क्योंकि लोग उचित मूल्य के उत्पादों की मांग करेंगे और इसके चलते विनिर्माता परंपरागत वाहनों का उत्पादन शुरू करेंगे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में विलंब हो सकता है, क्योंकि विनिर्माता मांग पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे और भारत चरण-छह उत्सर्जन मानकों वाले वाहनों का उत्पादन करेंगे. इसके अलावा चीन से कलपुर्जों के आयात पर अंकुशों से इलेक्ट्रिक वाहनों का विनिर्माण प्रभावित हो सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

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