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मोदी सरकार के शासन में अर्थव्यवस्था मंदी के विनाशकारी दौर में पहुंची: चिदंबरम

चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था की इस दुर्दशा के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली की जुगलबंदी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने दावा किया कि 2018 में भारत में 1.1 करोड़ रोजगार का नुकसान हुआ.

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Published : May 8, 2019, 11:56 PM IST

मोदी सरकार के शासन में अर्थव्यवस्था मंदी के विनाशकारी दौर में पहुंची: चिदंबरम

नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नौकरी विनाश पीएम बताया. उन्होंने कहा कि आर्थिक आंकड़े बता रहे हैं कि मोदी सरकार के शासनकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के विनाशकारी दौर में पहुंच चुकी है.

चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था की इस दुर्दशा के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली की जुगलबंदी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने दावा किया कि 2018 में भारत में 1.1 करोड़ रोजगार का नुकसान हुआ. नोटबंदी और जीएसटी जैसे तुगलकी फरमानों की वजह से रोजगार का नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट देश की आर्थिक स्थिति को स्पष्ट करती है.

ये भी पढ़ें- इंडिगो को चीन के बाजार में प्रवेश की अनुमति का इंतजार

मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को पहुंचाया नुकसान
चिदंबरम ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुये कहा कि नई सरकार को अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिये कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि हर रोज मोदी ओछी भाषा में बड़ी बड़ी बातें करते हैं और वित्त मंत्री ब्लॉग के जरिये उसे तर्कसंगत बनाने का कमजोर प्रयास करते हैं. शब्दाडंबर और ब्लागिंग के बीच यह सरकार अर्थव्यवस्था को भूल बैठी है.

एनएसएसओ के आकड़े ने सरकार को किया बेनकाब
केन्द्र में आने वाली नई सरकार के लिए अर्थव्यवस्था के हालात सुधारने का बड़ा काम होगा. कांग्रेस पार्टी मोदी- जेटली के कब्जे से अर्थव्यवस्था को बाहर निकलने के लिये तैयार बैठी है. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था विनाशकारी दौर में पहुंच चुकी है और मार्च, 2019 की वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट ने भाजपा सरकार के झूठे आडंबर को सबके सामने बेनकाब कर दिया है. उन्होंने कहा कि एनएसएसओ के खुलासे ने केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आर्थिक वृद्धि के आंकड़ों का पर्दाफाश कर दिया है.

इससे पता चलता है कि सरकार अब तक फर्जी आंकड़े इस्तेमाल करती रही है. "सीएसओ के वृद्धि के आंकड़े बनावटी है. सीएसओ का इस प्रकार झूठे आंकड़ों को जारी करना घोटाले की तरह है, इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिये."

रोजगार और बुनियादी सुविधाओं को लेकर जनता में रोष
चिदंबरम ने आरोप लगाया कि इस मामले में राजनीतिक नेतृत्व ने हस्तक्षेप किया और सीएसओ और एनएसएसओ को धमकाया है. उन्होंने कहा कि मोदी कितना ही अर्थव्यवस्था से ध्यान हटाने का प्रयास कर लें अंतत: जनता उन्हीं मुद्दों को लेकर अपना मत देगी जो कि उसकी दैनिक जीवन पर असर डालते हैं. रोजगार, बुनियादी सुविधाओं, निवेश, किसानों की परेशानी और कर्ज, एमएसएमई के ध्वस्त होने और आय नहीं बढ़ने जैसे कई मुद्दे हैं जिनको लेकर जनता मतदान करेगी.

मोदी- जेटली की जुगलबंदी से अर्थव्यवस्था को नुकसान
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी- जेटली की जुगलबंदी के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के विनाशकारी दौर में पहुंच चुकी है. वास्तविक जीडीपी की तिमाही वृद्धि में लगातार आती गिरावट से इसका साफ संकेत दिखाई देता है. उन्होंने दावा किया कि कर राजस्व में 1.6 लाख करोड़ रुपये की कमी से वास्तव में राजकोषीय घाटा बढ़कर 3.9 प्रतिशत तक पहुंच जायेगा और इससे अर्थव्यवस्था की मंदी और बढ़ने की आशंका है.

चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आते ही वह अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को फिर से दुरुस्त करने के लिये कदम उठायेगी और उनका समाधान तलाशेगी. कांग्रेस बैंकों को भी मजबूत बनायेगी. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री आंकड़ों को छुपाने और हेराफेरी करके सूचनायें उपलब्ध कराने में माहिर हो गये हैं. पूर्व वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री को "नौकरी विनाश करने वाला प्रधानमंत्री बताया."

नोटबंदी और जीएसटी तुगलकी फरमान
उन्होंने दावा किया कि 2018 में भारत ने 1.1 करोड़ नौकरियां गंवाई. उन्होंने कहा कि मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे जिनको नौकरियां समाप्त करने वाले प्रधानमंत्री के तौर जाना जायेगा. उनके दो तुगलकी फरमानों नोटबंदी और जीएसटी की वजह से अर्थव्यवस्था की यह स्थिति हुई है. उन्होंने कहा कि एनएसएसओ की लीक हुई सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में बेरोजगारी की दर 45 साल में सबसे ऊंची 6.1 प्रतिशत पर पहुंच गई. सरकार की रोजगार और अर्थव्यवस्था पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक का सबसे बुरा असर देश के युवाओं पर पड़ा.

नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नौकरी विनाश पीएम बताया. उन्होंने कहा कि आर्थिक आंकड़े बता रहे हैं कि मोदी सरकार के शासनकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के विनाशकारी दौर में पहुंच चुकी है.

चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था की इस दुर्दशा के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली की जुगलबंदी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने दावा किया कि 2018 में भारत में 1.1 करोड़ रोजगार का नुकसान हुआ. नोटबंदी और जीएसटी जैसे तुगलकी फरमानों की वजह से रोजगार का नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट देश की आर्थिक स्थिति को स्पष्ट करती है.

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मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को पहुंचाया नुकसान
चिदंबरम ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुये कहा कि नई सरकार को अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिये कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि हर रोज मोदी ओछी भाषा में बड़ी बड़ी बातें करते हैं और वित्त मंत्री ब्लॉग के जरिये उसे तर्कसंगत बनाने का कमजोर प्रयास करते हैं. शब्दाडंबर और ब्लागिंग के बीच यह सरकार अर्थव्यवस्था को भूल बैठी है.

एनएसएसओ के आकड़े ने सरकार को किया बेनकाब
केन्द्र में आने वाली नई सरकार के लिए अर्थव्यवस्था के हालात सुधारने का बड़ा काम होगा. कांग्रेस पार्टी मोदी- जेटली के कब्जे से अर्थव्यवस्था को बाहर निकलने के लिये तैयार बैठी है. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था विनाशकारी दौर में पहुंच चुकी है और मार्च, 2019 की वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट ने भाजपा सरकार के झूठे आडंबर को सबके सामने बेनकाब कर दिया है. उन्होंने कहा कि एनएसएसओ के खुलासे ने केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आर्थिक वृद्धि के आंकड़ों का पर्दाफाश कर दिया है.

इससे पता चलता है कि सरकार अब तक फर्जी आंकड़े इस्तेमाल करती रही है. "सीएसओ के वृद्धि के आंकड़े बनावटी है. सीएसओ का इस प्रकार झूठे आंकड़ों को जारी करना घोटाले की तरह है, इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिये."

रोजगार और बुनियादी सुविधाओं को लेकर जनता में रोष
चिदंबरम ने आरोप लगाया कि इस मामले में राजनीतिक नेतृत्व ने हस्तक्षेप किया और सीएसओ और एनएसएसओ को धमकाया है. उन्होंने कहा कि मोदी कितना ही अर्थव्यवस्था से ध्यान हटाने का प्रयास कर लें अंतत: जनता उन्हीं मुद्दों को लेकर अपना मत देगी जो कि उसकी दैनिक जीवन पर असर डालते हैं. रोजगार, बुनियादी सुविधाओं, निवेश, किसानों की परेशानी और कर्ज, एमएसएमई के ध्वस्त होने और आय नहीं बढ़ने जैसे कई मुद्दे हैं जिनको लेकर जनता मतदान करेगी.

मोदी- जेटली की जुगलबंदी से अर्थव्यवस्था को नुकसान
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी- जेटली की जुगलबंदी के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के विनाशकारी दौर में पहुंच चुकी है. वास्तविक जीडीपी की तिमाही वृद्धि में लगातार आती गिरावट से इसका साफ संकेत दिखाई देता है. उन्होंने दावा किया कि कर राजस्व में 1.6 लाख करोड़ रुपये की कमी से वास्तव में राजकोषीय घाटा बढ़कर 3.9 प्रतिशत तक पहुंच जायेगा और इससे अर्थव्यवस्था की मंदी और बढ़ने की आशंका है.

चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आते ही वह अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को फिर से दुरुस्त करने के लिये कदम उठायेगी और उनका समाधान तलाशेगी. कांग्रेस बैंकों को भी मजबूत बनायेगी. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री आंकड़ों को छुपाने और हेराफेरी करके सूचनायें उपलब्ध कराने में माहिर हो गये हैं. पूर्व वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री को "नौकरी विनाश करने वाला प्रधानमंत्री बताया."

नोटबंदी और जीएसटी तुगलकी फरमान
उन्होंने दावा किया कि 2018 में भारत ने 1.1 करोड़ नौकरियां गंवाई. उन्होंने कहा कि मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे जिनको नौकरियां समाप्त करने वाले प्रधानमंत्री के तौर जाना जायेगा. उनके दो तुगलकी फरमानों नोटबंदी और जीएसटी की वजह से अर्थव्यवस्था की यह स्थिति हुई है. उन्होंने कहा कि एनएसएसओ की लीक हुई सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में बेरोजगारी की दर 45 साल में सबसे ऊंची 6.1 प्रतिशत पर पहुंच गई. सरकार की रोजगार और अर्थव्यवस्था पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक का सबसे बुरा असर देश के युवाओं पर पड़ा.

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मोदी सरकार के शासन में अर्थव्यवस्था मंदी के विनाशकारी दौर में पहुंची: चिदंबरम

नयी दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नौकरी विनाश पीएम बताया. उन्होंने कहा कि आर्थिक आंकड़े बता रहे हैं कि मोदी सरकार के शासनकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के विनाशकारी दौर में पहुंच चुकी है. 

चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था की इस दुर्दशा के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली की जुगलबंदी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने दावा किया कि 2018 में भारत में 1.1 करोड़ रोजगार का नुकसान हुआ. नोटबंदी और जीएसटी जैसे तुगलकी फरमानों की वजह से रोजगार का नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट देश की आर्थिक स्थिति को स्पष्ट करती है. 

मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को पहुंचाया नुकसान 

चिदंबरम ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुये कहा कि नई सरकार को अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिये कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि हर रोज मोदी ओछी भाषा में बड़ी बड़ी बातें करते हैं और वित्त मंत्री ब्लॉग के जरिये उसे तर्कसंगत बनाने का कमजोर प्रयास करते हैं. शब्दाडंबर और ब्लागिंग के बीच यह सरकार अर्थव्यवस्था को भूल बैठी है. 

एनएसएसओ के आकड़े ने सरकार को किया बेनकाब 

केन्द्र में आने वाली नई सरकार के लिए अर्थव्यवस्था के हालात सुधारने का बड़ा काम होगा. कांग्रेस पार्टी मोदी- जेटली के कब्जे से अर्थव्यवस्था को बाहर निकलने के लिये तैयार बैठी है. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था विनाशकारी दौर में पहुंच चुकी है और मार्च, 2019 की वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट ने भाजपा सरकार के झूठे आडंबर को सबके सामने बेनकाब कर दिया है. उन्होंने कहा कि एनएसएसओ के खुलासे ने केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आर्थिक वृद्धि के आंकड़ों का पर्दाफाश कर दिया है. 

इससे पता चलता है कि सरकार अब तक फर्जी आंकड़े इस्तेमाल करती रही है. "सीएसओ के वृद्धि के आंकड़े बनावटी है. सीएसओ का इस प्रकार झूठे आंकड़ों को जारी करना घोटाले की तरह है, इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिये." 

रोजगार और बुनियादी सुविधाओं को लेकर जनता में रोष

चिदंबरम ने आरोप लगाया कि इस मामले में राजनीतिक नेतृत्व ने हस्तक्षेप किया और सीएसओ और एनएसएसओ को धमकाया है. उन्होंने कहा कि मोदी कितना ही अर्थव्यवस्था से ध्यान हटाने का प्रयास कर लें अंतत: जनता उन्हीं मुद्दों को लेकर अपना मत देगी जो कि उसकी दैनिक जीवन पर असर डालते हैं. रोजगार, बुनियादी सुविधाओं, निवेश, किसानों की परेशानी और कर्ज, एमएसएमई के ध्वस्त होने और आय नहीं बढ़ने जैसे कई मुद्दे हैं जिनको लेकर जनता मतदान करेगी. 



मोदी- जेटली की जुगलबंदी से अर्थव्यवस्था को नुकसान

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी- जेटली की जुगलबंदी के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के विनाशकारी दौर में पहुंच चुकी है. वास्तविक जीडीपी की तिमाही वृद्धि में लगातार आती गिरावट से इसका साफ संकेत दिखाई देता है. उन्होंने दावा किया कि कर राजस्व में 1.6 लाख करोड़ रुपये की कमी से वास्तव में राजकोषीय घाटा बढ़कर 3.9 प्रतिशत तक पहुंच जायेगा और इससे अर्थव्यवस्था की मंदी और बढ़ने की आशंका है. 



चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आते ही वह अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को फिर से दुरुस्त करने के लिये कदम उठायेगी और उनका समाधान तलाशेगी. कांग्रेस बैंकों को भी मजबूत बनायेगी. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री आंकड़ों को छुपाने और हेराफेरी करके सूचनायें उपलब्ध कराने में माहिर हो गये हैं. पूर्व वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री को "नौकरी विनाश करने वाला प्रधानमंत्री बताया." 



नोटबंदी और जीएसटी तुगलकी फरमान

उन्होंने दावा किया कि 2018 में भारत ने 1.1 करोड़ नौकरियां गंवाई. उन्होंने कहा कि मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे जिनको नौकरियां समाप्त करने वाले प्रधानमंत्री के तौर जाना जायेगा. उनके दो तुगलकी फरमानों नोटबंदी और जीएसटी की वजह से अर्थव्यवस्था की यह स्थिति हुई है. उन्होंने कहा कि एनएसएसओ की लीक हुई सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में बेरोजगारी की दर 45 साल में सबसे ऊंची 6.1 प्रतिशत पर पहुंच गई. सरकार की रोजगार और अर्थव्यवस्था पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक का सबसे बुरा असर देश के युवाओं पर पड़ा.


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