ETV Bharat / business

कोविड-19 की वजह से वैश्विक व्यापार संबंधों, आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव होगा: मूडीज

मूडीज ने मंगलवार का कहा कि महामारी की वजह से व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर अंकुशों से वैश्विक अर्थव्यवस्था में संरक्षणवाद बढ़ेगा और इसके 'बिखराव' की रफ्तार तेज होगी.

कोविड-19 की वजह से वैश्विक व्यापार संबंधों, आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव होगा: मूडीज
कोविड-19 की वजह से वैश्विक व्यापार संबंधों, आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव होगा: मूडीज
author img

By

Published : Aug 11, 2020, 8:59 PM IST

Updated : Aug 11, 2020, 9:33 PM IST

नई दिल्ली: मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस का मानना है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह व्यापारिक संबंधों तथा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बुनियादी बदलाव की रफ्तार तेज होगी.

मूडीज ने मंगलवार का कहा कि महामारी की वजह से व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर अंकुशों से वैश्विक अर्थव्यवस्था में संरक्षणवाद बढ़ेगा और इसके 'बिखराव' की रफ्तार तेज होगी.

मूडीज ने कहा, "महामारी की वजह से वैश्विक स्तर पर व्यापारिक संबंधों तथा आपूर्ति श्रृंखला में कुछ बुनियादी बदलाव आएंगे. इससे वैश्वीकरण के खिलाफ रुख और कड़ा होगा."

मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव कई साल की प्रक्रिया में आएगा, क्योंकि चीन अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कई मामलों में लाभ की स्थिति में होगा.

रिपोर्ट कहती है कि चीन को छोड़कर कुछ एशियाई बाजारों को आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव का लाभ होगा. विशेष रूप से यह देखते हुए कि कंपनियां अपने आपूर्ति स्रोतों में विविधता लाएंगी.

रिपोर्ट में कहा गया है, "चीन को छोड़कर इस विविधीकरण से एशियाई देशों को लाभ होगा, बशर्ते इन देशों की आर्थिक बुनियाद मजबूत हो, बुनियादी ढांचा विश्वसनीय हो, पर्याप्त श्रम पूंजी हो और भू-राजनीतिक और आपूर्ति सुरक्षा का जोखिम कम हो."

रिपोर्ट के अनुसार उत्पादन के स्थानीयकरण जिसमें उत्पादन क्षमता को क्षेत्र से अमेरिका या यूरोपीय संघ ले जाया जाएगा, से एशियाई उत्पादकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. विशेष रूप से इससे रणनीतिक क्षेत्रों को नुकसान होगा.

ये भी पढ़ें: औद्योगिक उत्पादन में जून महीने में 16.6 प्रतिशत की गिरावट

मूडीज ने कहा कि ऐसे में वैश्विक व्यापार प्रणाली अधिक क्षेत्र केंद्रित हो जाएगा. प्रत्येक प्रमुख क्षेत्रों...एशिया, यूरोप और अमेरिका के लिए क्षेत्रीय व्यापार प्रणाली होगी. ऐसे में इन क्षेत्रों के पास रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्पादों के लिए अपने खुद के आपूर्तिकर्ता होंगे.

रिेपोर्ट में कहा गया है कि प्राथमिकता की सामान्यीकृत प्रणाली (जीएसपी) के तहत यूरोपीय संघ और अमेरिकी बाजारों पर तरजीह पहुंच की वजह से एशिया के विकासशील देशों मसलन इंडोनेशिया, कंबोडिया और भारत को फायदा होगा.

मूडीज का मानना है कि कोविड-19 से बाद की दुनिया में सरकारों और कंपनियां का मुख्य लक्ष्य आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत कर आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस का मानना है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह व्यापारिक संबंधों तथा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बुनियादी बदलाव की रफ्तार तेज होगी.

मूडीज ने मंगलवार का कहा कि महामारी की वजह से व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर अंकुशों से वैश्विक अर्थव्यवस्था में संरक्षणवाद बढ़ेगा और इसके 'बिखराव' की रफ्तार तेज होगी.

मूडीज ने कहा, "महामारी की वजह से वैश्विक स्तर पर व्यापारिक संबंधों तथा आपूर्ति श्रृंखला में कुछ बुनियादी बदलाव आएंगे. इससे वैश्वीकरण के खिलाफ रुख और कड़ा होगा."

मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव कई साल की प्रक्रिया में आएगा, क्योंकि चीन अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कई मामलों में लाभ की स्थिति में होगा.

रिपोर्ट कहती है कि चीन को छोड़कर कुछ एशियाई बाजारों को आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव का लाभ होगा. विशेष रूप से यह देखते हुए कि कंपनियां अपने आपूर्ति स्रोतों में विविधता लाएंगी.

रिपोर्ट में कहा गया है, "चीन को छोड़कर इस विविधीकरण से एशियाई देशों को लाभ होगा, बशर्ते इन देशों की आर्थिक बुनियाद मजबूत हो, बुनियादी ढांचा विश्वसनीय हो, पर्याप्त श्रम पूंजी हो और भू-राजनीतिक और आपूर्ति सुरक्षा का जोखिम कम हो."

रिपोर्ट के अनुसार उत्पादन के स्थानीयकरण जिसमें उत्पादन क्षमता को क्षेत्र से अमेरिका या यूरोपीय संघ ले जाया जाएगा, से एशियाई उत्पादकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. विशेष रूप से इससे रणनीतिक क्षेत्रों को नुकसान होगा.

ये भी पढ़ें: औद्योगिक उत्पादन में जून महीने में 16.6 प्रतिशत की गिरावट

मूडीज ने कहा कि ऐसे में वैश्विक व्यापार प्रणाली अधिक क्षेत्र केंद्रित हो जाएगा. प्रत्येक प्रमुख क्षेत्रों...एशिया, यूरोप और अमेरिका के लिए क्षेत्रीय व्यापार प्रणाली होगी. ऐसे में इन क्षेत्रों के पास रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्पादों के लिए अपने खुद के आपूर्तिकर्ता होंगे.

रिेपोर्ट में कहा गया है कि प्राथमिकता की सामान्यीकृत प्रणाली (जीएसपी) के तहत यूरोपीय संघ और अमेरिकी बाजारों पर तरजीह पहुंच की वजह से एशिया के विकासशील देशों मसलन इंडोनेशिया, कंबोडिया और भारत को फायदा होगा.

मूडीज का मानना है कि कोविड-19 से बाद की दुनिया में सरकारों और कंपनियां का मुख्य लक्ष्य आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत कर आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 11, 2020, 9:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.