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उपभोक्ता विश्वास डगमगाया, चालू वित्त वर्ष में 1.5 प्रतिशत आर्थिक गिरावट के आसार: आरबीआई सर्वे

रिजर्व बैंक के उपभोक्ता विश्वास सर्वे में कहा गया है कि मई, 2020 में उपभोक्ताओं का भरोसा पूरी तरह टूट चुका था. वहीं, एक अन्य सर्वे के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी.

उपभोक्ता विश्वास डगमगाया, चालू वित्त वर्ष में 1.5 प्रतिशत आर्थिक गिरावट के आसार: आरबीआई सर्वे
उपभोक्ता विश्वास डगमगाया, चालू वित्त वर्ष में 1.5 प्रतिशत आर्थिक गिरावट के आसार: आरबीआई सर्वे
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Published : Jun 5, 2020, 1:29 PM IST

मुंबई: कोरोना वायरस महामारी की वजह से उपभोक्ता का विश्वास पूरी तरह डगमगा चुका है और इससे चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक सर्वे में यह अनमान लगाया गया है.

रिजर्व बैंक के उपभोक्ता विश्वास सर्वे में कहा गया है, "मई, 2020 में उपभोक्ताओं का भरोसा पूरी तरह टूट चुका था. मौजूदा स्थिति इंडेक्स (सीएसआई) अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ गया है. इसके अलावा एक साल आगे का भविष्य की संभावनाओं इंडेक्स में भी भारी गिरावट आई है और यह निराशावाद के क्षेत्र में पहुंच चुका है.

ये भी पढ़ें- रोजगार के मोर्चे पर 2018 के मुकाबले 2019 में सुधार: सरकारी आंकड़े

एक अन्य सर्वे के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी. हालांकि, अगला वित्त वर्ष कहीं बेहतर रहने की उम्मीद है.

रिजर्व बैंक द्वारा प्रायोजित प्रोफेशनल फोरकास्टर्स (एसपीएफ) के सर्वे में कहा गया है कि वास्तविक जीडीपी में 2020-21 में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी. हालांकि, अगले वित्त वर्ष में यह वृद्धि की राहत पर लौटेगी और इसमें 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज होगी.

सर्वे में कहा गया है कि वास्तविक निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में चालू वित्त वर्ष में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी. हालांकि, अगले वित्त वर्ष में इसमें 6.9 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है.

सर्वे में कहा गया है कि वास्तविक सकल निश्चित पूंजी सृजन (जीएफसीएफ) में 2020-21 में 6.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी. हालांकि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में इसमें 5.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज होगी.

फसल ऋण पर ब्याज में छूट 31 अगस्त तक बढ़ायी गयी

सरकार ने कोरोनो वायरस महामारी की रोकथाम के लिये लागू लॉकडाउन के मद्देनजर किसानों को फसल ऋण पर ब्याज में दो प्रतिशत की छूट तथा त्वरित भुगतान पर तीन प्रतिशत के प्रोत्साहन को 31 अगस्त 2020 तक जारी रखने का निर्णय लिया है.

रिजर्व बैंक ने अधिसूचना में कहा, "यह सुनिश्चित करने के लिये कि मोरेटोरियम की बढ़ी अवधि के दौरान किसानों को अधिक ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़े, सरकार ने 31 अगस्त 2020 तक किसानों को दो प्रतिशत ब्याज छूट और तीन प्रतिशत त्वरित भुगतान प्रोत्साहन देते रहने का निर्णय लिया है."

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: कोरोना वायरस महामारी की वजह से उपभोक्ता का विश्वास पूरी तरह डगमगा चुका है और इससे चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक सर्वे में यह अनमान लगाया गया है.

रिजर्व बैंक के उपभोक्ता विश्वास सर्वे में कहा गया है, "मई, 2020 में उपभोक्ताओं का भरोसा पूरी तरह टूट चुका था. मौजूदा स्थिति इंडेक्स (सीएसआई) अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ गया है. इसके अलावा एक साल आगे का भविष्य की संभावनाओं इंडेक्स में भी भारी गिरावट आई है और यह निराशावाद के क्षेत्र में पहुंच चुका है.

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एक अन्य सर्वे के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी. हालांकि, अगला वित्त वर्ष कहीं बेहतर रहने की उम्मीद है.

रिजर्व बैंक द्वारा प्रायोजित प्रोफेशनल फोरकास्टर्स (एसपीएफ) के सर्वे में कहा गया है कि वास्तविक जीडीपी में 2020-21 में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी. हालांकि, अगले वित्त वर्ष में यह वृद्धि की राहत पर लौटेगी और इसमें 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज होगी.

सर्वे में कहा गया है कि वास्तविक निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में चालू वित्त वर्ष में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी. हालांकि, अगले वित्त वर्ष में इसमें 6.9 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है.

सर्वे में कहा गया है कि वास्तविक सकल निश्चित पूंजी सृजन (जीएफसीएफ) में 2020-21 में 6.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी. हालांकि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में इसमें 5.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज होगी.

फसल ऋण पर ब्याज में छूट 31 अगस्त तक बढ़ायी गयी

सरकार ने कोरोनो वायरस महामारी की रोकथाम के लिये लागू लॉकडाउन के मद्देनजर किसानों को फसल ऋण पर ब्याज में दो प्रतिशत की छूट तथा त्वरित भुगतान पर तीन प्रतिशत के प्रोत्साहन को 31 अगस्त 2020 तक जारी रखने का निर्णय लिया है.

रिजर्व बैंक ने अधिसूचना में कहा, "यह सुनिश्चित करने के लिये कि मोरेटोरियम की बढ़ी अवधि के दौरान किसानों को अधिक ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़े, सरकार ने 31 अगस्त 2020 तक किसानों को दो प्रतिशत ब्याज छूट और तीन प्रतिशत त्वरित भुगतान प्रोत्साहन देते रहने का निर्णय लिया है."

(पीटीआई-भाषा)

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