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सितंबर-अक्टूबर में आ सकता है केंद्र का अंतिम राहत पैकेज: गुरुमूर्ति

गुरुमूर्ति ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने अभी तक घाटे के मौद्रीकरण (नोट छापने) के विकल्प पर कोई विचार नहीं किया है. घाटे के मौद्रीकरण के तहत केंद्रीय बैंक सरकार की खर्च जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकारी बॉन्ड खरीदा है और बदले में अपनी निधि से या नए नोट छापकर सरकार को धनराशि देता है.

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Published : Jun 16, 2020, 10:50 PM IST

सितंबर-अक्टूबर में आ सकता है केंद्र का अंतिम राहत पैकेज: गुरुमूर्ति
सितंबर-अक्टूबर में आ सकता है केंद्र का अंतिम राहत पैकेज: गुरुमूर्ति

कोलकाता: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निदेशक एस गुरुमूर्ति ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार "कोविड संकट के बाद" सितंबर में अंतिम राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है.

गुरुमूर्ति ने भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के पैकेज को अंतरिम उपाय माना जा सकता है.

आरएसएस विचारक ने कहा, "अंतिम प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कोविड संकट के बाद सितंबर में या अक्टूबर में होने की उम्मीद है."

उन्होंने कहा, "यूरोपीय देश और अमेरिका घाटे को भरने के लिए मुद्रा की छपाई कर रहे हैं, जबकि भारत के लिए ऐसा करने की बहुत कम गुंजाइश है."

गुरुमूर्ति ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने अभी तक घाटे के मौद्रीकरण (नोट छापने) के विकल्प पर कोई विचार नहीं किया है. घाटे के मौद्रीकरण के तहत केंद्रीय बैंक सरकार की खर्च जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकारी बॉन्ड खरीदा है और बदले में अपनी निधि से या नए नोट छापकर सरकार को धनराशि देता है.

ये भी पढ़ें: आईएमडी की प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में भारत 43वें स्थान पर कायम, सिंगापुर अव्वल

उन्होंने कहा, "भारत कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहा है. सरकार ने एक अप्रैल से 15 मई तक जन-धन बैंक खातों में 16,000 करोड़ रुपये जमा किए हैं."

उन्होंने कहा, "आश्चर्य की बात है कि उन खातों से बहुत कम धन निकाला गया है. इससे पता चलता है कि संकट का स्तर उतना अधिक नहीं है."

उन्होंने कहा कि कोविड संकट के बाद के युग में दुनिया "बहुपक्षीयवाद से द्विपक्षीयवाद" में बदल जाएगी और भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से वापसी करेगी.

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निदेशक एस गुरुमूर्ति ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार "कोविड संकट के बाद" सितंबर में अंतिम राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है.

गुरुमूर्ति ने भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के पैकेज को अंतरिम उपाय माना जा सकता है.

आरएसएस विचारक ने कहा, "अंतिम प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कोविड संकट के बाद सितंबर में या अक्टूबर में होने की उम्मीद है."

उन्होंने कहा, "यूरोपीय देश और अमेरिका घाटे को भरने के लिए मुद्रा की छपाई कर रहे हैं, जबकि भारत के लिए ऐसा करने की बहुत कम गुंजाइश है."

गुरुमूर्ति ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने अभी तक घाटे के मौद्रीकरण (नोट छापने) के विकल्प पर कोई विचार नहीं किया है. घाटे के मौद्रीकरण के तहत केंद्रीय बैंक सरकार की खर्च जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकारी बॉन्ड खरीदा है और बदले में अपनी निधि से या नए नोट छापकर सरकार को धनराशि देता है.

ये भी पढ़ें: आईएमडी की प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में भारत 43वें स्थान पर कायम, सिंगापुर अव्वल

उन्होंने कहा, "भारत कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहा है. सरकार ने एक अप्रैल से 15 मई तक जन-धन बैंक खातों में 16,000 करोड़ रुपये जमा किए हैं."

उन्होंने कहा, "आश्चर्य की बात है कि उन खातों से बहुत कम धन निकाला गया है. इससे पता चलता है कि संकट का स्तर उतना अधिक नहीं है."

उन्होंने कहा कि कोविड संकट के बाद के युग में दुनिया "बहुपक्षीयवाद से द्विपक्षीयवाद" में बदल जाएगी और भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से वापसी करेगी.

(पीटीआई-भाषा)

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