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केंद्र सरकार ने लिए तीन बड़े फैसले: बैंकों, कंपनियों और एयर इंडिया पर होगा असर

बैठक में सरकार ने बैंकों के मर्जर से लेकर एफडीआई तक जरूरी घोषणाएं की हैं. केंद्र सरकार ने 10 सरकारी बैंकों के मर्जर को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही सरकार ने देश में कारोबार में सुगमता बढ़ाने के उद्येश्य से बुधवार को कंपनी कानून में संशोधन के प्रस्तावों को मंजूरी दी.

कंपनी अधिनियम को डिक्रिमिनलाइज करेगी सरकार
कंपनी अधिनियम को डिक्रिमिनलाइज करेगी सरकार
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Published : Mar 4, 2020, 4:07 PM IST

Updated : Mar 4, 2020, 6:29 PM IST

नई दिल्ली: बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेंस कर बैठक में हुए फैसलों की जानकारी दी.

बैठक में सरकार ने बैंकों के मर्जर से लेकर एफडीआई तक जरूरी घोषणाएं की हैं. केंद्र सरकार ने 10 सरकारी बैंकों के मर्जर को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही सरकार ने देश में कारोबार में सुगमता बढ़ाने के उद्येश्य से बुधवार को कंपनी कानून में संशोधन के प्रस्तावों को मंजूरी दी.

केंद्रीय कैबिनेट में हुए ये मुख्य फैसलें:-

1. प्रवासी भारतीयों को एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने की मिली अनुमति

सरकार ने बुधवार को प्रवासी भारतीयों को एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने की अनुमति दे दी. सरकार एयर इंडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है.

प्रवासी भारतीयों को 100 प्रतिशत निवेश की अनुमति देने से वृहद मालिकाना हक और प्रभावी नियंत्रण (एसओईसी) नियमों का उल्लंघन नहीं होगा. एनआरआई निवेश को घरेलू निवेश के रूप में लिया जाता है.

फिलहाल, एनआरआई एयर इंडिया में केवल 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर सकते हैं. एयरलाइन में सरकार की मंजूरी मार्ग के जरिये 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति है. बता दें कि एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने का यह सरकार का दूसरा प्रयास है.

2. बैंकों के विलय की प्रक्रिया जारी, एक अप्रैल से होगी प्रभावी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का काम जारी है. उन्होंने कहा कि विलय एक अप्रैल 2020 से प्रभाव में आ जायेगा.

सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विलय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और सरकार संबंधित बैंकों के साथ लगातार संपर्क में है.

विलय का मकसद देश में वैश्विक आकार के बड़े बैंक बनाना है. उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल अगस्त में बड़ा फैसला लेते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी. इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या घटकर 12 पर आ गयी जो 2017 में 27 थी. इससे पहले पिछले साल देना बैंक और विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय कर दिया गया है.

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों के 4 बैंकों में विलय के व्‍यापक एकीकरण को मंजूरी दे दी है, इस विलय में शामिल हैं :-

  • ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक में विलय
  • सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय
  • आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय
  • इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय

3. कंपनी कानून में 72 संशोधन लाये जाएंगे, मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव मंजूर किए

सरकार ने देश में कारोबार में सुगमता बढ़ाने और कंपनियों की हल्की-फुल्की गलतियों में सजा के प्रावधानों को समाप्त करने या जर्माना हल्का करने के उद्येश्य से बुधवार को कंपनी कानून में संशोधन के प्रस्तावों को मंजूरी दी.

मुख्य बातें

  • कई प्रकार की गलतियों को संज्ञेय अपराध की श्रेणी से हटाने के साथ-साथ छोटी कंपनियों को सामाजिक दायित्व समिति बनाने की जिम्मेदारी से मुक्त करने के प्रस्ताव शामिल हैं.
  • मंत्रिमंडल की बैठक में कंपनी कानून 2013 में 72 संशोधनों वाला विधेयक पेश किए जाने को मंजूरी दी.
  • सीतारमण ने कहा कि संशोधन प्रस्तावों का मुख्य उद्येश्य कंपनी कानून में विभिन्न प्रावधानों को आपराधिक सजा वाले प्रावधान की श्रेणी से हटाना है.
  • उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने कानून में 72 बदलावों के प्रस्ताव को मंजूरी दी.कानून के तहत कुल 66 समझौते लायक गड़बड़ियों (कम्पाउड करने लायक गड़बड़ी) में से 23 की श्रेणी बदली गयी है और समझौते लायक सात गलतियों को अपराध की सूची से हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है.
  • सरकार विभिन्न धाराओं में जेल के प्रावधान को हटाएगी और इसके साथ साथ कंपाउंड योग्य कुछ प्रावधानों में जुर्माना हल्का करेगी.
  • सीएसआर (कार्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी) खर्च का दायित्व 50 लाख से कम है, उन्हें सीएसआर कमेटी गठित करने की जरूरत नहीं होगी. सीतारमण ने कहा कि इस पहल का मकसद कारोबार सुगमता को बढ़ाना है.

ये भी पढ़ें- प्रत्यक्ष कर 'विवाद से विश्वास' विधेयक हंगामे के बीच लोकसभा से पास

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेंस कर बैठक में हुए फैसलों की जानकारी दी.

बैठक में सरकार ने बैंकों के मर्जर से लेकर एफडीआई तक जरूरी घोषणाएं की हैं. केंद्र सरकार ने 10 सरकारी बैंकों के मर्जर को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही सरकार ने देश में कारोबार में सुगमता बढ़ाने के उद्येश्य से बुधवार को कंपनी कानून में संशोधन के प्रस्तावों को मंजूरी दी.

केंद्रीय कैबिनेट में हुए ये मुख्य फैसलें:-

1. प्रवासी भारतीयों को एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने की मिली अनुमति

सरकार ने बुधवार को प्रवासी भारतीयों को एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने की अनुमति दे दी. सरकार एयर इंडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है.

प्रवासी भारतीयों को 100 प्रतिशत निवेश की अनुमति देने से वृहद मालिकाना हक और प्रभावी नियंत्रण (एसओईसी) नियमों का उल्लंघन नहीं होगा. एनआरआई निवेश को घरेलू निवेश के रूप में लिया जाता है.

फिलहाल, एनआरआई एयर इंडिया में केवल 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर सकते हैं. एयरलाइन में सरकार की मंजूरी मार्ग के जरिये 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति है. बता दें कि एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने का यह सरकार का दूसरा प्रयास है.

2. बैंकों के विलय की प्रक्रिया जारी, एक अप्रैल से होगी प्रभावी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का काम जारी है. उन्होंने कहा कि विलय एक अप्रैल 2020 से प्रभाव में आ जायेगा.

सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विलय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और सरकार संबंधित बैंकों के साथ लगातार संपर्क में है.

विलय का मकसद देश में वैश्विक आकार के बड़े बैंक बनाना है. उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल अगस्त में बड़ा फैसला लेते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी. इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या घटकर 12 पर आ गयी जो 2017 में 27 थी. इससे पहले पिछले साल देना बैंक और विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय कर दिया गया है.

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों के 4 बैंकों में विलय के व्‍यापक एकीकरण को मंजूरी दे दी है, इस विलय में शामिल हैं :-

  • ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक में विलय
  • सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय
  • आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय
  • इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय

3. कंपनी कानून में 72 संशोधन लाये जाएंगे, मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव मंजूर किए

सरकार ने देश में कारोबार में सुगमता बढ़ाने और कंपनियों की हल्की-फुल्की गलतियों में सजा के प्रावधानों को समाप्त करने या जर्माना हल्का करने के उद्येश्य से बुधवार को कंपनी कानून में संशोधन के प्रस्तावों को मंजूरी दी.

मुख्य बातें

  • कई प्रकार की गलतियों को संज्ञेय अपराध की श्रेणी से हटाने के साथ-साथ छोटी कंपनियों को सामाजिक दायित्व समिति बनाने की जिम्मेदारी से मुक्त करने के प्रस्ताव शामिल हैं.
  • मंत्रिमंडल की बैठक में कंपनी कानून 2013 में 72 संशोधनों वाला विधेयक पेश किए जाने को मंजूरी दी.
  • सीतारमण ने कहा कि संशोधन प्रस्तावों का मुख्य उद्येश्य कंपनी कानून में विभिन्न प्रावधानों को आपराधिक सजा वाले प्रावधान की श्रेणी से हटाना है.
  • उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने कानून में 72 बदलावों के प्रस्ताव को मंजूरी दी.कानून के तहत कुल 66 समझौते लायक गड़बड़ियों (कम्पाउड करने लायक गड़बड़ी) में से 23 की श्रेणी बदली गयी है और समझौते लायक सात गलतियों को अपराध की सूची से हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है.
  • सरकार विभिन्न धाराओं में जेल के प्रावधान को हटाएगी और इसके साथ साथ कंपाउंड योग्य कुछ प्रावधानों में जुर्माना हल्का करेगी.
  • सीएसआर (कार्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी) खर्च का दायित्व 50 लाख से कम है, उन्हें सीएसआर कमेटी गठित करने की जरूरत नहीं होगी. सीतारमण ने कहा कि इस पहल का मकसद कारोबार सुगमता को बढ़ाना है.

ये भी पढ़ें- प्रत्यक्ष कर 'विवाद से विश्वास' विधेयक हंगामे के बीच लोकसभा से पास

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 4, 2020, 6:29 PM IST

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