नई दिल्ली: मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना. इस योजना के तहत गरीब महिलाओं को एलपीजी गैस कनेक्शन दिया जाता है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश के 8 करोड़ परिवारों को इसका लाभ मिल चुका है. हालांकि अब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने इस योजना को लेकर सवाल खड़े किए हैं.
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक उज्ज्वला योजना का व्यापक दुरुपयोग हो रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जरूरतमंदों की बजाए इस योजना का लाभ उन लोगों को मिल रहा, जिन्हें जरूरत नहीं है.
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सीएजी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत बड़ी संख्या में घरेलू सिलेंडर के कमर्शियल इस्तेमाल का मामला सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक 1.98 लाख उपभोक्ता साल में 12 से ज्यादा सिलिंडर रिफिल करा रहे हैं और ये जांच का विषय है. क्योंकि जो लोग ये रिफिल करवा रहे हैं वो गरीबी रेखा से नीचे वाले हैं.
रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 13.96 लाख पीएम उज्ज्वला योजना के उपभोक्ता एक महीने में 3 से 41 तक सिलिंडर रिफिल करा रहे हैं. वहीं इंडेन और एचपीसीएल के आंकड़ों से सामने आया है कि 3.44 लाख ऐसे उपभोक्ताओं का मामला भी सामने आया है जहां पर एक दिन में 2 से 20 सिलिंडर रिफिल कराये जा रहे हैं, जबकि इनका कनेक्शन एक सिलिंडर वाला है.
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से 18 साल से कम उम्र के लोगों को 80 हजार कनेक्शन जारी करने की अनुमति दी गई है. इस तरह 8.59 लाख कनेक्शन उन लाभार्थियों को जारी किए गए थे जो जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार नाबालिग थे.