नई दिल्ली: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने शुक्रवार को कहा कि विलम्ब शुल्क से पूरी तरह छूट दिया जाना उन करदातओं के प्रति अन्यायपूर्ण होगा जिन्होंने फरवरी, मार्च और अप्रैल जीएसटी की बिक्री रिटर्न 24 जून तक बढ़ायी गयी समयसीमा के भीतर भर दी है.
कोविड-19 संकट को देखते हुए मार्च में घोषित राहत पैकेज के तहत करदाताओं को विलम्ब शुल्क से छूट सशर्त दी गयी थी.
इसके तहत पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयों को फरवरी, मार्च और अप्रैल, 2020 के लिये जीएसटीआर-3बी रिटर्न 24 जून 2020 तक भर दिये जाने पर विलम्ब शुल्क से छूट दी गयी थी.
सीबीआईसी ने ट्विटर पर लिखा है कि उसने संबंधित पक्षों को स्पष्ट किया है कि विलम्ब शुल्क से छूट इस शर्त पर दी गयी थी कि कर रिटर्न निर्धारित तिथि तक भर दिया जाएगा.
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सीबीआईसी ने कहा, "विलम्ब शुल्क में पूरी तरह से छूट देना उन करदातओं के साथ अन्याय होगा जिन्होंने समयसीमा के भीतर कर रिटर्न दाखिल किया है."
(पीटीआई-भाषा)