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भारतीय हवाई अड्डों को वित्त वर्ष 21 में हो सकता है ₹5,400 करोड़ का घाटा : इक्रा रिपोर्ट

रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में भारतीय हवाई अड्डों को 5,400 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा और 3,500 करोड़ रुपये का नकद नुकसान होने की संभावना है.

भारतीय हवाई अड्डों को वित्त वर्ष 21 में हो सकता है ₹5,400 करोड़ का घाटा : इक्रा रिपोर्ट
भारतीय हवाई अड्डों को वित्त वर्ष 21 में हो सकता है ₹5,400 करोड़ का घाटा : इक्रा रिपोर्ट
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Published : Mar 15, 2021, 7:24 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय हवाई अड्डों के वित्तीय वर्ष 2021 में 5,400 करोड़ रुपये का शुद्द घाटा और 3,500 करोड़ रुपये के नकद नुकसान दर्ज किए जाने की संभावना है. रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार वैश्विक महामारी कोविड के कारण हवाई यात्रियों के यातायात में गिरावट इसकी वजह रही.

इक्रा के अनुसार, वित्त वर्ष 21 में साल-दर-साल की तुलना में घरेलू यात्री ट्रैफिक 61 फीसदी और और अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफिक 85 फीसदी गिरने की संभावना है.

इक्रा ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में इस क्षेत्र में 5,400 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा और 3,500 करोड़ रुपये का नकद नुकसान होने की संभावना है.

इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख शुभम जैन ने कहा, 'घरेलू ट्रैफिक की तुलना में अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफिक, जिसकी प्रति यात्री अधिक उपज होती है, के अधिक होने की वजह से वित्तीय वर्ष 2021 में राजस्व और लाभप्रदता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. वित्त वर्ष 2021 में लगभग 1,700 करोड़ रुपये (-20% मार्जिन) और 5,400 करोड़ रुपये (-64% मार्जिन) की शुद्ध हानि के चलते इस क्षेत्र में परिचालन आय में 61% से 8,400 करोड़ रुपये की गिरावट देखी जा सकती है.'

इक्रा के अनुसार, कोविड-19 के कराण आए राजस्व की हानि को पीपीपी आधार पर विकसित हवाई अड्डों के लिए अगले नियंत्रण अवधि में बड़े पैमाने पर पुन: प्राप्त होने की उम्मीद है.

सूत्रों के अनुसार, सरकार अतिरिक्त संसाधनों को जुटाने के लिए पहचान की गई 2.5 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन के हिस्से के रूप में पहले से ही निजीकृत दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद हवाई अड्डों में अपनी अवशिष्ट हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है.

ये भी पढ़ें : थोक महंगाई दर फरवरी में बढ़कर 4.17 फीसदी हुई

जैन ने कहा कि हवाई अड्डों के मामले में सुधार का रास्ता लंबा है; घरेलू हवाई यात्रा के वित्त वर्ष 2023 तक कोविड पूर्व में आने का अनुमान है, वहीं अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में 2024 तक सुधार आने की उम्मीद है.

नई दिल्ली : भारतीय हवाई अड्डों के वित्तीय वर्ष 2021 में 5,400 करोड़ रुपये का शुद्द घाटा और 3,500 करोड़ रुपये के नकद नुकसान दर्ज किए जाने की संभावना है. रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार वैश्विक महामारी कोविड के कारण हवाई यात्रियों के यातायात में गिरावट इसकी वजह रही.

इक्रा के अनुसार, वित्त वर्ष 21 में साल-दर-साल की तुलना में घरेलू यात्री ट्रैफिक 61 फीसदी और और अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफिक 85 फीसदी गिरने की संभावना है.

इक्रा ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में इस क्षेत्र में 5,400 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा और 3,500 करोड़ रुपये का नकद नुकसान होने की संभावना है.

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इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख शुभम जैन ने कहा, 'घरेलू ट्रैफिक की तुलना में अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफिक, जिसकी प्रति यात्री अधिक उपज होती है, के अधिक होने की वजह से वित्तीय वर्ष 2021 में राजस्व और लाभप्रदता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. वित्त वर्ष 2021 में लगभग 1,700 करोड़ रुपये (-20% मार्जिन) और 5,400 करोड़ रुपये (-64% मार्जिन) की शुद्ध हानि के चलते इस क्षेत्र में परिचालन आय में 61% से 8,400 करोड़ रुपये की गिरावट देखी जा सकती है.'

इक्रा के अनुसार, कोविड-19 के कराण आए राजस्व की हानि को पीपीपी आधार पर विकसित हवाई अड्डों के लिए अगले नियंत्रण अवधि में बड़े पैमाने पर पुन: प्राप्त होने की उम्मीद है.

सूत्रों के अनुसार, सरकार अतिरिक्त संसाधनों को जुटाने के लिए पहचान की गई 2.5 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन के हिस्से के रूप में पहले से ही निजीकृत दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद हवाई अड्डों में अपनी अवशिष्ट हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है.

जैन ने कहा कि हवाई अड्डों के मामले में सुधार का रास्ता लंबा है; घरेलू हवाई यात्रा के वित्त वर्ष 2023 तक कोविड पूर्व में आने का अनुमान है, वहीं अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में 2024 तक सुधार आने की उम्मीद है.

नई दिल्ली : भारतीय हवाई अड्डों के वित्तीय वर्ष 2021 में 5,400 करोड़ रुपये का शुद्द घाटा और 3,500 करोड़ रुपये के नकद नुकसान दर्ज किए जाने की संभावना है. रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार वैश्विक महामारी कोविड के कारण हवाई यात्रियों के यातायात में गिरावट इसकी वजह रही.

इक्रा के अनुसार, वित्त वर्ष 21 में साल-दर-साल की तुलना में घरेलू यात्री ट्रैफिक 61 फीसदी और और अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफिक 85 फीसदी गिरने की संभावना है.

इक्रा ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में इस क्षेत्र में 5,400 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा और 3,500 करोड़ रुपये का नकद नुकसान होने की संभावना है.

इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख शुभम जैन ने कहा, 'घरेलू ट्रैफिक की तुलना में अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफिक, जिसकी प्रति यात्री अधिक उपज होती है, के अधिक होने की वजह से वित्तीय वर्ष 2021 में राजस्व और लाभप्रदता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. वित्त वर्ष 2021 में लगभग 1,700 करोड़ रुपये (-20% मार्जिन) और 5,400 करोड़ रुपये (-64% मार्जिन) की शुद्ध हानि के चलते इस क्षेत्र में परिचालन आय में 61% से 8,400 करोड़ रुपये की गिरावट देखी जा सकती है.'

इक्रा के अनुसार, कोविड-19 के कराण आए राजस्व की हानि को पीपीपी आधार पर विकसित हवाई अड्डों के लिए अगले नियंत्रण अवधि में बड़े पैमाने पर पुन: प्राप्त होने की उम्मीद है.

सूत्रों के अनुसार, सरकार अतिरिक्त संसाधनों को जुटाने के लिए पहचान की गई 2.5 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन के हिस्से के रूप में पहले से ही निजीकृत दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद हवाई अड्डों में अपनी अवशिष्ट हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है.

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नई दिल्ली : भारतीय हवाई अड्डों के वित्तीय वर्ष 2021 में 5,400 करोड़ रुपये का शुद्द घाटा और 3,500 करोड़ रुपये के नकद नुकसान दर्ज किए जाने की संभावना है. रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार वैश्विक महामारी कोविड के कारण हवाई यात्रियों के यातायात में गिरावट इसकी वजह रही.

इक्रा के अनुसार, वित्त वर्ष 21 में साल-दर-साल की तुलना में घरेलू यात्री ट्रैफिक 61 फीसदी और और अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफिक 85 फीसदी गिरने की संभावना है.

इक्रा ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में इस क्षेत्र में 5,400 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा और 3,500 करोड़ रुपये का नकद नुकसान होने की संभावना है.

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इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख शुभम जैन ने कहा, 'घरेलू ट्रैफिक की तुलना में अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफिक, जिसकी प्रति यात्री अधिक उपज होती है, के अधिक होने की वजह से वित्तीय वर्ष 2021 में राजस्व और लाभप्रदता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. वित्त वर्ष 2021 में लगभग 1,700 करोड़ रुपये (-20% मार्जिन) और 5,400 करोड़ रुपये (-64% मार्जिन) की शुद्ध हानि के चलते इस क्षेत्र में परिचालन आय में 61% से 8,400 करोड़ रुपये की गिरावट देखी जा सकती है.'

इक्रा के अनुसार, कोविड-19 के कराण आए राजस्व की हानि को पीपीपी आधार पर विकसित हवाई अड्डों के लिए अगले नियंत्रण अवधि में बड़े पैमाने पर पुन: प्राप्त होने की उम्मीद है.

सूत्रों के अनुसार, सरकार अतिरिक्त संसाधनों को जुटाने के लिए पहचान की गई 2.5 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन के हिस्से के रूप में पहले से ही निजीकृत दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद हवाई अड्डों में अपनी अवशिष्ट हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है.

जैन ने कहा कि हवाई अड्डों के मामले में सुधार का रास्ता लंबा है; घरेलू हवाई यात्रा के वित्त वर्ष 2023 तक कोविड पूर्व में आने का अनुमान है, वहीं अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में 2024 तक सुधार आने की उम्मीद है.

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