नई दिल्ली: देश में बहुप्रतीक्षित 5जी सेवाओं के लिए नेटवर्क परीक्षण जून से शुरू हो रहा है, जिसमें दूरसंचार मंत्रालय का पैनल तीन महीने की अवधि के लिए निर्भर टेलीकॉम कंपनियों के लिए स्पेक्ट्रम की सिफारिश करेगी.
स्पेक्ट्रम परीक्षण की मात्रा और अवधि पर विचार करने वाले पैनल ने शुरू में तीन महीने के लिए एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो को 5जी स्पेक्ट्रम की सिफारिश की है. नेटवर्क स्थिरीकरण के लिए अधिक समय की आवश्यकता होने पर इसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है.
सूत्रों ने कहा कि जिन तीन उपकरण विक्रेताओं को पैनल से हरी झंडी मिली है, वे सैमसंग, नोकिया और एरिक्सन हैं.
आवंटन अगले 15 दिनों में होगा और टेलीकॉम जून में ही 5जी चलाने की शुरुआत कर सकता है. नेटवर्क परीक्षण लाइसेंस कुछ दिनों के समय में जारी किए जाएंगे.
ये भी पढ़ें: अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का प्रायोजक होगा अमूल
अब तक, जियो के साथ सैमसंग, नोकिया के साथ एयरटेल और वीआईएल के साथ एरिक्सन के साझेदारी करने की संभावना है. दूरसंचार विभाग ने अब तक चीनी कंपनी हुआवेई पर कोई निर्णय नहीं किया है कि वह इस परीक्षण का हिस्सा होगा कि नहीं.
5जी ट्रायल होने के बाद, स्पेक्ट्रम नीलामी अक्टूबर में हो सकती है, जहां टेलीकॉम कंपनियां नेटवर्क की अवश्यकता और कमियों के बारे में निर्णय ले पाएंगी.
जुलाई-अगस्त तक टेलीकॉम कंपनियां ट्रायल शुरू कर सकती हैं.
सूत्रों ने कहा कि अगर यह 5 जी ट्रायल की समयसीमा है, तो सितंबर में स्पेक्ट्रम की नीलामी हो सकती है.