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'महामारी के कारण बस, टैक्सी क्षेत्र में 20 लाख लोग हुए बेरोजगार' - टैक्सी क्षेत्र में 20 लाख लोग हुए बेरोजगार

बस एंड कार ऑपरेटर्स कंफेडरेशन ऑफ इंडिया (बीओसीआई) 15 लाख बसें, मैक्सी कैब और 11 लाख पर्यटन टैक्सी चलाने वाले 20 हजार ऑपरेटरों के प्रतिनिधित्व का दावा करता है. संगठन का दावा है कि ये ऑपरेटर एक करोड़ लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराते हैं.

'महामारी के कारण बस, टैक्सी क्षेत्र में 20 लाख लोग हुए बेरोजगार'
'महामारी के कारण बस, टैक्सी क्षेत्र में 20 लाख लोग हुए बेरोजगार'
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Published : Jun 21, 2020, 7:19 PM IST

नई दिल्ली: बस व कार ऑपरेटरों के संगठन बीओसीआई के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के कारण बस-टैक्सी क्षेत्र में करीब 20 लाख लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. संगठन ने कहा कि अभी इतने ही लोगों के बेरोजगार होने का खतरा मंड़रा रहा है.

बस एंड कार ऑपरेटर्स कंफेडरेशन ऑफ इंडिया (बीओसीआई) 15 लाख बसें, मैक्सी कैब और 11 लाख पर्यटन टैक्सी चलाने वाले 20 हजार ऑपरेटरों के प्रतिनिधित्व का दावा करता है. संगठन का दावा है कि ये ऑपरेटर एक करोड़ लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराते हैं.

ये भी पढ़ें- अनलॉक हुआ भारत तो तेजी से घटी बेरोजगारी, धीरे-धीरे मिल रही हैं नौकरियां

संगठन ने कहा कि इस कठिन समय में निजी ऑपरेटरों को कर राहत तथा कर्ज के ब्याज में राहत के तौर पर सरकार से मदद की उम्मीद है, क्योंकि महामारी ने उन्हें बंद होने के कगार पर पहुंचा दिया है.

बीओसीआई के अध्यक्ष प्रसन्ना पटवर्धन ने पीटीआई-भाषा को बताया, "लॉकडाउन के दौरान हमारे वाहनों में से 95 प्रतिशत सड़क से दूर थे. बहुत कम बसें कंपनी के अनुबंधों के लिये संचालित होती थीं, जबकि कुछ का इस्तेमाल प्रवासी मजदूरों के परिवहन के लिए किया जाता था."

उन्होंने कहा कि कोई कारोबार नहीं होने से सदस्य ऑपरेटर कर्मचारियों को वेतन देने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "एक करोड़ लोगों में से कम से कम 30-40 लाख लोग अपनी नौकरियां खो देंगे. 15-20 लाख लोग पहले ही अपनी नौकरी खो चुके हैं. शेष बचे काफी लोग भी अपनी नौकरियां खो देंगे."

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: बस व कार ऑपरेटरों के संगठन बीओसीआई के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के कारण बस-टैक्सी क्षेत्र में करीब 20 लाख लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. संगठन ने कहा कि अभी इतने ही लोगों के बेरोजगार होने का खतरा मंड़रा रहा है.

बस एंड कार ऑपरेटर्स कंफेडरेशन ऑफ इंडिया (बीओसीआई) 15 लाख बसें, मैक्सी कैब और 11 लाख पर्यटन टैक्सी चलाने वाले 20 हजार ऑपरेटरों के प्रतिनिधित्व का दावा करता है. संगठन का दावा है कि ये ऑपरेटर एक करोड़ लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराते हैं.

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संगठन ने कहा कि इस कठिन समय में निजी ऑपरेटरों को कर राहत तथा कर्ज के ब्याज में राहत के तौर पर सरकार से मदद की उम्मीद है, क्योंकि महामारी ने उन्हें बंद होने के कगार पर पहुंचा दिया है.

बीओसीआई के अध्यक्ष प्रसन्ना पटवर्धन ने पीटीआई-भाषा को बताया, "लॉकडाउन के दौरान हमारे वाहनों में से 95 प्रतिशत सड़क से दूर थे. बहुत कम बसें कंपनी के अनुबंधों के लिये संचालित होती थीं, जबकि कुछ का इस्तेमाल प्रवासी मजदूरों के परिवहन के लिए किया जाता था."

उन्होंने कहा कि कोई कारोबार नहीं होने से सदस्य ऑपरेटर कर्मचारियों को वेतन देने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "एक करोड़ लोगों में से कम से कम 30-40 लाख लोग अपनी नौकरियां खो देंगे. 15-20 लाख लोग पहले ही अपनी नौकरी खो चुके हैं. शेष बचे काफी लोग भी अपनी नौकरियां खो देंगे."

(पीटीआई-भाषा)

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