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वैश्विक स्तर पर वर्ष 2022 तक 13.3 करोड़ नौकरियां उपलब्ध होंगी : रिपोर्ट - वैश्विक स्तर पर वर्ष 2022 तक 13.3 करोड़ नौकरियां उपलब्ध होंगी

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, वर्ष 2016 में 25.9 करोड़ युवा ऐसे थे जो रोजगार, शिक्षा अथवा प्रशिक्षण में शामिल नहीं थे. यह संख्या 2019 तक बढ़कर 26.7 करोड़ हो गई और 2021 तक बढ़कर 27.3 करोड़ होने का अनुमान है.

वैश्विक स्तर पर वर्ष 2022 तक 13.3 करोड़ नौकरियां उपलब्ध होंगी : रिपोर्ट
वैश्विक स्तर पर वर्ष 2022 तक 13.3 करोड़ नौकरियां उपलब्ध होंगी : रिपोर्ट
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Published : Jul 15, 2020, 10:47 AM IST

नई दिल्ली: वैश्विक स्तर पर वर्ष 2022 तक करीब 13.3 करोड़ नौकरियां उपलब्ध होंगी, जिनमें मानव प्रयास, मशीनें और एल्गोरिदम से संबंधित नौकरियां शामिल हैं. एक गैर लाभकारी संगठन ने मंगलवार को यह जानकारी दी. इसने साथ ही भारत में युवाओं के लिए डिजिटल और अंग्रेजी साक्षरता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया.

संगठन ने कहा कि अकादमिक स्तर पर जो तैयार किया जा रहा है और इंडस्ट्री जो चाहती है, उसमें काफी अंतर है. ऐसे में यह बेहद आवश्यक है कि युवाओं को प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्रों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन का ज्ञान, हरित ऊर्जा समेत अन्य क्षेत्रों की जरूरतों के हिसाब से कौशल प्रदान किया जाए.

ये भी पढ़ें- रिलायंस की बैठक में मुकेश अंबानी कर सकते हैं फेसबुक जैसे नए भागीदारों के साथ नयी पहल की घोषणा

ये टिप्पणियां गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) वाधवानी फाउंडेशन की ओर से विश्व युवा कौशल दिवस (15 जुलाई) की पूर्व संध्या पर की गईं. इस दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा युवा पीढ़ी के बीच कौशल विकास की आवश्यकता पर जोर देने के लिए मनाया जाता है.

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, वर्ष 2016 में 25.9 करोड़ युवा ऐसे थे जो रोजगार, शिक्षा अथवा प्रशिक्षण में शामिल नहीं थे. यह संख्या 2019 तक बढ़कर 26.7 करोड़ हो गई और 2021 तक बढ़कर 27.3 करोड़ होने का अनुमान है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: वैश्विक स्तर पर वर्ष 2022 तक करीब 13.3 करोड़ नौकरियां उपलब्ध होंगी, जिनमें मानव प्रयास, मशीनें और एल्गोरिदम से संबंधित नौकरियां शामिल हैं. एक गैर लाभकारी संगठन ने मंगलवार को यह जानकारी दी. इसने साथ ही भारत में युवाओं के लिए डिजिटल और अंग्रेजी साक्षरता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया.

संगठन ने कहा कि अकादमिक स्तर पर जो तैयार किया जा रहा है और इंडस्ट्री जो चाहती है, उसमें काफी अंतर है. ऐसे में यह बेहद आवश्यक है कि युवाओं को प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्रों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन का ज्ञान, हरित ऊर्जा समेत अन्य क्षेत्रों की जरूरतों के हिसाब से कौशल प्रदान किया जाए.

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ये टिप्पणियां गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) वाधवानी फाउंडेशन की ओर से विश्व युवा कौशल दिवस (15 जुलाई) की पूर्व संध्या पर की गईं. इस दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा युवा पीढ़ी के बीच कौशल विकास की आवश्यकता पर जोर देने के लिए मनाया जाता है.

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, वर्ष 2016 में 25.9 करोड़ युवा ऐसे थे जो रोजगार, शिक्षा अथवा प्रशिक्षण में शामिल नहीं थे. यह संख्या 2019 तक बढ़कर 26.7 करोड़ हो गई और 2021 तक बढ़कर 27.3 करोड़ होने का अनुमान है.

(पीटीआई-भाषा)

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