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'पेट्रोलियम कंपनियों' में 100 फीसद एफडीआई, 'अनुमति' पर विचार कर रही सरकार : सूत्र

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Published : Jun 20, 2021, 11:03 PM IST

तेल एवं गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों में स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (100 percent FDI) की अनुमति मिलने की संभावना है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (commerce and industry ministry) ने इससे संबंधित प्रस्ताव पर अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श के लिए मसौदा जारी किया है.

पेट्रोलियम
पेट्रोलियम

नई दिल्ली : सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश (disinvestment of PSUs) को लेकर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तेल एवं गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. यह स्वत: मंजूर मार्ग (automatic route) से होगा. एफडीआई से जुड़े अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श के लिए कैबिनेट नोट का मसौदा जारी किया गया है.

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. निजीकरण का रास्ता हाेगा साफ

सूत्रों ने कहा कि जिन सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश के लिए सैद्धान्तिक मंजूरी मिल चुकी है, उनके लिए यह मसौदा जारी किया गया है.यदि इस कदम को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली जाती है, तो इससे देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (Bharat Petroleum Corp Ltd.- BPCL) के निजीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा.

सरकार बीपीसीएल का निजीकरण करने जा रही है. इसके तहत सरकार कंपनी में अपनी समूची 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी. सूत्रों ने बताया कि नोट के मसौदे के अनुसार, एफडीआई नीति में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस क्षेत्र के तहत एक नया प्रावधान जोड़ा जाएगा.

इसे भी पढ़ें : पेट्रोल-डीजल की कीमत में फिर लगी आग

प्रस्ताव के अनुसार जिन PSUs के विनिवेश के लिए सरकार की ओर से सैद्धान्तिक मंजूरी दी जा चुकी है उनमें स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति दी जाएगी. बीपीसीएल के निजीकरण के लिए खनन से तेल क्षेत्र में कार्यरत वेदांता ने सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए रुचि पत्र (ईओआई) दिया है.अन्य दो बोलीदाता वैश्विक कोष हैं. इनमें से एक अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट है.

अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय इस प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी लेगा. अभी पेट्रोलियम रिफाइनिंग क्षेत्र में स्वत: मंजूर मार्ग से 49 प्रतिशत एफडीआई की ही अनुमति है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश (disinvestment of PSUs) को लेकर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तेल एवं गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. यह स्वत: मंजूर मार्ग (automatic route) से होगा. एफडीआई से जुड़े अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श के लिए कैबिनेट नोट का मसौदा जारी किया गया है.

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. निजीकरण का रास्ता हाेगा साफ

सूत्रों ने कहा कि जिन सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश के लिए सैद्धान्तिक मंजूरी मिल चुकी है, उनके लिए यह मसौदा जारी किया गया है.यदि इस कदम को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली जाती है, तो इससे देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (Bharat Petroleum Corp Ltd.- BPCL) के निजीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा.

सरकार बीपीसीएल का निजीकरण करने जा रही है. इसके तहत सरकार कंपनी में अपनी समूची 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी. सूत्रों ने बताया कि नोट के मसौदे के अनुसार, एफडीआई नीति में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस क्षेत्र के तहत एक नया प्रावधान जोड़ा जाएगा.

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प्रस्ताव के अनुसार जिन PSUs के विनिवेश के लिए सरकार की ओर से सैद्धान्तिक मंजूरी दी जा चुकी है उनमें स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति दी जाएगी. बीपीसीएल के निजीकरण के लिए खनन से तेल क्षेत्र में कार्यरत वेदांता ने सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए रुचि पत्र (ईओआई) दिया है.अन्य दो बोलीदाता वैश्विक कोष हैं. इनमें से एक अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट है.

अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय इस प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी लेगा. अभी पेट्रोलियम रिफाइनिंग क्षेत्र में स्वत: मंजूर मार्ग से 49 प्रतिशत एफडीआई की ही अनुमति है.

(पीटीआई-भाषा)

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