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जोमैटो ने किया ड्रोन से खाना पहुंचाने का परीक्षण

जोमैटो ने बताया कि ड्रोन का परीक्षण डीजीसीए द्वारा अनुमोदित दूरदराज के स्थलों में से एक पर पिछले सप्ताह किया गया था. इस तरह के परीक्षण बहुत दूरदराज के स्थलों पर किए जाते हैं, जिन्हें विशेष रूप से डिजाइन किया जाता है.

जोमैटो ने किया ड्रोन से खाना पहुंचाने का परीक्षण
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Published : Jun 12, 2019, 7:29 PM IST

Updated : Jun 12, 2019, 7:41 PM IST

नई दिल्ली: ऑनलाइन ऑर्डरिंग और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ने बुधवार को कहा कि उसने हाइब्रिड ड्रोन का इस्तेमाल कर अपनी पहली ड्रोन डिलीवरी तकनीक का सफल परीक्षण किया है, जिसमें फूड पैकेट देने के लिए 80 किमी प्रति घंटे की उच्च रफ्तार के साथ लगभग 10 मिनट में पांच किमी की दूरी तय की है.

जोमैटो ने किया ड्रोन से खाना पहुंचाने का परीक्षण

जोमैटो ने आईएएनएस को बताया, "ड्रोन का परीक्षण डीजीसीए द्वारा अनुमोदित दूरदराज के स्थलों में से एक पर पिछले सप्ताह किया गया था. इस तरह के परीक्षण बहुत दूरदराज के स्थलों पर किए जाते हैं, जिन्हें विशेष रूप से डिजाइन किया जाता है."

हालांकि, फूड एग्रीगेटर ने उस सटीक स्थान का खुलासा नहीं किया, जहां ड्रोन ने पैकेज दिया था.

ये भी पढ़ें: इंडिगो 15 सितंबर से शुरू करेगी चीन के चेंगदू के लिए नयी उड़ान

डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) द्वारा 13 मई को जारी अधिसूचना के अनुसार, इच्छुक कंपनियों को डीजीसीए को एक्सपेक्टेड बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ साइट ऑपरेशंस (बीवीएलओएस) के संचालन के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जमा करने के लिए कहा गया है.

औसत 30 मिनट से 15 मिनट तक कम करने का एकमात्र तरीका हवाई मार्ग लेना है. सड़कें बहुत तेजी से वितरण के लिए कुशल नहीं हैं.

दीपेंद्र गोयल, संस्थापक और सीईओ, जोमैटो ने एक बयान में कहा, "हम टिकाऊ और सुरक्षित डिलीवरी तकनीक के निर्माण की दिशा में काम कर रहे हैं और हमारे पहले सफल परीक्षण के साथ ड्रोन द्वारा भोजन वितरण अब सिर्फ एक सपना नहीं है."

जोमैटो ने 2018 के अंत में प्रदूषण को कम करने और यातायात को संभालने जैसे मुद्दों को हल करने के लिए, लखनऊ स्थित ड्रोन स्टार्टअप टेकईगल का अधिग्रहण किया था.

वर्तमान में, फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म के बाइकर बेड़े में भोजन पहुंचाने के लिए आवश्यक औसत समय 30 मिनट है.
कंपनी ने कहा कि सड़कों और प्रदूषण पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए, डिलीवरी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना मेट्रो शहरों के लिए गेम चेंजर हो सकता है क्योंकि इससे सड़कों पर अनावश्यक ट्रैफिक को रोकने और इसे आकाश की ओर निर्देशित करने में मदद मिलेगी.

नई दिल्ली: ऑनलाइन ऑर्डरिंग और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ने बुधवार को कहा कि उसने हाइब्रिड ड्रोन का इस्तेमाल कर अपनी पहली ड्रोन डिलीवरी तकनीक का सफल परीक्षण किया है, जिसमें फूड पैकेट देने के लिए 80 किमी प्रति घंटे की उच्च रफ्तार के साथ लगभग 10 मिनट में पांच किमी की दूरी तय की है.

जोमैटो ने किया ड्रोन से खाना पहुंचाने का परीक्षण

जोमैटो ने आईएएनएस को बताया, "ड्रोन का परीक्षण डीजीसीए द्वारा अनुमोदित दूरदराज के स्थलों में से एक पर पिछले सप्ताह किया गया था. इस तरह के परीक्षण बहुत दूरदराज के स्थलों पर किए जाते हैं, जिन्हें विशेष रूप से डिजाइन किया जाता है."

हालांकि, फूड एग्रीगेटर ने उस सटीक स्थान का खुलासा नहीं किया, जहां ड्रोन ने पैकेज दिया था.

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डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) द्वारा 13 मई को जारी अधिसूचना के अनुसार, इच्छुक कंपनियों को डीजीसीए को एक्सपेक्टेड बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ साइट ऑपरेशंस (बीवीएलओएस) के संचालन के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जमा करने के लिए कहा गया है.

औसत 30 मिनट से 15 मिनट तक कम करने का एकमात्र तरीका हवाई मार्ग लेना है. सड़कें बहुत तेजी से वितरण के लिए कुशल नहीं हैं.

दीपेंद्र गोयल, संस्थापक और सीईओ, जोमैटो ने एक बयान में कहा, "हम टिकाऊ और सुरक्षित डिलीवरी तकनीक के निर्माण की दिशा में काम कर रहे हैं और हमारे पहले सफल परीक्षण के साथ ड्रोन द्वारा भोजन वितरण अब सिर्फ एक सपना नहीं है."

जोमैटो ने 2018 के अंत में प्रदूषण को कम करने और यातायात को संभालने जैसे मुद्दों को हल करने के लिए, लखनऊ स्थित ड्रोन स्टार्टअप टेकईगल का अधिग्रहण किया था.

वर्तमान में, फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म के बाइकर बेड़े में भोजन पहुंचाने के लिए आवश्यक औसत समय 30 मिनट है.
कंपनी ने कहा कि सड़कों और प्रदूषण पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए, डिलीवरी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना मेट्रो शहरों के लिए गेम चेंजर हो सकता है क्योंकि इससे सड़कों पर अनावश्यक ट्रैफिक को रोकने और इसे आकाश की ओर निर्देशित करने में मदद मिलेगी.

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नई दिल्ली: ऑनलाइन ऑर्डरिंग और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ने बुधवार को कहा कि उसने हाइब्रिड ड्रोन का इस्तेमाल कर अपनी पहली ड्रोन डिलीवरी तकनीक का सफल परीक्षण किया है, जिसमें फूड पैकेट देने के लिए 80 किमी प्रति घंटे की उच्च रफ्तार के साथ लगभग 10 मिनट में पांच किमी की दूरी तय की है.

जोमाटो ने आईएएनएस को बताया, "ड्रोन का परीक्षण डीजीसीए द्वारा अनुमोदित दूरदराज के स्थलों में से एक पर पिछले सप्ताह किया गया था. इस तरह के परीक्षण बहुत दूरदराज के स्थलों पर किए जाते हैं, जिन्हें विशेष रूप से डिजाइन किया जाता है."

हालांकि, फूड एग्रीगेटर ने उस सटीक स्थान का खुलासा नहीं किया, जहां ड्रोन ने पैकेज दिया था.

डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) द्वारा 13 मई को जारी अधिसूचना के अनुसार, इच्छुक कंपनियों को डीजीसीए को एक्सपेक्टेड बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ साइट ऑपरेशंस (बीवीएलओएस) के संचालन के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जमा करने के लिए कहा गया है.

औसत 30 मिनट से 15 मिनट तक कम करने का एकमात्र तरीका हवाई मार्ग लेना है. सड़कें बहुत तेजी से वितरण के लिए कुशल नहीं हैं.

दीपेंद्र गोयल, संस्थापक और सीईओ, जोमैटो ने एक बयान में कहा, "हम टिकाऊ और सुरक्षित डिलीवरी तकनीक के निर्माण की दिशा में काम कर रहे हैं और हमारे पहले सफल परीक्षण के साथ ड्रोन द्वारा भोजन वितरण अब सिर्फ एक सपना नहीं है."

जोमैटो ने 2018 के अंत में प्रदूषण को कम करने और यातायात को संभालने जैसे मुद्दों को हल करने के लिए, लखनऊ स्थित ड्रोन स्टार्टअप टेकईगल का अधिग्रहण किया था।

वर्तमान में, फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म के बाइकर बेड़े में भोजन पहुंचाने के लिए आवश्यक औसत समय 30 मिनट है।

कंपनी ने कहा कि सड़कों और प्रदूषण पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए, डिलीवरी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना मेट्रो शहरों के लिए गेम चेंजर हो सकता है क्योंकि इससे सड़कों पर अनावश्यक ट्रैफिक को रोकने और इसे आकाश की ओर निर्देशित करने में मदद मिलेगी.

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Last Updated : Jun 12, 2019, 7:41 PM IST
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