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येस बैंक ने एनपीए खातों के निपटान के लिए एक विशेष विभाग बनाया

बैंक के एनपीए खातों का आंकड़ा 50,000 करोड़ रुपये को पार कर चुका है. यह विशेष विभाग ऐसे खातों के निपटान और वसूली में मदद करेगा. कुमार ने कहा कि बैंक ने 15,000 करोड़ रुपये की प्रस्तावित पूंजी जुटाने की प्रक्रिया के लिए छह मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति की है.

येस बैंक ने एनपीए खातों के निपटान के लिए एक विशेष विभाग बनाया
येस बैंक ने एनपीए खातों के निपटान के लिए एक विशेष विभाग बनाया
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Published : May 7, 2020, 11:26 PM IST

मुंबई: निजी क्षेत्र के येस बैंक ने एनपीए (गैर निष्पादित आस्तियां) खातों के निपटान के लिए खासतौर से एक विभाग बनाया है. पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान येस बैंक के डूबे कर्ज में काफी इजाफा हुआ है. येस बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) प्रशांत कुमार ने पीटीआई-भाषा से कहा कि बैंक ने दबाव वाली संपत्तियों के लिए खासतौर से एक विभाग बनाया है.

बैंक के एनपीए खातों का आंकड़ा 50,000 करोड़ रुपये को पार कर चुका है. यह विशेष विभाग ऐसे खातों के निपटान और वसूली में मदद करेगा. कुमार ने कहा कि बैंक ने 15,000 करोड़ रुपये की प्रस्तावित पूंजी जुटाने की प्रक्रिया के लिए छह मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति की है. बैंक इसके जरिये वैश्विक निजी इक्विटी कोषों सहित नए निवेशकों को लाने का प्रयास कर रहा है.

येस बैंक के संस्थापक सीईओ राणा कपूर के कार्यकाल में कथित कुप्रबंधन के चलते भारतीय रिजर्व बैंक ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था। भारतीय स्टेट बैंक सहित कई ऋणदाताओं से मिली पूंजी की बदौलत निजी क्षेत्र का यह बैंक परिचालन में बना हुआ है. इन ऋणदाताओं ने बैंक में 10,000 करोड़ रुपये की नई पूंजी डाली है. कुमार ने बैंक का प्रभार संभालने के साथ डूबे कर्ज की पहचान शुरू की। इससे दिसंबर, 2019 की तिमाही में बैंक को 18,000 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ.

कुमार ने कहा, "बैंक का एनपीए करीब 50,000 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है. यह राशि काफी बड़ी है. इसके निपटान और वसूली के लिए हमें विशेष ध्यान देने की जरूरत है. बैंक को उम्मीद है कि 2020-21 में वह 8,000 करोड़ रुपये की पूंजी या उसका निपटान कर सकेगा.

ये भी पढ़ें: एलजी पॉलिमार के गेस रिसाव वाले कारखाने में बनते हैं एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के बर्तन

कुमार ने कहा कि वसूली और निपटान के जरिये बैंक को भविष्य में मुनाफे की उम्मीद है. बैंक पहले ही डूबी संपत्तियों के लिए प्रावधान कर चुका है. ऐसे में यह राशि बैंक के पास लौटेगी.

उन्होंने कहा कि इससे बैंक की पूंजी की स्थिति को भी मजबूत करने में मदद मिलेगी, जो 31 मार्च, 2020 तक 8.5 प्रतिशत के काफी निचले स्तर पर आ गई है. उन्होंने कहा कि इस विशेष विभाग में 100 कार्यकारी हैं जो एनपीए प्रबंधन में दक्ष हैं.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: निजी क्षेत्र के येस बैंक ने एनपीए (गैर निष्पादित आस्तियां) खातों के निपटान के लिए खासतौर से एक विभाग बनाया है. पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान येस बैंक के डूबे कर्ज में काफी इजाफा हुआ है. येस बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) प्रशांत कुमार ने पीटीआई-भाषा से कहा कि बैंक ने दबाव वाली संपत्तियों के लिए खासतौर से एक विभाग बनाया है.

बैंक के एनपीए खातों का आंकड़ा 50,000 करोड़ रुपये को पार कर चुका है. यह विशेष विभाग ऐसे खातों के निपटान और वसूली में मदद करेगा. कुमार ने कहा कि बैंक ने 15,000 करोड़ रुपये की प्रस्तावित पूंजी जुटाने की प्रक्रिया के लिए छह मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति की है. बैंक इसके जरिये वैश्विक निजी इक्विटी कोषों सहित नए निवेशकों को लाने का प्रयास कर रहा है.

येस बैंक के संस्थापक सीईओ राणा कपूर के कार्यकाल में कथित कुप्रबंधन के चलते भारतीय रिजर्व बैंक ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था। भारतीय स्टेट बैंक सहित कई ऋणदाताओं से मिली पूंजी की बदौलत निजी क्षेत्र का यह बैंक परिचालन में बना हुआ है. इन ऋणदाताओं ने बैंक में 10,000 करोड़ रुपये की नई पूंजी डाली है. कुमार ने बैंक का प्रभार संभालने के साथ डूबे कर्ज की पहचान शुरू की। इससे दिसंबर, 2019 की तिमाही में बैंक को 18,000 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ.

कुमार ने कहा, "बैंक का एनपीए करीब 50,000 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है. यह राशि काफी बड़ी है. इसके निपटान और वसूली के लिए हमें विशेष ध्यान देने की जरूरत है. बैंक को उम्मीद है कि 2020-21 में वह 8,000 करोड़ रुपये की पूंजी या उसका निपटान कर सकेगा.

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कुमार ने कहा कि वसूली और निपटान के जरिये बैंक को भविष्य में मुनाफे की उम्मीद है. बैंक पहले ही डूबी संपत्तियों के लिए प्रावधान कर चुका है. ऐसे में यह राशि बैंक के पास लौटेगी.

उन्होंने कहा कि इससे बैंक की पूंजी की स्थिति को भी मजबूत करने में मदद मिलेगी, जो 31 मार्च, 2020 तक 8.5 प्रतिशत के काफी निचले स्तर पर आ गई है. उन्होंने कहा कि इस विशेष विभाग में 100 कार्यकारी हैं जो एनपीए प्रबंधन में दक्ष हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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