नई दिल्ली : मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमले में मारे गए यस बैंक के संस्थापक अध्यक्ष अशोक कपूर के बारे में एक बेहद छोटा सा श्रद्धांजलि संदेश पांच महीने बाद प्रकाशित हुई कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट में छापा गया. इस संदेश को बहुत ध्यान से नजर डालने पर ही देखा जा सकता था. एक नई किताब में यह दावा किया गया है.
मुंबई आतंकवादी हमले में हुई थी मौत
बैंक में 12 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले कपूर मुंबई के ट्राइडेंट-ओबेरॉय होटल में नियमित रूप से जाते थे और वह 26 नवंबर 2008 को वहां कंधार रेस्टोरेंट में अपनी पत्नी के साथ भोजन करने गए थे. हाल में प्रकाशित किताब यस बैंक: दि अनटोल्ड स्टोरी ऑफ राणा कपूर में लिखा है कि भोजन करने के दौरान होटल में आतंकवादी घुस गए और इस अफरातफरी में अशोक कपूर और उनकी पत्नी अलग हो गए. यह उनके लिए एक बड़ी गलती साबित हुई. सुरक्षा अधिकारियों ने उनकी पत्नी को तो सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन वह गोलीबारी का शिकार हो गए.
महज एक संक्षिप्त टिप्पणी छपी
लेखक पवन सी लल्ला ने लिखा कि कपूर की मृत्यु के पांच महीने बाद यस बैंक को वित्त वर्ष के लिए अपने वार्षिक कार्यों को संक्षेप में प्रस्तुत करना था और उसे अपनी वार्षिक रिपोर्ट में दर्शाना था. यह सभी सूचीबद्ध कंपनियों के लिए जरूरी है. इसमें निदेशक की रिपोर्ट, बहीखाता, वित्तीय विवरण, घोषणाएं और बहुत कुछ शामिल होती हैं. हालांकि, पेज 25 के निचले हिस्से में आसानी से ओझल हो सकने वाले पैराग्राफ में निदेशक के बारे में एक संक्षिप्त टिप्पणी थी.
पुस्तक में छपी यस बैंक की टिप्पणी
पुस्तक में छपी यस बैंक की टिप्पणी- 'यस बैंक के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष अशोक कपूर के 28 नवंबर 2008 के निधन पर आपके निदेशक गहरा दुख व्यक्त करते हैं. आपके निदेशक कपूर द्वारा बोर्ड में और कॉरपोरेट प्रशासन के नियमों के तहत यस बैंक के पहले गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में किए गए महत्वपूर्ण योगदान और उत्कृष्ट सेवाओं की अत्यधिक सराहना करते हैं.'
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बाद में बैंक को मुश्किल वक्त का सामना करना पड़ा
लल्ला ने आगे लिखा की कपूर का कोई चित्र नहीं छापा गया और न ही बताया गया कि बैंक को आगे बढ़ाने में उन्होंने क्या योगदान किया. यस बैंक की शुरुआत 2004 में हुई थी और जल्द ही यह देश का चौथा सबसे बड़ा निजी बैंक बन गया. हालांकि, बाद में बैंक को मुश्किल वक्त का सामना करना पड़ा और वह दिवालिया होने की कगार पर आ गया.