नई दिल्ली: ऋण संकट में फंसी कंपनी आईएलएंडएफएस में लंबे समय से चल रही धोखाधड़ी का खुलासा काफी पहले 2017 में ही हो गया होता पर कंपनी के शीर्ष प्रबंधकों ने स्वतंत्र निदेशकों के साथ मिलकर इस बारे में एक व्हिसलब्लोअर (अंदर के कर्मचारी) की शिकायत परलीपापोती कर दी. जांच में इसका खुलासा हुआ है.
गंभीर कपट अन्वेषण कार्यालय (एसएफआईओ) आईएलएंडएफएस समूह की कंपनी आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएफआईएन) के मामलों की जांच कर रहा है. इसमें 2017 में एक व्हिसलब्लोअर की शिकायत पर शीर्ष प्रबंधन द्वारा लीपापोती करने समेत कई गंभीर खामियों का पता चला है.
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अधिकारियों के अनुसार ईमेल समेत अन्य स्रोतों से जुटायी गयी जानकारियों से यह पता चला है कि 2017 की शुरुआत में एक व्हिसलब्लोअर ने शिकायत की थी. ऑडिट समिति को इसके बाद कंपनी की सतर्कता व्यवस्था पर नजर करने की जरूरत थी लेकिन वे शिकायत पर उचित तरीके से कदम उठाने में असफल रहे.
अधिकारियों ने कहा कि प्रबंधन को मार्च 2017 में ही शिकायत मिल गयी थी लेकिन ऑडिट समिति ने दिसंबर 2017 में इसके बारे में चर्चा की. आडिट समिति उसके बाद प्रबंधन-तंत्र की राय पर ही निर्भर रह गयी और इस संबंध में और कोई जांच नहीं की. वित्तीय संकट में फंसे इस समूह पर 90,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज की देनदारी है.
आईएलएंडएफएस घोटाला: व्हिसलब्लोअर ने 2017 में ही की थी शिकायत, प्रबंधन ने कर दी लीपापोती
आईएलएंडएफएस में लंबे समय से चल रही धोखाधड़ी का खुलासा काफी पहले 2017 में ही हो गया होता पर कंपनी के शीर्ष प्रबंधकों ने स्वतंत्र निदेशकों के साथ मिलकर इस बारे में एक व्हिसलब्लोअर (अंदर के कर्मचारी) की शिकायत परलीपापोती कर दी.
नई दिल्ली: ऋण संकट में फंसी कंपनी आईएलएंडएफएस में लंबे समय से चल रही धोखाधड़ी का खुलासा काफी पहले 2017 में ही हो गया होता पर कंपनी के शीर्ष प्रबंधकों ने स्वतंत्र निदेशकों के साथ मिलकर इस बारे में एक व्हिसलब्लोअर (अंदर के कर्मचारी) की शिकायत परलीपापोती कर दी. जांच में इसका खुलासा हुआ है.
गंभीर कपट अन्वेषण कार्यालय (एसएफआईओ) आईएलएंडएफएस समूह की कंपनी आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएफआईएन) के मामलों की जांच कर रहा है. इसमें 2017 में एक व्हिसलब्लोअर की शिकायत पर शीर्ष प्रबंधन द्वारा लीपापोती करने समेत कई गंभीर खामियों का पता चला है.
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अधिकारियों के अनुसार ईमेल समेत अन्य स्रोतों से जुटायी गयी जानकारियों से यह पता चला है कि 2017 की शुरुआत में एक व्हिसलब्लोअर ने शिकायत की थी. ऑडिट समिति को इसके बाद कंपनी की सतर्कता व्यवस्था पर नजर करने की जरूरत थी लेकिन वे शिकायत पर उचित तरीके से कदम उठाने में असफल रहे.
अधिकारियों ने कहा कि प्रबंधन को मार्च 2017 में ही शिकायत मिल गयी थी लेकिन ऑडिट समिति ने दिसंबर 2017 में इसके बारे में चर्चा की. आडिट समिति उसके बाद प्रबंधन-तंत्र की राय पर ही निर्भर रह गयी और इस संबंध में और कोई जांच नहीं की. वित्तीय संकट में फंसे इस समूह पर 90,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज की देनदारी है.
आईएलएंडएफएस घोटाला: व्हिसलब्लोअर ने 2017 में ही की थी शिकायत, प्रबंधन ने कर दी लीपापोती
नई दिल्ली: ऋण संकट में फंसी कंपनी आईएलएंडएफएस में लंबे समय से चल रही धोखाधड़ी का खुलासा काफी पहले 2017 में ही हो गया होता पर कंपनी के शीर्ष प्रबंधकों ने स्वतंत्र निदेशकों के साथ मिलकर इस बारे में एक व्हिसलब्लोअर (अंदर के कर्मचारी) की शिकायत परलीपापोती कर दी. जांच में इसका खुलासा हुआ है.
गंभीर कपट अन्वेषण कार्यालय (एसएफआईओ) आईएलएंडएफएस समूह की कंपनी आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएफआईएन) के मामलों की जांच कर रहा है. इसमें 2017 में एक व्हिसलब्लोअर की शिकायत पर शीर्ष प्रबंधन द्वारा लीपापोती करने समेत कई गंभीर खामियों का पता चला है.
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अधिकारियों के अनुसार ईमेल समेत अन्य स्रोतों से जुटायी गयी जानकारियों से यह पता चला है कि 2017 की शुरुआत में एक व्हिसलब्लोअर ने शिकायत की थी. ऑडिट समिति को इसके बाद कंपनी की सतर्कता व्यवस्था पर नजर करने की जरूरत थी लेकिन वे शिकायत पर उचित तरीके से कदम उठाने में असफल रहे.
अधिकारियों ने कहा कि प्रबंधन को मार्च 2017 में ही शिकायत मिल गयी थी लेकिन ऑडिट समिति ने दिसंबर 2017 में इसके बारे में चर्चा की. आडिट समिति उसके बाद प्रबंधन-तंत्र की राय पर ही निर्भर रह गयी और इस संबंध में और कोई जांच नहीं की. वित्तीय संकट में फंसे इस समूह पर 90,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज की देनदारी है.
Conclusion: