नई दिल्ली: दूरसंचार उद्योग के दिग्गज सुनील मित्तल ने कहा है कि भारतीय दूरसंचार सेवा उद्योग शुल्क की दरें अत्यधिक नीचे गिरने और सेवा-उपभोग ऊंचा होने की मिली जुले असर से खत्म हो रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और निवेशकों तथा उपभोक्ताओं के हित में संतुलन बिठाना चाहिए.
मित्तल ने बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ कंपनी जगत के लोगों की बजट पूर्व परामर्श-बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "मेरा मानना है कि निवेश और उपभोक्ता की जरूरत के बीच संतुलन बैठाया जाना चाहिए."
मित्तल ने कहा, "मेरा विचार है कि 200 रुपये औसत राजस्व प्रति ग्राहक (एआरपीयू) अंतत: 300 रुपये पर जाएगा. निचले स्तर पर यह उपभोक्ताओं के लिए एक माह के डेटा, वायस और अन्य सेवाओं के लिए 100 रुपये पर आ सकता है. ऊपरी स्तर पर यह 450 से 500 रुपये पर जा सकता है. ऐसे में अंतत: यह करीब 300 रुपये प्रति माह रहेगा. यह चार डॉलर प्रति माह बैठेगा. यह दुनिया में सबसे कम है. वहीं दूसरी ओर दुनिया के किसी अन्य स्थान की तुलना में डेटा की खपत दो से तीन गुना अधिक होगी."
उन्होंने कहा कि उद्योग को इसपर संतुलन बैठाने की जरूरत है. ट्राई को इस पर काम करने की जरूरत है. उद्योग के पास ऐसी व्यवस्था नहीं है कि वह इसे व्यवस्थित कर सके. मित्तल ने कहा कि हम अनावश्यक तरीके से उद्योग को खत्म कर रहे हैं. यह पूरे उद्योग के लिए हितकारी नहीं है. हमें इसमें ट्राई के हस्तक्षेप की जरूरत है.
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