ETV Bharat / business

टिकटॉक के जरिये ऑनलाइन बाजार में दांव लगाना चाहती है वॉलमार्ट

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार की बिक्री चाहता है. टिकटॉक की मालिक चीन की कंपनी बाइटडांस है और ट्रंप प्रशासन का दावा है कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है.

टिकटॉक के जरिये ऑनलाइन बाजार में दांव लगाना चाहती है वॉलमार्ट
टिकटॉक के जरिये ऑनलाइन बाजार में दांव लगाना चाहती है वॉलमार्ट
author img

By

Published : Aug 30, 2020, 12:58 PM IST

न्यूयॉर्क: वॉलमार्ट बेशक दुनिया की सबसे बड़ी रिटलेर कंपनी है, लेकिन अमेजन के ऑनलाइन दबदबे को तोड़ने के इसके प्रयास विफल रहे हैं. क्या इसका जवाब तेजी से बढ़ती तीन साल पुरानी वीडियो ऐप टिकटॉक है.

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार की बिक्री चाहता है. टिकटॉक की मालिक चीन की कंपनी बाइटडांस है और ट्रंप प्रशासन का दावा है कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है.

ये भी पढ़ें- मेगा डील: मुकेश अंबानी ने खरीदा फ्यूचर समूह, 24 हजार करोड़ रुपये में हुआ सौदा

हालांकि, टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार के अधिग्रहण की दौड़ में कई कंपनियां हैं, लेकिन प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट के साथ वॉलमार्ट को इस दौड़ में आगे जाना जा रहा है.

टिकटॉक का ई-कॉमर्स कारोबार आज काफी छोटा है लेकिन इसके अमेरिका में प्रयोगकर्ताओं की संख्या 10 करोड़ है जो देश की आबादी का करीब एक-तिहाई है. इनमें से काफी खरीदार युवा हैं और उन तक परंपरागत मीडिया और विज्ञापनों के जरिये नहीं पहुंचा जा सकता.

विभिन्न ब्रांड के लिए ऑनलाइन मार्केटप्लेस बनाने वाली वीटैक्स के मुख्य रणनीति अधिकारी अमित शाह ने कहा, "वॉलमार्ट या अमेजन के भविष्य के ग्राहक वे होंगे, जो टिकटॉक पेशकश करेगी."

हालांकि, विश्लेषक एक बात को लेकर आशान्वित हैं, टिकटॉक की मदद से वॉलमार्ट ऑनलाइन शॉपिंग बाजार में अपनी पैठ बना सकती है. उनका मानना है कि वॉलमार्ट अपने लॉजिस्टिक्स तथा फुलफिलमेंट क्षेत्र में दबदबे तथा प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर माइक्रोसॉफ्ट की मदद से ऑनलाइन बाजार में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर सकती है.

(एपी)

न्यूयॉर्क: वॉलमार्ट बेशक दुनिया की सबसे बड़ी रिटलेर कंपनी है, लेकिन अमेजन के ऑनलाइन दबदबे को तोड़ने के इसके प्रयास विफल रहे हैं. क्या इसका जवाब तेजी से बढ़ती तीन साल पुरानी वीडियो ऐप टिकटॉक है.

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार की बिक्री चाहता है. टिकटॉक की मालिक चीन की कंपनी बाइटडांस है और ट्रंप प्रशासन का दावा है कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है.

ये भी पढ़ें- मेगा डील: मुकेश अंबानी ने खरीदा फ्यूचर समूह, 24 हजार करोड़ रुपये में हुआ सौदा

हालांकि, टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार के अधिग्रहण की दौड़ में कई कंपनियां हैं, लेकिन प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट के साथ वॉलमार्ट को इस दौड़ में आगे जाना जा रहा है.

टिकटॉक का ई-कॉमर्स कारोबार आज काफी छोटा है लेकिन इसके अमेरिका में प्रयोगकर्ताओं की संख्या 10 करोड़ है जो देश की आबादी का करीब एक-तिहाई है. इनमें से काफी खरीदार युवा हैं और उन तक परंपरागत मीडिया और विज्ञापनों के जरिये नहीं पहुंचा जा सकता.

विभिन्न ब्रांड के लिए ऑनलाइन मार्केटप्लेस बनाने वाली वीटैक्स के मुख्य रणनीति अधिकारी अमित शाह ने कहा, "वॉलमार्ट या अमेजन के भविष्य के ग्राहक वे होंगे, जो टिकटॉक पेशकश करेगी."

हालांकि, विश्लेषक एक बात को लेकर आशान्वित हैं, टिकटॉक की मदद से वॉलमार्ट ऑनलाइन शॉपिंग बाजार में अपनी पैठ बना सकती है. उनका मानना है कि वॉलमार्ट अपने लॉजिस्टिक्स तथा फुलफिलमेंट क्षेत्र में दबदबे तथा प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर माइक्रोसॉफ्ट की मदद से ऑनलाइन बाजार में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर सकती है.

(एपी)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.