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चुनाव के बाद वाहनों की बिक्री में आएगी तेजी: एसआईएम डीजी - ऑटोमोबाइल

ईटीवी भारत को दिए साक्षात्कार में सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के महानिदेशक विष्णु माथुर ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र से जुडे़ कई मुद्दों पर बात की. जानिए जीएसटी को लेकर क्या कहते हैं माथुर ?

विष्णु माथुर, महानिदेशक, सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स
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Published : Apr 17, 2019, 12:08 PM IST

नई दिल्ली: ऐसे समय में जब भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर बताया गया है. वहीं यात्री वाहन की बिक्री में पिछले चार वर्षों में सबसे कम वृद्धि देखी गई है. जो वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 2.7% तक गिर गई है.

ईटीवी भारत को दिए साक्षात्कार में सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के महानिदेशक विष्णु माथुर ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र से जुडे़ कई मुद्दों पर बात की. सियाम भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए काम कर रहे एक शीर्ष राष्ट्रीय निकाय में से एक है.

ये भी पढ़ें- जेट ने 400 करोड़ रुपये मांगे, बेड़े में अब मात्र 5 विमान

जीएसटी से ऑटोमोबाइल उद्योग को लाभ
साक्षात्कार में माथुर ने कहा कि ऑटोमोबाइल की बिक्री में चुनाव प्रक्रिया के पूरा होने के बाद और विशेष रूप से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में तेजी आएगी. उनका यह भी मानना है कि इनपुट क्रेडिट मैकेनिज्म के माध्यम से जीएसटी से ऑटोमोबाइल उद्योग को लाभ हुआ है.

बीएस VI मानदंडों के कार्यान्वयन पर
उत्सर्जन मानदंड पर बात करते हुए माथुर ने कहा कि नए उत्सर्जन मानदंड मौजूदा वाहन मॉडल से बाहर निकलेंगे या नहीं यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कोई कंपनी उत्पादन जारी रखना चाहती है या बंद करना चाहती है या अपग्रेड करना चाहती है.

नए उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने के लिए इंजन का उन्नयन एक मूल्य पर आएगा. अपग्रेडेशन लागत से ही कंपनियों को पुराने मॉडलों को चुनने या नए मूल्य बिंदुओं पर नए मॉडल तैयार करने में मदद मिलेगी. यह निश्चित रूप से लागत में मदद करेगा. इसलिए यह उम्मीद की जाती है कि ग्राहक बीएस VI मानदंडों के लागू होने से पहले प्री-बुकिंग दर्ज करेंगे.

निष्क्रिय क्षमता पर
उद्योग में निष्क्रिय क्षमता पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में बैक-टू-बैक महत्वपूर्ण ब्याज दरों में कमी के बावजूद क्रेडिट में गिरावट आई है. बता दें कि फरवरी के लिए आईआईपी के आंकड़ों में 0.1 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है, जो पिछले 20 महीनों में सबसे कम है. उन्होंने कहा कि कम ब्याज दरों के लाभ पर मिलने में समय लगेगा और आने वाली तिमाहियों में और इस ओर गति मिलने की उम्मीद है.

ग्रामीण मांग पर घटने पर
इस बारे में कि क्या ग्रामीण इलाकों से मांग में कमी आई है, जो अर्थव्यवस्था में मांग का एक मुख्य स्रोत है, माथुर ने कहा कि वह इसे इस तरह से नहीं देखते हैं. उन्होंने कहा कि ऑटो सेक्टर विकास के मुख्य इंजनों में से एक था जो भारतीय अर्थव्यवस्था को चला रहा था.

नई दिल्ली: ऐसे समय में जब भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर बताया गया है. वहीं यात्री वाहन की बिक्री में पिछले चार वर्षों में सबसे कम वृद्धि देखी गई है. जो वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 2.7% तक गिर गई है.

ईटीवी भारत को दिए साक्षात्कार में सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के महानिदेशक विष्णु माथुर ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र से जुडे़ कई मुद्दों पर बात की. सियाम भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए काम कर रहे एक शीर्ष राष्ट्रीय निकाय में से एक है.

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जीएसटी से ऑटोमोबाइल उद्योग को लाभ
साक्षात्कार में माथुर ने कहा कि ऑटोमोबाइल की बिक्री में चुनाव प्रक्रिया के पूरा होने के बाद और विशेष रूप से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में तेजी आएगी. उनका यह भी मानना है कि इनपुट क्रेडिट मैकेनिज्म के माध्यम से जीएसटी से ऑटोमोबाइल उद्योग को लाभ हुआ है.

बीएस VI मानदंडों के कार्यान्वयन पर
उत्सर्जन मानदंड पर बात करते हुए माथुर ने कहा कि नए उत्सर्जन मानदंड मौजूदा वाहन मॉडल से बाहर निकलेंगे या नहीं यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कोई कंपनी उत्पादन जारी रखना चाहती है या बंद करना चाहती है या अपग्रेड करना चाहती है.

नए उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने के लिए इंजन का उन्नयन एक मूल्य पर आएगा. अपग्रेडेशन लागत से ही कंपनियों को पुराने मॉडलों को चुनने या नए मूल्य बिंदुओं पर नए मॉडल तैयार करने में मदद मिलेगी. यह निश्चित रूप से लागत में मदद करेगा. इसलिए यह उम्मीद की जाती है कि ग्राहक बीएस VI मानदंडों के लागू होने से पहले प्री-बुकिंग दर्ज करेंगे.

निष्क्रिय क्षमता पर
उद्योग में निष्क्रिय क्षमता पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में बैक-टू-बैक महत्वपूर्ण ब्याज दरों में कमी के बावजूद क्रेडिट में गिरावट आई है. बता दें कि फरवरी के लिए आईआईपी के आंकड़ों में 0.1 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है, जो पिछले 20 महीनों में सबसे कम है. उन्होंने कहा कि कम ब्याज दरों के लाभ पर मिलने में समय लगेगा और आने वाली तिमाहियों में और इस ओर गति मिलने की उम्मीद है.

ग्रामीण मांग पर घटने पर
इस बारे में कि क्या ग्रामीण इलाकों से मांग में कमी आई है, जो अर्थव्यवस्था में मांग का एक मुख्य स्रोत है, माथुर ने कहा कि वह इसे इस तरह से नहीं देखते हैं. उन्होंने कहा कि ऑटो सेक्टर विकास के मुख्य इंजनों में से एक था जो भारतीय अर्थव्यवस्था को चला रहा था.

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चुनाव के बाद वाहन बिक्री में आएगी तेजी : एसआईएम डीजी

नई दिल्ली: ऐसे समय में जब भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर बताया गया है. यात्री वाहन की बिक्री में पिछले चार वर्षों में सबसे कम वृद्धि देखी गई है. जो वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 2.7% तक गिर गई है.

ईटीवी भारत को दिए साक्षात्कार में सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के महानिदेशक विष्णु माथुर ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र से जुडे़ कई मुद्दों पर बात की. सियाम भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए काम कर रहे एक शीर्ष राष्ट्रीय निकाय में से एक है.



जीएसटी से ऑटोमोबाइल उद्योग को लाभ

साक्षात्कार में माथुर ने कहा कि ऑटोमोबाइल की बिक्री में चुनाव प्रक्रिया के पूरा होने के बाद और विशेष रूप से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में तेजी आएगी. उनका यह भी मानना है कि इनपुट क्रेडिट मैकेनिज्म के माध्यम से जीएसटी से ऑटोमोबाइल उद्योग को लाभ हुआ है.



बीएस VI मानदंडों के कार्यान्वयन पर

उत्सर्जन मानदंड पर बात करते हुए माथुर ने कहा कि नए उत्सर्जन मानदंड मौजूदा वाहन मॉडल से बाहर निकलेंगे या नहीं यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कोई कंपनी उत्पादन जारी रखना चाहती है या बंद करना चाहती है या अपग्रेड करना चाहती है.

नए उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने के लिए इंजन का उन्नयन एक मूल्य पर आएगा. अपग्रेडेशन लागत से ही कंपनियों को पुराने मॉडलों को चुनने या नए मूल्य बिंदुओं पर नए मॉडल तैयार करने में मदद मिलेगी. यह निश्चित रूप से लागत में मदद करेगा. इसलिए यह उम्मीद की जाती है कि ग्राहक बीएस VI मानदंडों के लागू होने से पहले प्री-बुकिंग दर्ज करेंगे.



निष्क्रिय क्षमता पर

उद्योग में निष्क्रिय क्षमता पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में बैक-टू-बैक महत्वपूर्ण ब्याज दरों में कमी के बावजूद क्रेडिट में गिरावट आई है. बता दें कि फरवरी के लिए आईआईपी के आंकड़ों में 0.1 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है, जो पिछले 20 महीनों में सबसे कम है. उन्होंने कहा कि कम ब्याज दरों के लाभ पर मिलने में समय लगेगा और आने वाली तिमाहियों में और इस ओर गति मिलने की उम्मीद है.



ग्रामीण मांग पर घटने पर

इस बारे में कि क्या ग्रामीण इलाकों से मांग में कमी आई है, जो अर्थव्यवस्था में मांग का एक मुख्य स्रोत है, माथुर ने कहा कि वह इसे इस तरह से नहीं देखते हैं. उन्होंने कहा कि ऑटो सेक्टर विकास के मुख्य इंजनों में से एक था जो भारतीय अर्थव्यवस्था को चला रहा था.

    


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